लिवर शरीर का एक ऐसा अंग है जिसका सही से काम न करना आपको गंभीर रूप से बीमार कर सकता है। क्योंकि लिवर का काम है समय-समय पर गंदगी को डिटॉक्स करना और फिर शरीर के दूसरे अंगों के सपोर्ट में काम करना। लेकिन, जब ये सही से काम नहीं करता तो शरीर में बाइल जूस बढ़ने लगता है और ये हानिकारक पदार्थ शरीर में जमा होने लगता है और आपको गंभीर रूप से बीमार कर देता है। ऐसी ही एक दिक्कत है पेट में पानी भर जाना जिसे एसाइटिस (Ascites) कहते हैं और ये लिवर की खराबी से जुड़ा हुआ है। कैसे, तो आइए, जानते हैं इस बीमारी के बारे में विस्तार से। फिर जानेंगे इससे बचाव के लिए किन बातों का रखें ध्यान।
पेट में पानी भरने का कारण है ये बीमारी-Ascites in hindi
आम भाषा में इस बीमारी को जलोदर कहते हैं और मेडिकल टर्म में इसे एसाइटिस (Can liver issues cause water retention)कहा जाता है। इसमें पेट में पानी जमा होने लगता है और ये इतना बढ़ जाता है कि इसकी वजह से रोगी का चलना-फिरना मुश्किल हो जाता है। यह समस्या आमतौर पर तब होती है जब लिवर काम करना बंद कर देती है। इसका एक बड़ा कारण है लिवर सिरोसिस की बीमारी (liver cirrhosis) जो कि ज्यादा शराब पीने या फिर लंबे समय तक पीलिया के कारण हेपेटाइटिस बी और सी इंफेक्शन के कारण होता है।
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हेप्टिक एसाइटिस के लक्षण-Ascites symptoms in hindi
हेप्टिक एसाइटिस के शरीर में कई सारे लक्षण नजर आते हैं। जैसे कि
-100.5°F से ऊपर बुखार जो रह-रहकर हो।
-पेट दर्द
-मल में खून या काला रुका हुआ मल
-उल्टी में खून
-सूजे हुए पैर या टखने
-पेट में पानी का भर जाना
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हेप्टिक एसाइटिस से बचाव के उपाय
हेप्टिक एसाइटिस से बचावके लिए पहले तो अपनी डाइट और लाइफस्टाइल को सही करें जिससे लिवर हेल्दी रहे। इसके बाद अगर आपको पीलिया हो जाए तो शुरुआत में ही इसे डॉक्टर को दिखाएं। देरी करेंगे तो ये हेपेटाइटिस का रूप ले सकता है और लिवर सिरोसिस बनकर लिवर खराब कर सकता है, जिससे ये दिक्कत होगी। दूसरा, शराब से दूरी बनाएं।
इसके अलावा अगर शरीर में इसके लक्षण नजर आ रहे हैं तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। क्योंकि पेट में पानी का जमा होना इंफेक्शन पैदा कर सकता है और ये फेफड़ों तक भी पहुंच सकता है। इससे आपको सांस लेने में दिक्कत हो सकती है और स्वास्थ्य से जुड़ी आपातकालीन स्थिति भी आ सकती है।