ठंड के मौसम में बच्चों को सर्दी-जुकाम से बचाना मुश्किल हो जाता है। घर से बाहर निकलते ही बच्चों की नाक बहने लगती है। खासतौर से 2-3 साल के बच्चों को सर्दी जुकाम और इंफेक्शन सबसे ज्यादा परेशान करते हैं। इस वक्त बच्चों की इम्यूनिटी काफी कमजोर होती है। जिसकी वजह से कोल्ड कफ की समस्या जल्दी परेशान करती है। ठंड लगने पर बच्चों की सांस से आवाज आने लगती है। कफ पसलियों में जमा हो जाता है और सोते वक्त सांस लेने में खड़खड़ की आवाज आने लगती है। अगर समय रहते पहचान लें कि बच्चे को ठंड लग गई है तो उसे ठीक किया जा सकता है। हम आपको कुछ ऐसी चीजें बता रहे हैं जिससे बच्चे की सर्दी खांसी को नेचुरली ठीक किया जा सकता है।
बच्चे की छाती में ठंड लग जाए तो क्या करें
- बादाम का तेल लगाएं- अगर बच्चे को छाती में ठंड लग गई है और सांस लेने में सांय-सांय की आवाज आ रही है तो रात को सोते वक्त बच्चे के सीने पर बादाम का तेल लगा दें। आप चाहें तो तेल को हल्का गुनगुना कर लें और पसलियों पर, पीठ पर और तलवों पर तेल लगा दें। इसके बाद बच्चे को गर्म कपड़ों से कवर कर दें। 2-3 दिन ऐसा करने से ही बच्चे का कफ लूज हो जाएगा और सर्दी नहीं होगी।
- अरंडी का तेल लगाएं- अरंडी की तेल भी तासीर में गर्म होता है। इसे छाती पर लगाने से बच्चे को ठंड से बचाया जा सकता है। अगर बच्चे की पसलियों में दर्द या फिर सीने से आवाज आ रही है तो अरंडी का तेल हल्का गर्म करते छाती पर और पीठ पर लगा दें। इसके बाद शरीर को गर्म कपड़ों से कवर कर दें। आप तलवों पर भी थोड़ा तेल रब कर सकते हैं। इससे बच्चे को काफी राहत मिलेगी। ऐसा कम से कम 2-3 दिन तक करें।
- हल्दी वाला दूध- बच्चे को सर्दी से बचाने के लिए रोजाना हल्दी वाला दूध जरूर दें। इससे सर्दी जुकाम की समस्या कम होगी। अगर किसी तरह का इंफेक्शन हो भी रहा है तो वो नहीं होगा। खासतौर से रात में सोते वक्त बच्चे को हल्दी वाला दूध ही पिलाना चाहिए।
- च्वनप्राश खिलाएं- सर्दी जुकाम से दूर रखना है तो बच्चे को 1 चम्मच च्वनप्राश जरूर खिलाएं। इससे शरीर में गर्मी आती है और बच्चे को सर्दी जुकाम की समस्या नहीं होती है। च्वनप्राश खाने से बच्चे की इम्यूनिटी भी मजबूत बनती है।
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