युवाओं में इसलिए बढ़ रहा है हार्ट अटैक का खतरा, ये आदतें है जिम्मेदार, ऐसे रखें दिल का ख्याल
युवाओं में इसलिए बढ़ रहा है हार्ट अटैक का खतरा, ये आदतें है जिम्मेदार, ऐसे रखें दिल का ख्याल
Heart Attack In Youngsters: युवाओं मे तेजी से हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट के मामले बढ़ रहे हैं। खराब लाइफस्टाइल और खाने-पीने की आदतों से दिल की बीमारियां पनप रही हैं। स्वामी रावदेव से जानिए दिल की सेहत का कैसे रखें ख्याल और आयुर्वेद में हार्ट के लिए क्या है फायदेमंंद?
पेंसिल-वेनिया यूनिवर्सिटी के बिहेवियरल साइंटिस्ट के मुताबिक सेहत से जुड़े रेजोल्यूशंन ज्यादातर लोग 4 महीने से ज्यादा नहीं चला पाते। क्योंकि उनका दिमाग वर्क आउट ना करने के तमाम बहाने बुनता रहता है। आपका दिमाग एक्सरसाइज करने से रोकता है और इसी का नतीजा है कि 40 की उम्र आते-आते दिल की मांसपेशियां सख्त होने लगती हैं। ब्लड पंप करने की क्षमता घटने लगती है। दिल की धड़कन 60 बीट प्रति मिनट से कम हो जाती है।
आलम ये है कि देश में 28% से ज्यादा मौत सिर्फ और सिर्फ दिल की बीमारियों से होती हैं। अब सवाल ये कि इससे बचें कैसे, तो सबसे पहले दिमाग जब भी वर्कआउट ना करने को कहे तो जरूर करें। साथ में उम्र के हर स्टेज पर दिल को हेल्दी रखने के फॉर्मूले अपनाएं जैसे 20 की उम्र तक स्मोंकिग बिल्कुल ना करें। इससे स्ट्रोक का खतरा 4 गुना बढ़ जाता है। 30-40 की उम्र में करियर और फैमिली के बीच बैलेंस बैठाने में टेंशन बढ़ती है। लंबे सिटिंग वर्किगं आवर्स से हार्ट डिजीज का खतरा 34% बढ़ जाता है। तो उससे बचें और रुटीन टेस्ट करवाते रहें।
50-60 की उम्र में शुगर-बीपी-कोलेस्ट्रॉल-मोटापा बढ़ने लगते हैं तो इन्हें कंट्रोल करें। जिससे दिल पर इन बीमारियों का असर न पड़ें। 70 की उम्र में अकेलापन हावी होने लगता है, जो दिल का दुश्मन बनता है। इतना ही नहीं जो लोग हर रोज 5 घंटे से ज्यादा मोबाइल यूज करते हैं तो ये आदत भी दिल को बीमार बना रही है। स्वामी रामदेव से जानते हैं कि दिल को बीमारियों से कैसे बचाएं और हार्ट अटैक के खतरे को कैसे कम करें?
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