दुनिया अभी कोरोना की वापसी से परेशान था ही कि एक और नई बीमारी ने एंट्री मार दी है। दक्षिण कोरिया में 'ब्रेन-ईटिंग अमीबा' का पहला केस सामने आया है, जिसके बाद सबकी नींद उड़ गई है। यह बीमारी काफी घातक बताई जा रही है। 'ब्रेन-ईटिंग अमीबा' लोगों के मस्तिष्क को खत्म कर देता है। कोरिया रोग नियंत्रण और रोकथाम एजेंसी (केडीसीए) ने इस बीमारी की पुष्टि की है।
केडीसीए द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, 50 साल का एक व्यक्ति दक्षिणपूर्व एशियाई देश में चार महीने रहने के बाद 10 दिसंबर को कोरिया वापस आया था। इसके बाद उसे अगले दिन अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां पिछले सप्ताह मंगलवार को उसकी मौत हो गई। केडीसीए के अनुसार, वह नेगलेरिया फाउलेरी से संक्रमित था। यह एक ऐसी बीमारी है, जो मानव मस्तिष्क को नष्ट कर देता है। इसे दिमाग को खाने वाला अमीबा कहा जाता है।
ब्रेन-ईटिंग अमीबा के लक्षण (Symptoms of Brain-Eating Amoebas)
- सिरदर्द होना
- बुखार आना
- गर्दन में अकड़
- भूख न लगना
- उल्टी
- स्वाद न आना
- दौरे आना
- बेहोशी महसूस होना
- धुंधल नजर आना
- मतिभ्रम
ब्रेन-ईटिंग अमीबा कहां पाए जाते हैं?
- तालाब
- नदियां
- नहर
- झील
- धीमी गति से बहने वाली नदियां
- गड्ढे
- एक्वैरियम
- वॉटर पार्क
- कम पानी वाले स्विमिंग पूल
- कुएं के पानी में
नाक के जरीए दिमाग में प्रवेश करता है अमीबा
रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (सीडीसी) के मुताबिक, ब्रेन-ईटिंग अमीबा नाक के जरीए शरीर में प्रवेश कर सकता है और फिर नाक से मस्तिष्म में घुस सकता है। इससे बचने के लिए नदी या तालाब सब में नहाने के दौरान नाक प्लग का इस्तेमाल जरूर से करना चाहिए। जब अमीबा शरीर में प्रवेश करता है तो लक्षण सामने आने में करीब 15 दिन लगते हैं। वहीं आमतौर पर लक्षण दिखने के 3 से 7 दिन बाद संक्रमित मरीज की मौत हो जाती है।
केडीसीए ने कहा कि नेगलेरिया फाउलेरी के मानव-से-मानव में फैलने की संभावनाएं कम हैं, लेकिन स्थानीय निवासियों को उन क्षेत्रों में जाने से परहेज करने के लिए कहा है, जहां बीमारी फैल गई है। गौरतलब है कि अमेरिका, भारत और थाईलैंड सहित दुनिया में 2018 तक नेगलेरिया फाउलेरी के कुल 381 मामले दर्ज किए गए थे।
(ये आर्टिकल सामान्य जानकारी के लिए है, किसी भी उपाय को अपनाने से पहले डॉक्टर से परामर्श अवश्य लें।)
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