बॉलीवुड अभिनेता इरफान खान ने साल 2018 में जब ट्वीट करके अपनी दुर्लभ बीमारी के बारे में बताया था तो हर कोई अवाक रह गया था आखिर उन्हें क्या हो गया है। इरफान ने ट्वीट कर लिखा कि मुझे न्यूरो इंडोक्राइन ट्यूमर (Neuroendocrine tumour) नामक बीमारी हुई है। इसके इलाज के लिए मैं विदेश जा रहा हूं। मेरी सभी से प्रार्थना है कि वे मेरे लिए कामनाएं करते रहें।
इरफान विदेश में इस बीमारी का इलाज करवा रहे थे और हाल ही मुंबई लौटे हैं। लंदन से इलाज करवाकर लौटने के बाद इरफान खान कोकिलाबेन अस्पताल के डॉक्टर्स की देखरेख में ही रहे हैं। पिछले कई महीनों से कोकिलाबेन अस्पताल में वह अपनी बीमारी से जुड़े रूटीन चेकअप्स और ट्रीटमेंट करवाते रहे हैं। लेकिन मंगलवार को अचानक तबीयत खराब होने की वजह से इरफान को मुंबई के कोकिलाबेन अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इरफान की हालत गंभीर थी और वो आईसीयू में थे। उन्हें कोलन इंफेक्शन की वजह से अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां उन्होंने अंतिम सांस ली।
कोलन इंफेक्शन के कारण अस्पताल में भर्ती हुए थे इरफान खान, जानें इस बीमारी के बारे में सबकुछ
फिल्ममेकर शूजीत सरकार ने इरफान खान के निधन पर शोक जताते हुए ट्वीट किया है।
जानिए आखिर क्या है न्यूरो एंडोक्राइन ट्यूमर, इसके लक्षण, कारण और ट्रीटमेंट।
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न्यूरो एंडोक्राइन ट्यूमर क्या है?
इस रोग में अंत: स्रावी ग्रंथियां प्रभावित होती हैं। अंत स्रावी ग्रंथिया हार्मोन का स्राव करती हैं और इनका नियंत्रण तंत्रिका तंत्र से होता है। इन ग्रंथियों में पाई जाने वाली विशेष प्रकार की अंत: स्रावी कोशिकाओं की अनियंत्रित बढ़ोतरी से कैंसर होता है।
यहां होती हैं अंत: स्रावी कोशिकाएं
शरीर में पीयूष ग्रंथि, एड्रीनल, थाइरॉइड, पैराथाइराइड, टेस्टिस, ओवरीज, लैंगरहैंस की द्वीपिकाएं और थाइमस में अंत: स्रावी कोशिकाएं होती हैं
तीन तरह के न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर
1. फियोक्रोमोसाइटोमा
2. मेर्केल सेल कैंसर
3. न्यूरोएंडोक्राइन कार्सिनोमा
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न्यूरो एंडोक्राइन ट्यूमर के लक्षण
- वजन कम या बढ़ जाना
- पैर और एडियों में सूजन आ जाना।
- त्वचा के घावों, पतली स्किन होना।
- ग्लूकोज का लेवल बढ़ जाना या फिर घट जाना।
- चेहरे और गर्दन में बिना सूजन हुए लाल दाने पड़ जाना।
- डायरिया, रात के समय भी हो सकता है।
- सांस संबंधी समस्या, हार्टबीट में समस्या
- हाई ब्लड प्रेशर बढ़ाना।
- थकान और कमजोरी होना।
- पेट में दर्द होना।
- ऐंठन होना।
- तनाव, चक्कर या बेहोशी आना।
न्यूरो एंडोक्राइन ट्यूमर का कारण
- यह एक दुर्लभ बीमारी मानी जाती है। डॉक्टरों के अनुसार यह अनुवांशिक भी हो सकती है।
- इम्यूनिटी सिस्टम कमजोर होने के कारण भी इस बीमारी के होने की आशंका बढ़ जाती है।
- ज्यादा देर में रहने के कारण अल्ट्रा वायलेट किरणों का शरीर में बुरा असर पड़ता है। जिससे इस बीमारी को होने की आशंका हढ़ जाती है। लेकिन ऐसा जरूरी नहीं है कि वह न्यूरो एंडोक्राइन ट्यूमर हो।
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न्यूरो एंडोक्राइन ट्यूमर का ट्रीटमेंट
इस ट्यूमर का इलाज करने के लिए सबसे पहले जानना जरूरी होता है कि आखिर यह शरीर के किस हिस्से में है। आमतौर पर इसे सर्जरी, दवाओं और रेडिएशन थेरेपी द्वारा ही किया जाता है। जिसमें डॉक्टर पहला चरण सर्जरी चुनते हैं। जिसमें डॉक्टर्स ट्यूमर सहित उसके आसपास के प्रभावित लिम्फ नोड्स को निकाल देते हैं। जिसके बाद मरीज की आवश्कताओं को देखते हुए दवाएं देते हैं।
स्टीव जॉब्स को भी था ये ट्यूमर
आपको बता दें कि स्टीव जॉब्स को भी अग्नाशय न्यूरो इंडोक्राइन ट्यूमर था। जिसके कारण 2003 में उनकी मौत हो गई थी। उनकी निधन का कारण था बीमारी में अधिक काम करना।
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