सिरदर्द और माइग्रेन के दर्द में काफी फर्क होता है। माइग्रेन का दर्द सिर के बाएं हिस्से या फिर दाएं हिस्से में दर्द होता है। इस रोग में कई बार 3 से 4 घंटे तक दर्द बना रहता है तो कई बार 3-4 दिन तक बना रहा हैं। माइग्रेन एक गंभीर बीमारी है, जो आसानी से ठीक नहीं होती है। इसके बावजूद भी लोग इसे हल्के में ले लेते हैं। खानपान पर सही ध्यान न देना माइग्रेन की समस्या का सबसे बड़ा कारण होता है।
माइग्रेन की समस्या से आप कुछ योगासन करके आसानी से इस दर्द से निजात पा सकते हैं। कोरोना वायरस के कारण वैसे भी देशभर में लॉकडाउन है। इसके साथ ही अधिकतर लोग वर्क फ्रॉम होम कर रहे हैं तो आपके पास काफी समय होगा कि आप योगासन कर सके। जानें ऐसे ही कुछ योगासन के बारे में जिन्हें करके आप पा सकते हैं माइग्रेन से निजात।
हलासन
अगर आप दिनभर ऑफिस में बैठे रहने के कारण आपकी गर्दन और पीठ हमेशा अकड़ी रहती थी तो इस आसन के द्वारा आसानी से इस रोग से निजात पा सकते हैं। इस आसन को करने के लिए सबसे पहले नीचे पीठ के बल लेट जाएं और अपने दोनों हाथों को बगल में सीधा व जमीन से सटाकर रखें। फिर दोनों पैरों को आपस में मिलाकर रखें तथा एड़ी व पंजों को भी मिलाकर रखें। अब दोनों पैरों को धीरे-धीरे ऊपर की ओर उठाएं, पैरों को उठाने के क्रम में पहले 30, 60 फिर 90 डिग्री का कोण बनाते हुए पैरों को सिर के पीछे की ओर जमीन पर लगाएं और पैरों को बिल्कुल सीधा रखें। अपने हाथ को सीधा जमीन पर ही टिका रहने दें। इस स्थिति में आने के बाद ठोड़ी सीने के ऊपर के भाग पर अर्थात कंठ में लग जायेगी। हलासन की पूरी स्थिति बन जाने के बाद 8 से 10 सेकंड तक इसी स्थिति में रहें और श्वास स्वाभाविक रूप से लेते व छोड़ते रहें। फिर वापिस सामान्य स्थिति में आने के लिए घुटनों को बिना मोड़े ही गर्दन व कंधों पर जोर देकर धीरे-धीरे पैरों को पुन: अपनी जगह पर लाएं। इस आसन से दिमाग में स्फूर्ति के साथ-साथ शारीरिक चुस्ती भी बनी रहती है।
कपालभाति
इस आसन को करने से आप कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए अपनी इम्यूनिटी भी बढ़ा सकते हैं। इसके साथ ही माइग्रेन से भी निजात पा सकते हैं। इस आसन को करने के लिए सबसे पहले पदमासन में बैठिए। फिर कमर व गर्दन को सीधा कर लें। हाथों को घुटनों पर ज्ञान मुद्रा में रख लें। आंखें बंद करके आराम से बैठ जाएं व ध्यान को श्वास की गति पर ले आएं। यहां पेट ढीली अवस्था में होगा। अब कपालभाति प्रारंभ करें। इसके लिए नाभि से नीचे के पेट को पीछे की ओर पिचकाएं या धक्का दें। इसमें पेट की मांसपेशियां आकुंचित होती हैं। साथ ही, सांस को नाक से बलपूर्वक बाहर की ओर फेंकें, इससे सांस के बाहर निकलने की आवाज भी पैदा होगी। अब अंदर की ओर दबे हुए पेट को ढीला छोड़ दें और सांस को बिना आवाज भीतर जाने दें। सांस भरने के लिए जोर न लगाएं, वह स्वयं ही अंदर जाएगी। फिर से पेट अंदर की ओर दबाते हुए तेजी से सांस बाहर निकालें।
पद्मासन
यह आसन अकेले ही शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक रूप से आपको सुख एवं शांति देने में सक्षम है। जिससे आपको माइग्रेन से निजात मिलेगा। इस योग को करने के लिए सबसे पहले बैठ जाएं। दायां पैर मोड़ें तथा दाएं पैर को बाईं जांघ के ऊपर रखें। ध्यान रहे दाईं एड़ी से पेट के निचले बाएं हिस्से पर दबाव पड़ना चाहिए। बायां पैर मोड़ें तथा बाएं पैर को दाईं जांघ के ऊपर रखें। रीढ़ की हड्डी को सीधी रखें। इसके बाद धीरे-धीरे सांस लें और छोड़े। रोजाना इस योगासन की अवधि बढ़ाते जाए।