अनियमित दिनचर्या और डाइट में बरती गई लापरवाही जानलेवा हो सकती है। जी हां पिछले कुछ समय में सडन कार्डियक अरेस्ट के मामले तेजी से बढ़े हैं। हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट की बड़ी वजह हमारी खराब होती लाइफस्टाइल बन रही है। Cardiac Arrest हार्ट अटैक से काफी अलग है हालांकि आम लोग दोनों को एक जैसा ही मानते हैं। शारदा हॉस्पिटल के इंटरनल मेडिसिन डिपार्टमेंट के प्रोफेसर डॉ भुमेश त्यागी के मुताबित कार्डियक अरेस्ट में हार्ट अचानक काम करना बंद कर देता है। इसके कई कारण हो सकते हैं जैसे अनियमित हार्ट रिदम, Electrocution और ट्रॉमा जैसे कई कारण हो सकते हैं। कार्डियक अरेस्ट एक इलेक्ट्रिकल समस्या है जो हार्ट की पंपिंग क्रिया को रोक देती है। अगर समय पर इलाज और सीपीआर मिल जाए तो मरीज की जान बचाई जा सकती है। कुछ बातों का ख्याल रखने से कार्डियक अरेस्ट के खतरे को कम किया जा सकता है।
कार्डियक अरेस्ट से कैसे बचें?
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नियमित व्यायाम करें- आजकल फिटनेस कम होने के कारण कई बीमारियां शरीर में पैदा होने लगी हैं। मोटापे के वजह से डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर और हार्ट संबंधी बीमारियों के मरीज तेजी से बढ़ रहे हैं। ये समस्याएं शरीर में कार्डियक अरेस्ट की वजह बन सकती है। इसलिए रोजाना कोई न कोई एक्सरसाइज जरूर करें।
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हेल्दी डाइट- स्वस्थ रहने के लिए डाइट का खास ख्याल रखें। खाने में ज्यादा से ज्यादा फल, सब्जियां, साबुत अनाज, लीन प्रोटीन और हेल्दी फैट्स को शामिल करें। डाइट से आपकी सेहत पर सीधा असर पड़ता है। इसलिए क्या खा रहे हैं इसका ख्याल जरूर रखें।
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स्वस्थ वजन रखें- मोटापा यानि बीमारियों की शुरुआत, इसीलिए डॉक्टर्स वजन को कंट्रोल करने की सलाह देते हैं। अधिक वजन या मोटापा होने से हृदय रोग और कार्डियक अरेस्ट का खतरा बढ़ जाता है। ओबेसिटी के मरीज को हार्ट अटैक, कार्डियक अरेस्ट और दूसरी बीमारियों का खतरा ज्यादा रहता है।
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स्मोकिंग छोड़ दें- धूम्रपान करने से न सिर्फ फेफड़े खराब होते हैं बल्कि इससे हार्ट से जुड़ी समस्याएं भी होती है। धूम्रपान करने से कार्डियर अरेस्ट का खतरा बढ़ता है वहीं कैंसर जैसी खतरनाक बीमारियां पैदा होती हैं। इसलिए धूम्रपान की लत छोड़ दें और शराब भी बहुत कम पिएं।
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तनाव को दूर रखें- भागदौड़ भरी जिंदगी में लोगों को तनाव की समस्या काफी परेशान करने लगी है। इसलिए किसी भी तरह अपने तनाव को कंट्रोल रखें। तनाव कम करने के लिए आप ध्यान और योग का सहारा ले सकते हैं।
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सीपीआर सीखे लें- कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन (सीपीआर) को जानने से कार्डियक अरेस्ट की स्थिति में जान बचाई जा सकती है। इसलिए आपको सीपीआर देना जरूर आना चाहिए। आप किसी डॉक्टर की मदद से सीपीआर देना सीख सकते हैं।
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इन बीमारियों को कंट्रोल रखें- कार्डियक अरेस्ट के खतरे को कम करने के लिए जरूरी है कि आप हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज जैसी बीमारियों को कंट्रोल करके रखें। अगर आपको लाइफस्टाइल से जुड़ी ऐसी कोई बीमारी है तो उसे हमेशा कंट्रोल करके रखें।
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