बिना गांव और बिना किसान कोई भी देश अधूरा है। देश के अन्नदाता दिन-रात मेहनत करके फसल उगाते हैं। देशवासियों का पेट भरते हैं। कोरोना काल में जब सब कुछ थम गया था, तभी भी किसानों ने अन्न उगाना बंद नहीं किया था, लेकिन ज्यादा अन्न उगाने की चाहत में ही अब बहुत ज्यादा केमिकल या रासायनिक पदार्थों का इस्तेमाल होने लगा है। अन्न जहरीला हो रहा है। नतीजतन कैंसर का खतरा तेजी से बढ़ रहा है। ऐसे में भारत में ऑर्गेनिक खेती अब जोर पकड़ने लगी है। स्वामी रामदेव ने बताया है कि ऑर्गेनिक खेती कैसे की जाती है और इसके क्या-क्या फायदे होते हैं। उन्होंने ऐसे योगासन भी बताए हैं, जिससे कैंसर से पूरी तरह से निदान मिलेगा।
ऑर्गेनिक खेती से लाभ:
- शरीर को कई बीमारियों से बचाता है।
- जमीन फर्टाइल बनी रहती है।
- फसल में कम पानी की जरुरत पड़ती है।
- केमिकल वाले खाद का इस्तेमाल नहीं होता है।
- शुद्ध और पौष्टिक फसल मिलती है।
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पेस्टीसाइड्स का पड़ता है बुरा असर:
- किसानों को कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।
- आंखों पर बुरा असर पड़ता है।
- पेस्टीसाइड्स वाली फसल जहरीली होती है।
- स्किन और दूसरी परेशानियां होने लगती हैं।
योग से खत्म होगा केमिकल का असर:
- सूक्ष्म व्यायाम
- सूर्य नमस्कार
- उष्ट्रासन
- भुजंगासन
- चक्रासन
- अर्धचक्रासन
- शलभासन
- धनुरासन
- गोमुखासन
- मत्स्यासन
- सर्वांगासन
- नौकासन
- त्रिकोणासन
- पादहस्तासन
यौगिक जॉगिंग के लाभ: एलर्जी कंट्रोल करने में ज्यादा कारगर है। शरीर से फैट कम करके लचीला बनाता है। हाथ की मांसपेशियों के लिए फायदेमंद है। जांघ की मांसपेशियों को ज्यादा फायदा पहुंचाता है। डायबिटीज दूर करने में कारगर है।
सूर्य नमस्कार के लाभ: फेफड़ों तक ऑक्सीजन पहुंचती है। शरीर को ऊर्जा मिलती है। पाचन तंत्र बेहतर होता है। रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। डिप्रेशन दूर करने में कारगर है। एनर्जी लेवल बढ़ाने में सहायक है। शरीर को डिटॉक्स करता है।
मंडूकासन के फायदे: पेट और हार्ट के लिए लाभकारी है। डायबिटीज को दूर भगाता है। पाचन तंत्र सही करने में सहायक है। पैनक्रियाज से इंसुलिन रिलीज करता है। लिवर और किडनी को स्वस्थ रखता है।
वक्रासन के फायदे: कब्ज को रोकने का रामबाण इलाज है। डायबिटीज को रोकने में सहायक है। पेट की कई समस्याओं में राहत मिलती है।
गोमुखासन के फायदे: फेफड़ों की कार्यक्षमता बढ़ती है। रीढ़ की हड्डी मजबूत होती है। शरीर को लचकदार बनाता है। लिवर-किडनी की समस्या में लाभकारी है। पीठ और बांहों को मजबूत बनाता है।
उष्ट्रासन के फायदे: फेफड़ों को स्वस्थ बनाने में मददगार है। मोटापा दूर करने में सहायक है। शरीर का पोश्चर सुधारता है। फेफड़ों, कंधों और सीने को स्ट्रेच करता है।
भुजंगासन के फायदे: रीढ़ की हड्डी मजबूत होती है। मोटापा कम करने में मदद करता है। तनाव, चिंता और डिप्रेशन दूर करता है। किडनी को स्वस्थ बनाता है। इस आसन से सीना चौड़ा होता है। शरीर को सुंदर और स्लिम बनाता है।
प्राणायाम करें और कैंसर से बचें:
- सूर्यभेदी
- अनुलोम विलोम
- भस्त्रिका
- अभ्यांतर
- कपालभाति
- उज्जायी
- उद्गीथ
- भ्रामरी
लंग्स को ऐसे बनाएं मजबूत:
- कच्ची हल्दी को दूध में पकाएं।
- हल्दी दूध में शिलाजीत मिलाएं।
- रोजाना हल्दी दूध पीना फायदेमंद है।
- श्वसारि खाली पेट दो गोली सुबह-शाम लें।
- लक्ष्मी विलास और संजीवनी खाने के बाद लें।
- अस्थमा के लिए स्वर्ण बसंत मालती लें।
श्वासारि के फायदे:
- कफ को बाहर निकालने में मदद करता है।
- गले में आई खराश को दूर करता है।
- सांस नली में सूजन खत्म करता है।
- निमोनिया रोग में बेहद फायदेमंद है।
- लंग्स इंफेक्शन दूर करता है।
त्रिफला के फायदे:
- इसमें एंटी इंफ्लामेटरी गुण होते हैं।
- इसमें एंटी- ऑक्सीडेंट गुण हैं।
- सुबह त्रिफला जूस का सेवन करें।
- इससे इम्यून सिस्टम मजबूत होता है।
एलर्जी के लिए करें ये काम:
- दूध में हल्दी या शिलाजीत मिलाकर पिएं।
- लक्ष्मीविलास रस और संजीवनी वटी का सेवन करें।
- त्रिकुटा जिसमें सौंठ, पिपल और काली मिर्च हो, उसे बराबर मात्रा में लेकर पाउडर बना लें।
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गले में एलर्जी होने पर करें ये काम:
- नमक के पानी से गरारा करें।
- इससे नाक और मुंह में फंसा धूल बाहर निकल जाता है।
- नाक की एलर्जी की समस्या दूर हो जाती है।
- छींक आने पर - अदरक, लौंग, दालचीनी का काढ़ा पिएं।
- तुलसी, अदरक, लौंग और कालीमिर्च की चाय पिएं।
आंख में एलर्जी होने पर करें ये काम:
- ठंडे पानी से आंखों को धोएं।
- आंखों में गुलाब जल डालें।
- आंखों को धूप के चश्मे से ढकें।
- खीरा काटकर आंखों पर रखें।
स्किन में एलर्जी होने पर करें ये काम:
- एलोवेरा, नीम की पत्तियों का पेस्ट लगाएं।
- मुल्तानी मिट्टी का लेप हर हफ्ते लगाएं।
- मुल्तानी मिट्टी, हल्दी, एलोवेरा, देसी कपूर, नीम, अमलतास, कनेर, मेहंदी का इस्तेमाल करें।
हार्ट के लिए:
- हद्घामृत सुबह-शाम एक-एक गोली लें।
- अर्जुन की छाल और दालचीनी का काढ़ा पिएं।
- हार्ट के रोगी लौकी का सूप पिएं।
- सर्दी में लौकी का रस ना पिएं।
कैंसर में कारगर:
- व्हीटग्रास, एलोवेरा, तुलसी, नीम, गिलोय का रस।
- गोधन अर्क 25-50 एमएल रोज पिएं।