कैल्शियम शरीर के लिए बेहद जरूरी है, इसकी कमी से हड्डियां खोखली होने लगती हैं। लोग शरीर में कैल्शियम की कमी को पूरा करने के लिए बचपन से ही बच्चों को दूध पिलाने लगते हैं, हालांकि इसके बाद भी बच्चे हों या बड़े सभी में कैल्शियम की कमी होने लगती है। कैल्शियम की कमी से हड्डियों में दर्द की शिकायत रहती है और हड्डियों से कट कट की आवाज आने लगती है। शरीर में कैल्शियम की कमी को खत्म करने में बंशलोचन फायदेमंद साबित होता है। बंशलोचन आसानी से आपका बाजार में आयुर्वेदिक दवाइयों की दुकानों पर मिल जाएगा।
हड्डियों में कैल्शियम बढ़ाने के लिए क्या खाना चाहिए? (Which food is highest in calcium)
बंशलोचन क्या होता है (what is banshlochan)
बंशलोचन को तबाशीर के नाम से भी जाना जाता है, यह देखने में सफेद रंग का क्रिस्टल जैसा होता है। बंशलोचन बांस के तनों (गांठो) को काटकर निकाला जाता है। बंशलोचन में कैल्शियम की भरपूर मात्रा होती है। बंशलोचन को कई नामों से जाना जाता है, इसे तबासीर, बांस काबर, वंशकपूर, बांस कपूर भी कहा जाता है। इंग्लिश में इसे Bamboo Silica कहा जाता है। बंशलोचन में कैल्शियम के साथ सोडियम, जिंक, कॉपर, पोटाशियम, फॉस्फोरस जैसे पोषक तत्व होते हैं।
हड्डियों के लिए बंशलोचन
कैल्शियम की भरपूर मात्रा बंशलोचन में होती है, जिससे हड्डियां मजबूत बनती हैं। इसे बच्चे से लेकर बुजुर्ग तक सभी खा सकते हैं। बढ़ती उम्र के साथ होने वाले जोड़ों के दर्द, गठिया और ऑस्टियोआर्थराइटिस जैसी समस्याओं में भी बंसलोचन फायदा करता है। बंशलोचन में कोई भी स्वाद नहीं होता है, इसे आप दूध में मिलाकर भी पी सकते हैं। हड्डियों की मजबूती के अलावा बंशलोचन खाने से मौसम के बदलने के वजह से या किसी संक्रमण के कारण हुए बुखार से भी राहत मिलती है। बंशलोचन तथा गिलोय को शहद में मिलाकर चटाने से बुखार खत्म होता है।
(ये आर्टिकल सामान्य जानकारी के लिए है, किसी भी उपाय को अपनाने से पहले डॉक्टर से परामर्श अवश्य लें)
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