Blood Donor Day: आज वर्ल्ड ब्लड डोनर (Blood Donor Day) डे है। हमारे देश में 65 से 75 करोड़ लोग ब्लड डोनेट करने में सक्षम हैं। 18 से 65 साल तक के लोग ब्लड डोनेट कर सकते हैं। बस उन्हें कोई गंभीर बीमारी ना हो। आपका खून किसी को नई जिंदगी दे सकता है। ट्रोमा, ऑर्गन ट्रांसप्लांट, डेंगू, ब्लड कैंसर जैसी बीमारियों में ब्लड या प्लैटलेट्स की आवश्यकता पड़ती है। थैलेसीमिया पीड़ित बच्चे तो जिंदा ही डोनर्स के सहारे हैं।
कहते हैं रक्तदान सबसे बड़ा दान होता है। क्योंकि आपके रक्त से किसी और को जिंदगी मिलती है। एक सर्वे के मुताबिक रक्तदान करने में पुरुष महिलाओं से आगे हैं। हांलाकि जो लोग रक्तदान करना चाहते हैं उनके महिलाओं की संख्या ज्यादा है। ऐसा कई बार होता है कि महिलाएं बल्ड डोनेट करने जाती हैं और फिटनेस टेस्ट के दौरान उनका बल्ड लेने से इंकार कर दिया जाता है। इसकी वजह है कि देश की 15-49 साल की 57% महिलाएं एनीमिया की शिकार हैं।
कई एक्सपर्ट डॉक्टर्स का मानना है कि लोगों में रक्तदान करने का जोश तो काफी है। लेकिन रक्त की कमी फिर भी है। वहीं कुछ लोगों का मानना है कि रक्तदान करने से उन्हे कई तरीके की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। जैसे कई लोग सोचते हैं कि इससे इंफेक्शन का खतरा और हीमोग्लोबिन पर असर तो नहीं पड़ेगा। लगातार लगने वाले ब्लड डोनेशन कैम्प और अवेयरनेस कैम्प में इन्हीं भ्रमों को दूर करने की कोशिश की जाती है।
नेशनल एड्स कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन की साल 2021 की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में औसतन हर साल 1.4 करोड़ यूनिट्स ब्लड की आवश्यकता होती है, लेकिन इसके मुकाबले मिलता है सिर्फ 1.2 करोड़ यूनिट्स। देश में औसतन 20 लाख यूनिट्स खून की कमी रहती है।
लेकिन क्या आप जानते हैं रक्तदान करने से आपके शरीर को भी की तरह की परेशानियों से राहत मिल सकती है। नए रक्त का शरीर में संचार होना बेहद आवश्यक होता है। जब तक आप खून देंगे नहीं, तो नया खून कैसे बनेगा।
रक्तदान करने के फायदे
- ब्लड डोनेट करने से हार्ट अटैक का खतरा होगा कम
- कैंसर होने का जोखिम होगा कम
- लिवर से जुड़ी समस्याओं से मिलेगाी राहत
- वजन कम करने में मदद मिलेगी मदद
ये भी पढ़िए