World Blood Cancer Awareness Month: सितंबर का पूरा महीना, दुनियाभर में लोगों को ब्लड कैंसर के प्रति जागरूक करने के लिए मनाया जाता है। इसी कड़ी में हम भी इस बीमारी को समझने की कोशिश कर रहे हैं क्योंकि ब्लड कैंसर का नाम आते ही दिमाग में पहली चीज आती है मौत!जबकि स्थितियों को समझा जाए और फिर इस बीमारी के प्रति सही कदम उठाया जाए तो इलाज की मदद से इससे बचा जा सकता है। तो, ब्लड कैंसर है क्या, क्या है इसका कारण और इसके लक्षणों को कैसे पहचानें, इन तमाम चीजों के बारे में विस्तार से जानने के लिए हमने डॉ. प्रीति अग्रवाल, कंसल्टेंट मेडिकल आँकोलॉजी, नारायणा मल्टीस्पेशियलिटी हॉस्पिटल जयपुर और फिर डॉ. सरिता रानी जयसवाल, क्लिनिकल लीड -हेप्लो आइडेंटिकल बीएमटी, कंसल्टेंट - हेमेटोलॉजी और बीएमटी, धर्मशिला नारायणा सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल, दिल्ली से बात की है।
ब्लड कैंसर कैसे होता है-What causes blood cancer?
ब्लड कैंसर की शुरुआत शरीर की कोशिकाओं में डीएनए के अंदर म्यूटेशन या कहें कि उत्परिवर्तन के कारण होता है। ये खून या अस्थि मज्जा यानी बोन मेरो में हो सकता है। इसके बाद यह खून में धीमे-धीमे फैलता जाता है और व्हाइट ब्लड सेल्स का नुकसान करता जाता है। इसके कारण रक्त कोशिकाएं असामान्य व्यवहार करने लगती हैं जिन्हें हम नियंत्रित नहीं कर सकते। हालांकि, किसी को ये कैंसर क्यों हुआ है इसका कोई स्पष्ट कारण नहीं है लेकिन, कुछ स्थितियां इसे पैदा कर सकती हैं। जैसे-
-आयु
-लिंग
-परिवार के इतिहास
-रासायनिक खतरे जैसे कोई रेडिएशन
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तीन प्रकार का होता है ब्लड कैंसर-Types of blood cancer
डॉ. प्रीति अग्रवाल, कंसल्टेंट मेडिकल आँकोलॉजी, नारायणा मल्टीस्पेशियलिटी हॉस्पिटल जयपुर बताती हैं कि ब्लड कैंसर को हम मुख्य रूप से तीन प्रकार से भी समझ सकते हैं, जिन्हें ल्यूकीमिया, लिंफोमा और मल्टीपल माइलोमा कहते हैं। ल्यूकीमिया भी दो तरह के होते हैं, एक जिनमें बहुत तेजी से ब्लड कैंसर फैलता है और दूसरे वो जिनमें धीरे-धीरे कैंसर बढ़ता है। फिर लिंफोमा आते हैं, जिनमें कैंसर गांठ की तरह बन जाता है जिसमें कि मल्टीपल माइलोमा को बोनमेरो की बीमारी कहा जाता है। इससे ये तो साफ हो ही जाता है कि ब्लड कैंसर भी अपने आप में कई कंडीशन को समेटे हुए है।
ब्लड कैंसर के शुरुआती लक्षण-What is the early symptoms of blood cancer
डॉ. प्रीति अग्रवाल बताती हैं कि ब्लड कैंसर से बचने के लिए कुछ शुरुआती लक्षणों पर ध्याने देने की जरुरत है। जैसे
-आपके शरीर में रोगों से लड़ने की क्षमता कम हो जाती है और इसकी वजह से आपको इन्फेक्शन होने लगते हैं।
-मरीज को अचानक से असामान्य रूप से थकावट महसूस हो सकती है इसके अलावा चक्कर आना, कमजोरी का एहसास और लगातार शरीर में भारीपन महसूस होता रहता है। -
-अगर किसी को हल्के हाथों से खुजलाने पर भी त्वचा पर खरोच आ रही है या स्क्रेच से ब्लीडिंग शुरू हो जा रही है, साथ ही त्वचा पर नीले धब्बे नजर आ रहे हैं तो यह ब्लड कैंसर के शुरूआती लक्षण हो सकते हैं।
-इसके अलावा अचानक वजन घटना, अधिक ठंड लगना, रात को पसीना आना, हड्डियों में दर्द महसूस होना, त्वचा में अधिक खुजली का एहसास, भूख न लगना, जी मचलने की समस्या, सिरदर्द का एहसास, सांस लेने में तकलीफ होना, पेशाब करने में कठिनाई, गंभीर पेट दर्द, मुंह में छाले पड़ना, त्वचा पर छोटे लाल धब्बे नजर आना, खांसी और उल्टी होना जैसी समस्या है तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
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वहीं, डॉ. सरिता रानी जयसवाल, बताती हैं कि अगर आप बार बार बीमार पड़ रहे हैं तब आपको सावधान होने की जरुत है क्योंकि यह ब्लड कैंसर के लक्षण भी हो सकते हैं। इस दौरान आपके शरीर में बीमारियों से लड़ने वाली सफेद रक्त कोशिकाओं (White blood cells) की कमी की वजह से आपको बार बार इन्फेक्शन खतरा ज्यादा होता है। इसलिए इसके शुरुआती लक्षणों पर बहुत ध्यान देने की जरुरत है। साथ ही लगातार बुखार आना, हड्डियों में दर्द, नाक, मसूड़ों या मलाशय से लगातार खून बहना, महिलाओं में पीरियड्स के समय ज्यादा ब्लीडिंग और गांठों का दिखना या गले या बांहों के नीचे सूजी हुई लिम्फ नोड्स पर तत्काल ध्यान देने की जरुत होती है। ऐसे में बिना देरी किए अपने डॉक्टर से संपर्क करें।