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ग्रीन टी पीने का सही समय और तरीका

ग्रीन टी पीने का सही समय और तरीका क्या है (Best time to drink green tea)? जानिए ग्रीन टी कब पीनी चाहिए, ग्रीन टी के क्या फायदे हैं और बनाने की विधि।

Edited by: India TV Lifestyle Desk
Updated on: April 08, 2020 17:41 IST
best time and way to drink green tea- India TV Hindi
ग्रीन टी पीने का सही समय

दुनिया भर में वजन कम करने औऱ मेटाबॉलिज्म को बढ़ाने के लिए ग्रीन टी (Green Tea) सबसे बेहतर ड्रिंक माना जा रहा है। इसके फायदों को देखते हुए ग्रीन टी को लोग जमकर पी रहे हैं। लेकिन ग्रीन टी पीने का सही समय और तरीका क्या है अधिकतर लोगों को नहीं पता और इसी वजह से ग्रीन टी फायदा करने की बजाय शरीर को काफी नुकसान भी पहुंचा सकती है। 

अगर आप भी वजन कम करने और फिटनेस की चाहत में खूब ग्रीन टी पीते हैं तो आपके लिए यह आर्टिकल बहुत उपयोगी होगा। इसके जरिए आप खुद औऱ अपने जैसे ग्रीन टी के दीवानों को ग्रीन टी पीने का सही समय औऱ तरीका बता पाएंगे।

आपके जेहन में ग्रीन टी (Green Tea) को लेकर कई सवाल हो सकते हैं , मसलन क्या ग्रीन टी खाली पेट पीनी चाहिए? भोजन के कितनी देर बार ग्रीन टी पीनी चाहिए। एक दिन में कितनी ग्रीन टी पीनी चाहिए? इन्हीं सब सवालों के जवाब यहां दिए गए हैं।

best time to drink tea in hindi - बेस्ट टाइम तो ड्रिंक ग्रीन टी

ग्रीन टी पीने का सही समय

 

ग्रीन टी पीने का सही समय (Best time to drink Green Tea)

  • सुबह 10 से 11 बजे के बीच
  • शाम को नाश्ते के बाद 5 से 6 बजे
  • रात को सोने से 2 घंटे पहले ग्रीन टी पी लेनी चाहिए
  • भोजन से 1 घंटा पहले या भोजन के 1 से 2 घंटे बाद पिएं
  • सुबह व्यायाम से लगभग 30 मिनट पहले

सुबह 10 से 11 बजे -

ग्रीन टी पीने का सही समय सुबह 10 से 11 बजे के बीच का है। इस दौरान आपके शरीर को सुबह किए गए नाश्ते को पचाने के लिए अतिरिक्त मेटाॉलिज्म की जरूरत होती है। इस समय ग्री टीन पीने से नाश्ता अच्छी तरह पचता है और उसकी ऊर्जा से दिन भर शरीर चुस्त दुरुस्त रहता है।
 
देखा जाए तो सुबह के समय हम और आप सबसे हैल्दी नाश्ता करते हैं जो दिन भर हमे ऊर्जा प्रदान करता है, लेकिन साथ ही इस नाशते का सही तरह से एनर्जी में तब्दील होना भी काफी जरूरी है और यही काम ग्रीन टी करती है।
 

शाम को ग्रीन टी पीने का समय -

शाम को नाश्ते के बाद 5 से 6 बजे के बीच ग्रीन टी पाने से आपके शरीर में दिन भर एकत्र हुए टॉक्सिक पदार्थ बाहर निकल जाएंगे। इससे दोपहर के भोजन का भी पाचन अच्छी तरह से हो जाएगा। दिन भर हम जो खाते पीते हैं, शाम के समय उसका चयापचय होना आवश्यक है, औऱ इस काम के लिए ग्रीन टी की मदद ली जानी चाहिए।
 
शाम के समय ग्रीन टी पीने से न केवल दिन के भोजन की ऊर्जा मिलती है, साथ ही टॉक्टिक तत्व जो हमारे शरीर में भीतर एकत्र हुए हैं, वो यूरीन के जरिए बाहर निकल जाते हैं।
 

रात को ग्रीन टी पीने का समय 

विशेषज्ञ कहते हैं कि रात को ग्रीन टी बिलकुल नहीं पीनी चाहिए। शाम के बाद ग्रीन टी लेने से नींद में खलल और एसिडिटी (Acidity) हो सकती है। ग्रीन टी में मौजूद कैफीन आपके दिमाग को कार्य करने के लिए प्रेरित करती है जबकि रात का समय सोने के लिए अनुकूल होता है।
 
ऐसे में अगर आप रात को ग्रीन टी पीते हैं तो शरीर थका होने के बावजद आपका दिमाग आपको सोने नहीं देगा औऱ इससे शरीर में कई तरह के कॉम्पलिकेशन पैदा होंगे।
 
इसलिए डॉक्टरों के अनुसार सोने से 2 घंटे पहले ग्रीन टी पी लेनी चाहिए।
 

खाने से पहले या बाद में

ग्रीन टी को जब भी पिएं या तो भोजन से 1 घंटा पहले या भोजन के 1 से 2 घंटे बाद पिएं। भोजन के 1 से 2 घंटे बाद ग्रीन टी पीने से भोजन का पाचन अच्छा होता है और उस भोजन की ऊर्जा शरीर को पर्याप्त तौर पर मिलती है। अगर आप चाहें तो भोजन से 1 घंटा पहले भी ग्रीन टी पी सकते हैं।
 
ग्रीन टी का मुख्य काम शरीर को भोजन के चयापचय के लिए उत्साहित करना होता है। यानी अगर आपने भोजन कर लिया है और भोजन करने के बाद आप सुस्ती के शिकार हो गए हैं तो ग्रीन टी आपके चयापचय को तेज करेगी ताकि भोजन से पर्याप्त ऊर्जा निकल सके औऱ वो कैलोरी में तब्दील हो सके।

 

कसरत से पहले

सुबह कसरत से पहले ही ग्रीन टी का सेवन करना चाहिए। सुबह व्यायाम से लगभग 30 मिनट पहले ग्रीन टी का सेवन बहुत लाभदायक है। व्यायाम के दौरान ग्रीन टी में पाया जाने वाला कैफीन कसरत के लिए जरूरी ताकत प्रदान करता है। इसके साथ ही ग्रीन टी वेट लॉस में भी मदद करता है। एक्सरसाइज से पहले पी गई ग्रीन टी शरीर की अतिरिक्त चर्बी को कम करने में सहायक होती है। लेकिन ध्यान रखें कि कसरत से पहले ग्रीन टी पीते समय उसमें शहद नहीं मिलाना चाहिए।
 

कसरत के बाद

कसरत के बाद ग्रीन टी नहीं पीनी चाहिए। अमेरिका के द पेन्सिलवेनिया स्टेट यूनिवर्सिटी के फूड साइंस डिपार्टमेंट की तरफ से एक अध्ययन कहता है कसरत के बाद नॉन-अल्कोहलिक फैटी लीवर रोग पीड़ित यदि ग्री टीन पीते हैं तो उनकी ये समस्या कम हो सकती है। लेकिन यदि आप वर्कआउट करते हैं तो आपको वर्कआउट के बाद ग्रीन टी का सेवन नहीं करना चाहिए। 
 

ग्रीन टी पीने का सही सीजन

यूं तो ग्रीन टी हर मौसम में फायदा ही करती है लेकिन सर्दी के अंत और वसंत के मौसम में इसे पिया जाना ज्यादा लाभकारी होता है। वसंत के दौरान  ग्री टी की पत्तियों की कटाई होती है और यही वो दौर होता है जब शरीर को सर्दियों के दौरान बढ़ी चर्बी को दूर करने की जरूरत होती है।
 
सर्दियों के बाद आए वसंत में ग्रीन टी का सेवन बॉडी को क्लींज करता है और अतिरिक्त चर्बी को घटाने का काम करता है।  इससे शरीर में रक्त धमनियों में आने वाली रुकावट दूर करने के लिए लोग ग्री टी का सेवन करते हैं। वसंत का मौसम ग्रीन टी के लिए इसलिए भी अच्छा कहा जाता है क्योंकि इस समय ताजी और बिलकुल बागानों से निकली ग्रीन टी प्राप्त होती है। 
 
right way to drink a green tea - ग्रीन टी पीने का सही तरीका क्या है
ग्रीन टी पीने का सही समय
 

ग्रीन टी पीने का सही तरीका

एक दिन में कितनी ग्रीन टी 

डॉक्टर कहते हैं कि एक दिन में एक व्यक्ति ज्यादा से ज्यादा 3 कप ग्रीन टी पी सकता है। इससे ज्यादा ग्रीन टी नहीं पीनी चाहिए। इससे ज्यादा ग्रीन टी का सेवन करने पर आपको डिहाइड्रेशन यानी शरीर में पानी की कमी की समस्या हो सकती है। इतना ही नहीं ज्यादा ग्रीन टी का सेवन करने से शरीर में मौजूद कैल्शियम यूरीन के रास्ते बाहर निकलता है, अगर यह निकास ज्यादा होगा तो शरीर में कैल्शियम की कमी हो जाएगी औऱ ऑस्टियोपोरोसिस की समस्या पैदा हो सकती है।
 

शहद के साथ ग्रीन टी को मिलाकर पिएं

ग्रीन टी को शहद (Honey) के साथ मिलाकर पीने से शरीर को बहुत फायदा होता है। इससे शरीर के टॉक्टिक तत्व बाहर निकल जाते हैं और पाचन अच्छा होता है। दरअसल ग्रीन टी में मौजूद कैफीन और शहद में पाए जाने वाले विटामिन न्यूरोंस को रिवाइव करते हैं। ये दोनों मिलकर बॉडी में जमा फैट को जलाकर खत्म करते हैं। एक तरफ शहद शरीर में जमा कैलोरीज को कम करने का काम करता है, तो दूसरी ओर ग्रीन टी पाचन दर को बढ़ाकर शरीर में ऊर्जा पैदा करती है।
 

खाली पेट न पिएं ग्रीन टी

खाली पेट ग्रीन टी पीने से बचना चाहिए। अगर आप खाली पेट ग्रीन टी पीते हैं तो आप गैस बनने की समस्या से ग्रसित हो सकते हैं। डॉक्टर कहते हैं कि एक कप ग्रीन टी में 24-25 एमजी कैफीन की मात्रा होती है। यदि कोई व्यक्ति दिन में तीन कप ग्रीन टी भी पीता तो तो उसके शरीर में इतना कैफीन चला जाएगा जिससे उसे बैचेनी, चक्कर, डायबिटीज में दिक्कत, दस्त, अनिद्रा, सीने में जलन जैसी परेशानियां उत्पन्न हो सकती है। अगर आपको अल सुबह ग्रीन टी पीनी ही है तो आप इसके साथ एक बिस्कुट खा सकते हैं।
 

दूध और चीनी के साथ ग्रीन टी न पिएं

कुछ लोग ग्रीन टी को दूध औऱ चीनी के साथ मिलाकर आम चाय की तरह पीते हैं। यह फायदेमंद नहीं है, उलटा इसके नुकसान है। दूध और चीनी के साथ मिलाकर ग्रीन टी कभी नहीं पीनी चाहिए क्योंकि इससे पाचन तंत्र के रस बिगड़ जाते हैं। दरअसल ग्रीन टी भी मेटाबॉलिज्म बूस्ट करती है औऱ दूध चीनी लैक्टिक डोज होते हैं। ये तीनों अगर मिलाकर पीए जाएंगे तो दस्त लग जाएंगे औऱ पाचन खराब हो जाएगा।
 

ग्रीन टी पीने के फायदे (Benefits of Green Tea)

यदि ग्रीन टी का सही समय पर और सही तरीके से सेवन किया जाये तो ये शरीर के लिए काफी लाभदायक हो सकती है। आइए जानते हैं  ग्रीन टी पीने से क्या फायदे मिलेंगे।

कैंसर से बचाव में सहायक

ग्रीन टी में काफी मात्रा में पैलीफेनोल्स होते हैं। ये तत्व कैंसर को जन्म देने वाली कोशिकाओं को न केवल नष्ट करते हैं बल्कि उन्हें बढ़ने से रोकने में भी अहम भूमिका निभाते हैं। शरीर में मौजूद फ्री रेडिकल्स जब कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाते हैं तो ग्रीन टीम में पाया जाने वाला कैटेचिन इन रेडिकल्स को तोड़कर कोशिकाओं को होने वाले नुकसान से बचाता है। 
 

त्वचा के लिए फायदेमंद

ग्रीन टी में कैटेचिन नामक पदार्थ पाया जाता है जो एंटी एजिंग का काम करता है। दरअसर उम्र बढ़ने के साथ शरीर में फ्री रेडिकल्स एकत्र होने लगते हैं जिससे त्वचा औऱ चेहरे पर झुर्रियां पड़ने लगती है। ग्रीन टी में मौजूद कैटेचिन इन रेडिकल को एकत्र होने से रोकता है। वहीं पैलीफेनोल शरीर में नई कोशिकाएं बनाता है और पुरानी कोशिकाओं को कमजोर होने से बचाता है। ये दोनों तत्व मिलकर त्वचा को कमजोर और बूढ़ा होने से बचाती हैं।
 

मधुमेह के मरीजों के लिए लाभदायक

ग्रीन टी के सेवन से टाइप टू डाइबिटीज के रोगियों को बहुत लाभ मिलता है। इसमें मौजूद पैलीफेनाल से ब्लड शुगर का स्तर कम रहता हैं। 
 

वजन कम करने में कारगर

ग्रीन टी के सेवन से वजन कम होता है औऱ फिटनेस बरकरार रहती है। दरअसल ग्रीन टी की पत्तियों में ऐसे कई बायोएक्टिव तत्व पाए  जाते हैं जो शरीर में वसा को जलाने वाले हारमोंस को बढ़ावा देते हैं। ग्रीन टी के सेवन से मेटाबॉलिज्म बढ़ता है और कोलेस्ट्रोल पर नियंत्रण रहता है। पैलीफेनोल की मदद से शरीर का भोजन कैलोरी में बदलता है। इससे ऊर्जा मिलती है और वजन नियंत्रण में रहता है।
 

दिमाग के लिए फायदेमंद

ग्रीन टी शरीर के साथ साथ दिमाग के लिए भी बेहद फायदेमंद है। इसमें मौजूद अमीनो एसिड होता है जो मानसिक तनाव को कम करने वाले हारमोन के स्रावण में मदद करता है। इस हारमोन को सेरेटोनिन कहते हैं। ग्री टी में मौजूद एंटी ऑक्सिडेंट दिमाग में मौजूद सेरेटोनिन का प्रवाह तेज करती है जिससे मानसिक तनाव कम होता है।
 

ग्रीन टी के नुकसान

यदि ग्रीन टी को गलत समय पर और तरीके से पीने से नुक्सान भी हो सकते हैं, जैसे की -

अनिद्रा बढ़ाती है

ग्रीन टी में कैफीन होती है और इसके सेवन से अनिद्रा की समस्या हो जाती है। जो लोग ज्यादा ग्रीन टी पीते हैं, उन्हें रात को नींद नहीं आती क्योंकि कैफीन की अधिकता के चलते शरीर सो नहीं पाता। 
 

बैचेनी और उल्टी

सौ ग्राम ग्रीन टी में 12 मिलीग्राम कैफीन होता है। कैफीन के ज्यादा सेवन से शरीर में बैचेनी, उल्टी की शिकायत हो सकती है। कई लोगों को गैस की समस्या भी होती है और डिहाइड्रेशन भी बढ़ता है। 
 

शरीर में आयरन की कमी

ग्रीन टी का ज्यादा सेवन शरीर में आयरन की कमी कर सकता है जिससे व्यक्ति एनीमिया का शिकार हो जाता है। 
 

गर्भवती महिलाओं के लिए नुकसानदेय

गर्भवती महिलाओं को ग्रीन टी नहीं पीनी चाहिए। इसके सेवन से न केवल गर्भस्थ शिशु को खतरा होता है बल्कि इससे गर्भपात की समस्या भी हो सकती है। 
 

हड्डियां कमजोर होती हैं

ग्रीन टी के अत्यधिक सेवन से हड्डियो के कमजोर होने की आशंका बढ़ जाती है। दरअसल ग्रीन टी के सेवन से जहां आयरम कम होता है वहीं कैल्शियम भी यूरीन के रास्ते शरीर से बाहर निकल जाता है। कैल्शियम की कमी से शरीर में हड्डियां कमजोर हो जाती है और आस्टियोपोरोसिस का खतरा बढ़ जाता है। 
 

 ग्रीन टी बनाने की विधि

 

अगर आप भी फिटनेस बनाए रखने के लिए ग्रीन टी पीते हैं तो आपको ग्रीन टी बनाने का सही तरीका पता होना चाहिए। आइए आपको बताते हैं घर पर ग्रीन टी बनाने की विधि ताकि आप सही तरीके से ग्रीन टी बनाकर अपनी और अपनों की फिटनेस को बरकरार रख सकें।
 
ग्रीन टी (Green Tea) बनाने की विधि बहुत ही आसान है। इसके लिए काफी कम सामग्री की जरूरत पड़ती है।

सामग्री:

  • केतली या चायदान
  • एक कप पानी 
  • ग्रीन टी बैग/पाउडर
  • शहद
 
सबसे पहले एक कप पानी को केतली या चायदान में उबलने के लिए रख दीजिए। जब यह अच्छी तरह उबल जाए तो इस पानी को वापस कप में डालिए औऱ ग्रीन टी का बैग इसमें डाल दीजिए। अब इंतजार कीजिए जब तक ग्रीन टी का सत्व पानी में घुल न जाए। करीब तीन से चार मिनट बाद  ग्रीन टी के बैग को कप से बाहर निकालिए। यदि आपको शहद मिलाना है तो आधा चम्मच शहद मिला लीजिए।
 
यदि आप टी बैग की जगह ग्रीन टी का पाउडर इस्तेमाल कर रहे हैं तो टी बैग की जगह कप में एक चम्मच पाउडर डालकर तब तक मिलाएं जब तक अच्छी तरह मिल न जाए। फिर आप चाहें तो इसमें शहद मिला सकते हैं, अन्यथा ऐसे भी पी सकते हैं। 
 
अब आपकी ग्रीन टी तैयार हो चुकी है, ये न ज्यादा गर्म होनी चाहिए औऱ ना ज्यादा ठंडी। इसकी तासीर पर ही इसे सिप सिप करते हुए पिएं। 
 
हम उम्मीद करते हैं कि ग्रीन टी पीने का सही तरीका और ग्रीन टी पीने का सही समय (best time to drink green tea) जानकर आप ग्रीन टी का पूरा फायदा उठा पाएंगे। ग्रीन टी से जुड़ी ये अहम जानकारियां आपको कैसी लगीं, हमें जरूर बताइए। अगर ग्रीन टी (Green Tea)  पर ये आर्टिकल आपको लाभदायक लगा तो इसे अपने दोस्तों को साथ शेयर जरूर कीजिए। 

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