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Cancer Treatment Through Nanoparticle: नई खोज, कैंसर के इलाज में सोने के नैनो पार्टिकल्‍स का उपयोग

Cancer Treatment Through Nanoparticle: सोने के नैनो-पार्टिकल्स का उपयोग करके एक नई विशिष्ट दवा वितरण पद्धति कैंसर के प्रबंधन और उपचार में सुधार कर सकती है।

Reported By : IANS Edited By : Sushma Kumari Updated on: October 05, 2022 23:43 IST
Cancer Treatment Through Nano Particle- India TV Hindi
Image Source : FREEPIK Cancer Treatment Through Nano Particle

Cancer Treatment Through Nanoparticle: सोने के नैनो-पार्टिकल्स का उपयोग करके एक नई विशिष्ट दवा वितरण पद्धति कैंसर के प्रबंधन और उपचार में सुधार कर सकती है। अब तक विभिन्न प्रकार के 200 से अधिक कैंसर की जानकारी है, जिनका वर्तमान में शल्य चिकित्सा, कीमोथेरेपी और रेडिएशन (विकिरण) चिकित्सा के माध्यम से उपचार किया जा रहा है। इनमें से कई प्रकार के कैंसर को पूरी तरह से ठीक किया जा सकता है यदि इसका शीघ्र निदान और उचित उपचार किया जाए। हालांकि, इनके लिए उपलब्ध उपचार समय लेने वाले व महंगे हैं और कई अन्य दुष्प्रभावों को उत्पन्न करते हैं। इसके कारण उपचार का वास्तविक स्वास्थ्य लाभ कैंसर रोगियों को नहीं हो पाता है। राजस्थान के जयपुर स्थित एमिटी यूनिवर्सिटी के शोधकतार्ओं ने 'गोल्ड नैनोपार्टिकल्स' के अनोखे समाधान का उपयोग करके नैनो-बायोटेक्नोलॉजिकल ²ष्टिकोणों की सहायता से चिकित्सीय कारक विकसित किए हैं। यह कैंसर रोग प्रबंधन और इसके प्रभावी उपचार के लिए साइट-विशिष्ट दवा वितरण में सुधार करने में सहायता करता है।

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एमिटी सेंटर फॉर नैनोबायोटेक्नोलॉजी एंड नैनोमेडिसिन (एसीएनएन) के डॉ. हेमंत कुमार दायमा, डॉ. अखिला उमापति और प्रो. एस.एल. कोठारी ने प्रतिक्रियाशील ऑक्सीजन प्रजातियों (आरओएस) की चयनात्मक पीढ़ी के माध्यम से बेहतर कैंसर-रोधी गतिविधि के लिए जैव-अणुओं और एंटीबायोटिक युक्त एक विशिष्ट कार्यात्मक सतह के साथ 'गोल्ड नैनोपार्टिकल्स' समाधान तैयार किया है। इन परिणामों से पता चला है कि एक चयनात्मक तरीके से कैंसर के प्रभावी उपचार के लिए सोने के नैनोपार्टिकल्स पर उपयुक्त सतही परिमंडल (कोरोना) जरूरी था।

केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के मुताबिक इस अनुसंधान को सिल्वर नैनोपार्टिकल्स का उपयोग करके फेफड़ों के कैंसर कोशिकाओं तक विस्तार किया गया और सिल्वर नैनोपार्टिकल्स की सतह केमिस्ट्री से उत्पन्न होने वाले चयनात्मक कैंसर-रोधी प्रभाव को 'कोलाइड्स एंड सर्फेस अ फिजिकोकेमिकल एंड इंजीनियरिंग एस्पेक्ट्सट' जर्नल में प्रकाशित एक पेपर में दिखाया गया। दोनों अध्ययनों ने कार्यात्मक नैनोपार्टिकल्स के कैंसर-रोधी कार्यों के तंत्र के बारे में गहरी समझ प्रदान की है।

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यह अनुसंधान जापान स्थित मियाजाकी विश्वविद्यालय के शोधकतार्ओं के साथ एक वैश्विक प्रयास था और ऑस्ट्रेलिया का आरएमआईटी विश्वविद्यालय इसमें सक्रिय रूप से हिस्सा ले रहा है। अब टीम तैयार किए गए नैनोकणों पर नैदानिक अध्ययन की योजना बना रही है।

सोने के नैनोपार्टिकल्स के कुछ महत्वपूर्ण फिजिकोकेमिकल (भौतिक रासायनिक) विशेषीकरण व जैविक अध्ययन को भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के विज्ञान व प्रौद्योगिकी अवसंरचना (एफआईएसटी) कार्यक्रम में सुधार के लिए निधि के माध्यम से प्राप्त फूरियर-ट्रांसफॉर्म इन्फ्रारेड स्पेक्ट्रोस्कोपी (एफटीआईआर), फ्लोरोसेंट माइक्रोस्कोपी सुविधाओं पर किया गया था। इसका अध्ययन बेहतर कैंसर प्रबंधन और उपचार के लिए नए अवसर खोलेगा और भविष्य में कैंसर से आगे भी नैनोमेडिसिन का रास्ता दिखाएगा।

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