ज्यादातर घरों में खाने में मुख्य तौर पर सरसों के तेल का इस्तेमाल किया जाता है। कई जगहों पर इसे 'कड़वा तेल' के नाम से भी जाना जाता है। इसमें ओमेगा-3 और ओमेगा-6 फैटी एसिड होता है। सरसों के तेल में बना खाना काफी स्वादिष्ट होता है। हालांकि, ये सिर्फ खाने के लिए नहीं बल्कि त्वचा, ज्वाइंट, मांसपेशियों और दिल के रोगों के इलाज में भी फायदेमंद होता है।
कोरोना का कहर लगातार जारी है। ऐसे में इस बीमारी से बचाव के लिए हेल्दी डाइट लेना बेहद जरूरी है। कोविड-19 एक इनफ्लेमेट्री डिजीज है। ऐसे में विशेषज्ञों का कहना है कि हमें एंटी-इनफ्लेमेट्री डायट लेनी चाहिए और खाना पकाने में सही तेल का इस्तेमाल करना चाहिए। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष र औमशहूर फिजीशियन- कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. के.के. अग्रवाल का कहना है कि सरसों के तेल का इस्तेमाल करना एक अच्छा विकल्प हो सकता है। इस तेल में मोनोअनसैचुरेटेड फैटी एसिड भरपूर मात्रा में होता है। इसके अलावा इसमें बड़ी मात्रा में ओमेगा-3 और अल्फा-लिनोलेनिक एसिड भी होते हैं जो ऑक्सीडेटिव तनाव और सूजन को कम करते हैं।
सरसों के तेल में एक फाइटोकेमिकल कंपाउंड भी होता है जिसे एलिल आइसोथियोसाइनेट (एआईटीसी) के रूप में जाना जाता है जो एंटी-इंफ्लेमेट्री होता है। सेल्युलर एंड मॉलिक्यूलर मेडिसिन जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन से पता चलता है कि यह इंफ्लेशन को कम करने और उसे घटाने में मदद करता है। इसके अलावा जठरांत्र के रास्ते (गेस्ट्रोइन्टेस्टिनल ट्रैक्ट) में होने वाली सूजन से लड़ने और उसे कम करने में सरसों का तेल बहुत लाभकारी है।
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सेहत के लिए कई तरह से फायदेमंद है सरसो का तेल
त्वचा के लिए फायदेमंद
सरसों का तेल त्वचा के लिए बहुत फायदेमंद है। ये विटामिन-ई से भरपूर होता है। अगर आप इसे खाएंगे तो त्वचा को अंदरुनी पोषण तो मिलेगा ही साथ ही इसे चेहरे पर लगाने से त्वचा की नमी भी बनी रहती है।
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रखता है दिल का ख्याल
एक रिसर्च ने मुताबिक, खाने की चीजो में सरसों के तेल के इस्तेमाल करने से दिल की सेहत बनी रहती है। इसमें एयूएफए होता है, जो ब्लड के फैट लेवेल और इसके सर्कुलेशन को बेहतर बनाए रखने में मदद करता है। सरसों के तेल में अल्फा-लिनोलेनिक एसिड होता है, जो दिल को छोटी-छोटी बीमारियों से बचाता है।
दर्दनाशक
जोड़ों के दर्द में सरसों के तेल की मालिश करना बहुत फायदेमंद होता है। इसके अलावा सरसों के तेल के सेवन से अंदरुनी दर्द में भी आराम मिलता है।
भूख बढ़ाने में मददगार
अगर आपको कम भूख लगती है और इसकी वजह से आपका स्वास्थ्य प्रभावित हो रहा है तो सरसों का तेल आपके लिए फायदेमंद रहेगा। ये तेल हमारे पेट में ऐपिटाइजर के रूप में काम करता है जिससे भूख बढ़ती है।
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इंफेक्शन से बचाता है
सरसों का तेल एंटी बैक्टिरियल, एंटी फंगल और एंटी वायरल होता है। इसका अंदरुनी और बाहरी तरह से इस्तेमाल करने से यह कई तरह की इंफेक्शन से लड़ने में मदद करता है। यहां तक कि ये पेट में होने वाले डाइजेस्टिव इंफेक्शन को भी रोकता है।
जानें क्या कहते हैं विशेषज्ञ?
- नई दिल्ली के धर्मशाला नारायण सुपरस्पेशिलिटी हॉस्पिटल के कॉर्डियोलॉजिस्ट डॉ. अमरेंद्र कुमार पांडेय कहते हैं, "सरसों के तेल में मोनोअनसैचुरेटेड फैट्टी एसिड (एमयूएफए) और पॉलीअनसेचुरेटेड फैट्टी एसिड (पीयूएफए) बहुत ज्यादा होता है। जो अच्छे कोलेस्ट्रॉल (एचडीएल) को बढ़ाने में मदद करते हैं और खराब कोलेस्ट्रॉल (एलडीएल) को कम करते हैं।
- तेल के मामले में सबसे अहम बात है, उसका ट्रांस फैट जिसे डॉ. अग्रवाल किलर फैट कहते हैं। इसके कारण ही दिल की बीमारियां और स्ट्रोक होते हैं। सरसों के तेल में ट्रांस फैट नहीं होता है। ट्रांस फैट का ज्यादा सेवन करने से शरीर में एलडीएल कोलेस्ट्रॉल और एचडीएल कोलेस्ट्रॉल बढ़ सकता है, जो बहुत ही हानिकारक होता है।
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(इनपुट-आईएएनएस)