अर्थराइटिस की समस्या किसी भी उम्र के लोगों को अपनी चपेट में ले सकती है। हालांकि, 60 साल से अधिक उम्र के लोगों में ये समस्या ज़्यादा होती है लेकिन अब कम उम्र में भी हड्डियों की ये बीमारी दुश्मन बन रही है। अगर बच्चे सुबह उठकर ज्वाइंट्स पेन या अकड़न की शिकायत करे तो समझ लीजिए कि ये जुवेनाइल इडियोपैथिक आर्थराइटिस के लक्षण हो सकते है। दरअसल, मौसम बदलने की वजह से मसल्स में ऐंठन होने लगती है। ब्लड वेसल्स सिकुड़ने लगते हैं। जिससे ज्वाइंट्स तक खून की सप्लाई नहीं हो पाती। नतीजा जोड़ों में दर्द-अकड़न और सूजन परेशान करने लगती है। एक ताज़ा स्टडी के मुताबिक हर 250 में से 1 व्यक्ति इस बीमारी का शिकार है। गठिया से शरीर के ऑर्गन भी खतरे में आ जाते हैं, जिनमें सबसे ज़्यादा असर हार्ट-ब्रेन और आंखों पर पड़ता है। इसलिए इस बीमारी को एडवांस स्टेज में पहुंचने से पहले ही रोकना जरूरी है। हालांक, इसका इलाज नेचुरल तरीके से भी किया जा सकता है।
कैस्टर ऑइल है रामबाण
एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर कैस्टर ऑइल हड्डियों के असहनीय दर्द को कम करने में बेहद मददगार हैं। कैस्टर ऑयल यानी अरंडी के तेल से बॉडी के जॉइंट्स पर मसाज कर पुराने से पुराने दर्द को कम किया जा सकता है। यदि इसका सही ढंग से इस्तेमाल किया जाए तो अर्थराइटिस के दर्द से आसानी से छुटकारा मिल सकता है।
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1 हफ्ते में ही दिखता है असर
अगर आप 1 हफ्ते तक लगातार इस ऑइल का इस्तेमाल कर रहे हैं तो अर्थराइटिस के दर्द से आसानी से छुटकारा मिल सकता है। जहां आपको बहुत ज़्यादा दर्द हो रहा है उस एरिया पर कैस्टर ऑइल को हल्का गुनगुना कर मसाज करें। इससे जोड़ों में होने वाली सूजन और अकड़न को भी ठीक किया जा सकता है। चार हफ्ते तक दिन में तीन बार मसाज करने से मांसपेशियों को दोबारा एक्टिव करने में मदद मिल सकती है।
मसाज के बाद करें सिकाई
अर्थराइटिस का दर्द असहनीय होता है। कई बार ये इतना बढ़ जाता है कि लोगों का उठना-बैठना भी मुश्किल हो जाता है। जोड़ों के दर्द को कम करने के लिए कैस्टर ऑयल से मसाज के बाद गर्म पानी की थैली से सिकाई की जा सकती है। मसाज के बाद सिकाई करने से मांसपेशियों को आराम मिलता है और ब्लड सर्कुलेशन में भी सुधार होता है।