इस वक्त दिल्ली बाकि दूसरे शहरों के मुकाबले सबसे प्रदूषित शहर बन कर रह गई है। दिल्ली-एनसीआर में इन दिनों प्रदूषण का जलजला आया हुआ है। हवा की क्वालिटी इतनी खराब हो गई है कि लोग घर से बाहर निकलने से भी कतरा रहे हैं। ज्यादातर हिस्सों में AQI लेवल 600 के पार पहुंच गया है। जबकि सांस लेने के लिए जो हवा मुफीद है उसका AQI लेवल 50 से कम होना चाहिए। हालात बेकाबू होने के बाद सरकार की तरफ से रोकथाम की कोशिशें तेज हो गई है। दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण को देखते हुए एम्स के डॉक्टरों का कहना है कि इस तरह के हालात का मानव शरीर पर बहुत गंभीर प्रभाव पड़ता है। डॉ पीयूष रंजन (एडिशनल प्रोफेसर, मेडिसिन विभाग, एम्स) ने ANI से बात करते हुए कहा कि ऐसे वैज्ञानिक प्रमाण हैं जो वायु प्रदूषण और विभिन्न प्रकार के कैंसर के बीच संबंध स्थापित करते हैं।
वायु प्रदूषण से हो रहे तमाम रोग
डॉक्टर ने यह भी कहा कि श्वसन प्रणाली को नुकसान पहुंचाने के अलावा, वायु प्रदूषण का दिल का दौरा, ब्रेन स्ट्रोक और गठिया जैसी कोरोनरी धमनी रोगों से सीधा संबंध है। यह समझना महत्वपूर्ण है कि वायु प्रदूषण श्वसन संबंधी बीमारियों के अलावा शरीर की विभिन्न प्रणालियों को भी प्रभावित करता है। उन्होंने कहा कि हमारे पास वैज्ञानिक प्रमाण हैं जो विभिन्न कैंसर रोगों के साथ इसका संबंध स्थापित करते हैं। विशेषज्ञ कहते हैं कि वायु प्रदूषण का भ्रूण पर भी बड़ा असर होता है
मस्तिष्क और हृदय को भी नुकसान पहुंचाता है वायु प्रदूषण
डॉक्टरों के अनुसार, वायु प्रदूषण मस्तिष्क और हृदय को नुकसान पहुंचाता है और अगर सावधानी न बरती जाए तो यह सभी ऐज वर्ग के लोगो में एंजाइटी पैदा कर सकता है। दिल्ली में हवा की गुणवत्ता रविवार को लगातार चौथे दिन भी 'गंभीर' श्रेणी में रही थी।
हालांकि वायु गुणवत्ता प्रणाली के अनुसार, वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) में मामूली गिरावट के साथ शनिवार को 504 के मुकाबले इसे 410 दर्ज किया गया था।