बिस्तर पर पेशाब आना: बच्चों में बिस्तर पर पेशाब की समस्या ज्यादा देखी जाती है। लेकिन, ये बड़ों के साथ भी हो सकता है। दरअसल, ये कोई आम समस्या नहीं है बल्कि ये एक बीमारी है जिसमें व्यक्ति नींद में खो जाता है। इसके बाद वो व्यक्ति ये समझ नहीं पाता कि उसे पेशाब कब लगा और कब उसने ये बिस्तर पर कर दिया। ऐसे में मेडिकल साइंस के पास इसका जवाब है। दरअसल, इस बीमारी को नॉकटर्नल एनुरेसिस (Nocturnal enuresis) कहते हैं। ऐसी कई चिकित्सीय स्थितियां हैं जो नॉकटर्नल एनुरेसिसकारण बन सकती हैं, जैसे मूत्र पथ संक्रमण (UTI) और ब्लैडर से जुड़ी स्थितियां (Nighttime Incontinence)। इसके अलावा भी इसके कई कारण हैं जानते हैं विस्तार से।
बिस्तर पर पेशाब करने का कारण-bed wetting causes in hindi
नॉकटर्नल एनुरेसिस (Nocturnal enuresis) में व्यक्ति नींद में रहते हुए अपने ब्लैडर पर कंट्रोल खो देता है। इसकी वजह से सोते-सोते पेशाब आने पर बिस्तर गीला हो जाता। इसके अलावा शरीर रात में एडीएच (ADH) नामक एक एंटीडाययूरेटिक हार्मोन का उत्पादन करता है, जो सोते समय किडनी द्वारा मूत्र के उत्पादन को धीमा कर देता है। एन्यूरिसिस वाले लोगों में, यह हार्मोन मूत्र के उत्पादन को धीमा करने के लिए पर्याप्त मात्रा में उत्पादित नहीं होता है, जो अक्सर बिस्तर गीला करने का कारण बनता है। इसके अलावा नींद में पेशाब करने के अन्य कई कारण हो सकते हैं। जैसे
- मूत्रवर्धक तरल पदार्थ का सेवन
- सोते समय बहुत पानी पी कर सोना
- बहुत अधिक शराब पीना
-गर्भावस्था
-वृद्ध वयस्कों में उम्र बढ़ना
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रात को बिस्तर में पेशाब आना कैसे बंद करें?
नॉकटर्नल एनुरेसिस को आप कंट्रोल करने की कोशिश कर सकते हैं। जैसे कि
-सोने से पहले तरल पदार्थ के सेवन से बचें।
-दोपहर और शाम के समय तरल पदार्थों का सेवन सीमित करें, जिससे रात में पेशाब की मात्रा में कमी आती है।
- कैफीन और अल्कोहल का सेवन कम करें या उससे बचें। ये मूत्रवर्धक की तरह काम करते हैं।
-बेडवेटिंग अलार्म सिस्टम की मदद लें।
-इसमें हर रात उठने और पेशाब करने के लिए एक अलार्म सेट करें जो कि बिस्तर गीला करने से रोकने में सहायक हो सकता है।
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इस प्रकार से आप बिस्तर गीला करने से बच सकते हैं। साथ ही आप इस स्थिति को पूरी तरह से समझने के लिए किसी डॉक्टर की भी मदद ले सकते हैं। जो आपको सही कारण के साथ इलाज में भी मदद करेगा।