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बीपी, हार्ट और स्लिप डिस्क के मरीजों को नहीं करना चाहिए ये योगासन, स्वामी रामदेव करेंगे योग संबंधी हर कंफ्यूजन दूर

कोरोना का सामना करने के लिए लिवर,किडनी,हार्ट और लंग्स को फौलादी बनाना जरूरी है। ऐसा तभी होगा जब योग करेंगे वो भी सही तरीके से।

Written by: India TV Health Desk
Updated on: September 01, 2021 13:14 IST
बीपी, हार्ट और स्लिप...- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV बीपी, हार्ट और स्लिप डिस्क के मरीजों को नहीं करना चाहिए ये योगासन, स्वामी रामदेव करेंगे योग संबंधी हर कंफ्यूजन दूर 

हर दिन कोरोना के केस घटते बढ़ते जा रहे हैं। एक्सपर्ट्स की माने तो इस सितंबर महीने के आखिर या अक्टूबर में कोरोना की तीसरी लहर अपना आतंक दिखा सकती है।  हालांकि बढ़ते मामले को देखते हुए देश भर में तैयारियां भी फिर से शुरू हो गई है, लेकिन कोरोना के निपटने के लिए आप कितने तैयार हैं। कोरोना वायरस को हराने के लिए आपके इंटरनल आर्गन कितने मजबूत हैं। 

कोरोना का सामना करने के लिए लिवर,किडनी,हार्ट और लंग्स को फौलादी बनाना जरूरी है। ऐसा तभी होगा जब योग करेंगे वो भी सही तरीके से।   दरअसल, अगर योग ठीक तरीके से न किया जाए, ब्रीदिंग पर ध्यान न दिया जाए तो योग का 100 प्रतिशत फायदा नहीं मिल पाता है। योग करते वक्त सांस कैसे लेनी है, किस आसन में सांस रोकनी है और किस आसन में सांस नॉर्मल तरीके से लेनी है, ये ध्यान में रखा जाना जरूरी है। 

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स्वामी रामदेव के अनुसार हर योग को करने के लिए तन-मन और शरीर में स्थिरता लाएं। इसके सात हर योग को 10 सेकंड से शुरू करके 1 मिनट तक करें। इस समय को आप बढ़ा भी सकते हैं। तभी आपको असाध्य रोगों से छुटकारा मिलेगा। जानिए 'स्टेप बाई स्टेप' योग करके कैसे खुद को रख सकते हैं हेल्दी। 

दिल के मरीज ना करें ये योगासन

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दिल के मरीज ना करें ये योगासन

दिल के मरीज़ ना करें

  • चक्रासन 
  • हलासन 
  • सर्वांगासन
  • शीर्षासन
  • कपालभाति 
  • भस्त्रिका 

दिल के मरीज ना करें ये योगासन

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हाई बीपी के मरीज ना करें ये योगासन

हाई बीपी वाले ना करें

  • दंड-बैठक 
  • शीर्षासन
  • सर्वांगासन

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सर्वाइकल के  मरीज ध्यान रखें ये बातें

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सर्वाइकल के  मरीज ध्यान रखें ये बातें

सर्वाइकल में सावधानी 

  • गर्दन को आगे ना झुकाएं     
  • आसन में झटके से वापस ना आएं
  • चक्कर आने पर रुक जाएं
  • पवनमुक्तासन में सिर ना उठाएं
  • कपालभाति धीरे-धीरे करें 

स्लिप डिस्क के मरीज ना करें ये योगासन

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स्लिप डिस्क के मरीज ना करें ये योगासन

स्लिप डिस्क में ना करें 

  • पादहस्तासन
  • त्रिकोणासन 
  • उत्तानपादासन

जानिए योगासन करने का सही तरीका

शीर्षासन

शीर्षासन की शुरुआत पहले दीवार के सहारे करें। माथे का आगे का हिस्सा जमीन पर टिकना चाहिए। सबसे पहले वज्रासन मुद्रा में घुटनों पर बैठ जाएं और अपने दोनों हाथों की अंगुलियों को इंटरलॉक कर लें। हथेली को कटोरी के आकार में मोड़ें और धीरे  से अपने सिर को झुकाकर हथेली पर रखें। इसके बाद धीरे-धीरे अपने दोनों पैरों को ऊपर उठाएं और एकदम सीधे रखें। पैरों को ऊपर उठाने के लिए आप शुरुआत में दीवार या किसी व्यक्ति का सहारा ले सकते हैं। इस दौरान नीचे से ऊपर तक पूरा शरीर बिल्कुल सीधा होना चाहिए। शरीर का संतुलन अच्छी तरह से बनाए रखें। . इस मुद्रा में आने के बाद 15 से 20 सेकंड तक गहरी सांस लें और कुछ देर तक इसी मुद्रा में बने रहें। अब धीरे-धीरे सांस छोड़ें और और पैरों को नीचे जमीन पर वापस लाएं।

सूक्ष्म व्यायाम
इस आसन को 100 बार से शुरू करके आगे बढ़ते जाए। इससे आपको ज्यादा लाभ मिलेगा। 

मंडूकासन
वज्रासन पर बैठ जाए और दोनों हाथों की मुठ्ठी बांधते हुए नाभि के ऊपर रखें। फिर सांस लें और छोड़ें। इसके बाद आगे की ओर झुक जाएं और इस अवस्था में 1 मिनट से 10 मिनट तक कर सकते हैं। 

योगमुद्रासन
पद्मासन में बैठ जाएं। इसके बाद बाएं हाथ की हथेली को नाभि के ऊपर रखें और उसके ऊपर दूसरे हाथ रखें। फिर सांस लें और छोड़ें। इसके बाद नीचे की ओर झुक जाएं। इस आसन को 1 मिनट से 10 मिनट तक करें। 

वृक्षासन
सबसे पहले सीधी मुद्रा में खड़े हो जाएं। इसके बाद दाएं पैर को घुटनों पर लगाएं और दोनों हाथों को सिर के ऊपर करके हाथ जोड़े। इस मुद्रा में सेकंड से लेकर 1 मिनट तक रहें। फिर दूसरे पैर से करें। 

ताड़ासन
इस अवस्था में जब ऊपर की ओर उठेंगे तो सांस अंदर की ओर होगी और नीचे की ओर आने पर सांस बाहर की ओर छोड़ेगे। 

मर्कटासन

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मर्कटासन

मर्कटासन
पीठ के बल लेट जाए।  पैरों को सीधा रखें। इसके बाद दाएं पैर को बाएं हाथ से पकड़े और गर्दन को विपरीत दिशा में रखें। इस अवस्था में 10 सेकंड से 1 मिनट तक रहने के बाद दूसरे पैर से करें। 

मकरासन
पेट के बल लेट जाएं और कोहनी को मोड़ते हुए ठोढ़ी में हाथों रखें और दोनों पैरों को घुटने से उठाते हुए बार-बार मोड़े। इस अवस्था को धीरे-धीरे करें। 

वक्रासन
इस आसन को करने के लिए सबसे पहले योगा मैट को बिछा लें। सामने की ओर पैर फैलाएं और हाथों को बगल में रखें। इसके बाद कमर को सीधा रखें और सामने की ओर देखें। अब दाहिने पैर को घुटने से मोड़कर बाएं पैर की तरफ क्रॉस में रखें। इस बात का ध्यान रखें कि हाथ पीछे ले जाएं और पीठ को सीधा रखें। थोड़ी देर तक इसी स्थिति में रुकें और गर्दन को पीछे की तरफ मोड़ें। इसी तरह से पूरी प्रक्रिया को बाएं पैर से भी करें।

गोमुखासन
पहले दोनों पैरों को सामने सीधे एड़ी-पंजों को मिलाकर बैठे। हाथ कमर से सटे हुए और हथेलियां जमीन पर टिकी रहें। अब बाएं पैर को मोड़कर एड़ी को दाएं नितम्ब के पास रखें। दाहिने पैर को मोड़कर बाएं पैर के ऊपर एक दूसरे से स्पर्श करते हुए रखें। इस स्थिति में दोनों जांघें एक-दूसरे के ऊपर रखी जाएंगी। अब सांस भरते हुए दाहिने हाथ को ऊपर उठाकर दाहिने कंधे को ऊपर खींचते हुए हाथ को पीछे पीठ की ओर ले जाएं। इसके बाद बाएं हाथ को पेट के पास से पीठ के पीछे से लेकर दाहिने हाथ के पंजें को पकड़े। गर्दन व कमर सीधी रखें। कुछ देर इसी स्थिति में रुकें और दूसरी तरफ से दोहराएं।

नौकासन
नौकासन करने के लिए सबसे पहले आप पीठ के बल लेट जाएं। अब गहरी सांस भरें और दोनों पैरों को जितना ऊपर उठा सकते हैं उतना उठा लें। दोनों हाथों को पैरों के समान्तर रखते हुए उठें। अपने पैर और कोहनी को मोड़े बिना हाथ को घुटने तक सांस छोड़ने हुए आएं। इस स्थिति में थोड़ी देर रुके और फिर से इसे दोहराएं। 

भुजंगासन 
इस आसन को दो तरह से किया जाता है। इस आसन के लिए योग मैट में आराम से पेट के बल ले जाएं। इसके बाद दोनों हाथों को अपने मुंह के सामने लाकर एक दूसरे के पास रखकर पान का आकार दें। इसके बाद  लंबी-लंबी सांस लेते हुए कमर के ऊपरी हिस्से को धीमे-धीमे उठाएं और फिर मुंह से अपने हथेलियों को छुए और फिर ऊपर जाएं। इस प्रक्रिया को 50 से 100 बार करना चाहिए। 

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