अस्पतालों का चक्कर और दवाईयों का खर्चा हर आम व्यक्ति की कमर को तोड़ देता है। कैंसर जैसी बीमारी के इलाज में लोगों की सारी जमा पूंजी खत्म हो जाती है। कैंसर, डायबिटीज और हार्ट जैसी बीमारी की दवाईयां काफी महंगी आती है, जिसे कई बार लोग नहीं खरीद पाते हैं। इसका परिणाम यह होता है कि बीमारी का इलाज सही से नहीं हो पाता है। ऐसे ही लोगों का सोचकर सरकार ने इस दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया है। इस फैसले के बाद कई गंभीर बीमारियों की दवाईयां अब किफायती दामों में उपलब्ध होगी।
बीते बुधवार को सरकार ने जरूरी दवाओं की लिस्ट (एनएलईएम) में शामिल 119 दवाईयों की अधिकत्तम कीमत तय कर दी है। इसके बाद अब डायबिटीज, कैंसर, हेपेटाइटिस और बुखार सहीत कई गंभीर बीमारियों की दवाईयों की कीमत में 40 प्रतिशत तक की कमी आएगी। वहीं कहा जा रहा है कि आने वालों दिनों में एनएलईएम में शामिल कुछ और दवाईयों की अधिकत्तम कीमतें कम की जाएंगी।
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नेशनल फार्मास्युटिकल्स प्राइसिंग अथॉरिटी की बैठक में इस लिस्ट में शामिल 119 की तरह के फॉर्मूलेशन वाली दवाओं की अधिकतम कीमत प्रति टैबलेट-कैप्सूल तय की गई है। एनपीपीए की तरफ से जिन दवाओं की कीमत कम की गई हैं उसमें (खून में यूरिक एसिड में कम करने वाली दवा, एंटीबॉयोटिक्स, मलेरिया की दवा, पैरासिटामोल, लिवर, शुगर, कैंसर, खून को पतला करने की दवा और मेनोरपॉज समेत मेनिन्जाइटिस की दवाओं की कीमत तय की गई हैं।
दवाओं के नए दाम
दवा का नाम | पुरानी कीमत | नई कीमत (रुपये में) |
---|---|---|
एलोप्यूरिनॉल | 8.31 | 5.02 |
सोफोस्बुविर | 741.12 | 468 |
लेट्रोजोले | 39.03 | 26.15 |
टैमोजोलोमाइज | 662.24 | 393 |
हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन | 13.26 | 12.31 |
सेफिक्सिम | 24.5 | 19.7 |
क्लैरिथोरोमाइसिन | 54.8 | 34 |
फ्लुकोनाजोल | 34.69 | 26.5 |
पैरासिटामोल - | 2.04 | 1.78 |
हेपेरिन | 24.39 | 18.92 |
मेटफार्मिन | 4.00 | 3.11 |
डायबिटीज
बता दें कि भारत में डायबिटीज का खतरा हर दिन बढ़ता ही जा रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन का अनुमान है कि भारत में 2025 तक डायबिटीज के मरीजों में 12 फीसदी तक का इजाफा हो सकता है। डायबिटीज दो प्रकार के होते हैं , टाइप 1 मधुमेह (type 1 diabetes) और टाइप 2 (Type 2 diabetes)। टाइप-1 डायबिटीज वह है जो अनुवांशिक तौर पर होती है। खराब इफस्टाइल भी इस बीमारी की बड़ी वजह है। वहीं डायबिटीज टाइप-2 बहुत अधिक फैट, हाई बीपी, समय पर ना सोना, सुबह देर तक सोना, बहुत अधिक नशा करना और खराब लाइफस्टाइल के कारण होता है।
कैंसर
कैंसर के मामलों में भी काफी इजाफा देखने को मिला है। साल 2020 में दुनियाभर में कैंसर से करीब एक करोड़ मौतें हुई थीं। वहीं भारत की बात करें तो 159 लोगों की मौत कैंसर की वजह से हर घंटे हो रही है। महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर और सर्वाइकल कैंसर के मामले सबसे ज्यादा देखे जा रहे हैं।