दिल का ख्याल रखना बहुत जरूरी है। गलत आदतों की वजह से अगर आपका दिल बिगड़ गया तो फिर पूरी जिंदगी उसे संभालना पड़ता है। खास बात ये है कि दिल बीमार पड़ने से पहले कई बार हमें संकेत भी देता है। खराब लाइफस्टाइल का खामियाजा सबसे ज्यादा हमारा दिल झेलता है। जिससे दिल से संबंधित कई तरह की बीमारियां होने लगती है। जैसे आर्टरीज का ब्लॉकेज, हार्ट इन लार्ज होना, हार्ट बीट बढ़ना या घटना और कॉर्डियक अरेस्ट होना। इसलिए अगर दिल को मजबूत करना है तो सबसे पहले अपना वजन कम करना होगा क्योंकि मोटापा कई बीमारियों की जड़ है। जिसमें हार्ट डिजीज पहले नंबर पर आती है। दिल का ख्याल योग के जरिए कैसे रखा जाता है जानिए स्वामी रामदेव से।
हार्ट डिजीज के लक्षण
- सीने में दर्द होना
- सांस की तकलीफ होना
- कमजोरी महसूस होना
- हाथ-पैर ठंडे हो जाना
- असामान्य हार्ट बीट
- हार्ट बीट का तेज होना
- धीमी हार्ट बीट
- घबराहट होना
यौगिक जॉगिंग
- शरीर को सुंदर और सुडौल बनाता है
- शरीर को ऊर्जावान बनाता है
- फैट कम करता है
- डायबिटीज को कंट्रोल करता है
- सीने और हाथ की मांसपेशियों को फायदा मिलता है
- डिप्रेशन से मुक्ति पाने में सहायक होता है
- कंसंट्रेशन बढ़ाने मेमदद मिलती है
ये योगासन जरूर करें
ताड़ासन करने के फायदे
- पीठ के दर्द में राहत
- पोस्चर में सुधार होता है
- लंबाई बढ़ाने में मदद
- मानसिक जागरूकता बढ़ती है
- घुटनों के दर्द से राहत
- संतुलन बनाने में मदद
त्रिकोणासन
- पेट की चर्बी और मोटापा दूर करने में कारगर
- गर्दन, पीठ, कमर और पैर को मजबूत करता है
- शरीर का संतुलन ठीक होता है
- पाचन प्रणाली ठीक रहती है
- एसिडिटी से छुटकारा मिलता है
- चिंता, तनाव, कमर और पीठ का दर्द गायब हो जाता है
मंडूकासन
- डायबिटीज ,कोलाइटिस को कंट्रोल करे
- इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाता है
- कब्ज और गैस की समस्या करे खत्म
- पाचन तंत्र को करे सही
- लिवर, किडनी को रखें स्वस्थ्य
- वजन घटाने में करें मदद
- इस आसन से पेट संबंधी कई गंभीर बीमारियों से भी राहत मिलती है
- महिलाओं में पीरियड्स की अनियमितता और असहनीय दर्द को कम करता
भुजंगासन
- कमर को पतली और आकर्षक बनाएं
- सीना चौड़ा करें
- लंबाई बढ़ान में मददगार
- शरीर की थकावट करें दूर
- पेट की चर्बी को करें कम
- कमर दर्द से दिलाएं निजात
- शरीर में शक्ति औप स्फूर्ति का संचार करें
सूर्य नमस्कार- रोजाना करें सूर्य नमस्कार
- एनर्जी लेवल बढ़ाने में मददगार
- रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है
- पाचन तंत्र बेहतर रहता है
- शरीर में लचीलापन आता है
- स्मरण शक्ति मजबूत होती है
- वजन बढ़ाने के लिए कारगर
- शरीर को डिटॉक्स करता है
- त्वचा में निखार आता है
- तनाव की समस्या दूर होती है
हमेशा फिट रहने के लिए करें ये प्राणायाम
भस्त्रिका
इस प्राणायाम को करने से पूरे शरीर में ऑक्सीजन का ठीक ढंग से प्रवाह होता है। जिससे आपको डायबिटीज के साथ-साथ कई अन्य बीमारियों से भी निजात मिल जाएगा। इसे 1 मिनट से शुरू करके करीब 3 मिनट तक करें।
कपालभाति
इस प्राणायाम को करने से पैंक्रियाज के बीटा सेल्स दोबारा एक्टिव हो जाते हैं। जिससे तेजी से इंसुलिन बनने लगता है। इसके अलावा इसे करने से ब्लड सर्कुलेशन ठीक रहने के साथ मेटाबॉलिज्म बढ़ता है।
भ्रामरी
इस प्राणायाम को करने के लिए पहले सुखासन या पद्मासन की अवस्था में बैठ जाएं। अब अंदर गहरी सांस भरते हैं। सांस भरकर पहले अपनी अंगूलियों को ललाट में रखते हैं। जिसमें 3 अंगुलियों से आंखों को बंद करते हैं। अंगूठे से कान को बंद करते हैं। मुंह को बंदकर 'ऊं' का नाद करते हैं। इस प्राणायाम को 5 से 7 बार जरूर करना चाहिए।
अनुलोम विलोम
सबसे पहले पद्मासन की मुद्रा में बैठ जाएं। अब दाएं हाथ की अनामिका और सबसे छोटी उंगली को मिलाकर बाएं नाक पर रखें और अंगूठे को दाएं वाले नाक पर लगा लें। तर्जनी और मध्यमा को मिलाकर मोड़ लें। अब बाएं नाक की ओर से सांस भरें और उसे अनामिका और सबसे छोटी उंगली को मिलाकर बंद कर लें। इसके बाद दाएं नाक की ओर से अंगूठे को हटाकर सांस बाहर निकाल दें। इस आसन को 5 मिनट से लेकर आधा घंटा कर सकते हैं। इस प्राणायाम को करने से क्रोनिक डिजीज, तनाव, डिप्रेशन, हार्ट के लिए सबसे बेस्ट माना जाता है। इसके अलावा ये मांसपेशियों की प्रणाली को भी ठीक रखता है। इसे 10 से 15 मिनट करें।
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