आप यह जानकर हैरान रह जाएंगे जब यह पढ़ेंगे कि गधी यानी डंकी का दुध हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाकर हमें कई बीमारियों से बचा सकता है। डंकी का दूध न सिर्फ हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करता है बल्कि यह मानव शरीर के लिए भी सुपाच्य एवं संपूर्ण आहार माना जाता है, इतना ही नहीं डंकी मिल्क यानी गधी का दूध बैक्टीरियल इन्फेक्शन को भी खत्म करने की क्षमता रखता है। राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान केन्द्र यानी ‘एनआरसीई’ हिसार ने रिसर्च के आधार पर यह दावा किया है कि गधी का दूध रक्त शर्करा, ब्लड सर्कुलेशन और शरीर में आयी सूजन की रामबाण औषधि है।
गधी के दूध के फायदे
- आमतौर पर गधी का दूध ऐसे लोगों को पीने की सलाह दी जाती है जिन्हें गाय या भैंस का दूध आसानी से हजम नहीं होता। यह दूध उन लोगों के लिए भी उपयोगी होता है जिन्हें गाय या भैंस के दूध से एलर्जी होती है।
- खासतौर पर शिशुओं को यह दूध ऊपर बताई गयी अवस्था में दिया जाता है, इसके अलावा जिन लोगों को ‘लैक्टोज इंटॉलरेंस’ की समस्या होती है उन लोगों के लिए गधी का दूध एक शानदार विकल्प साबित होता है।
शुगर में फायदेमंद
- विशेषज्ञों का मानना है कि गधी के दूध में टाइप-2 डायबिटीज को नियंत्रित करने की क्षमता है। यह दूध न सिर्फ ग्लूकोज के स्तर को नियंत्रित करता है बल्कि इंसुलिन के प्रतिरोध में सुधार करने में भी अहम भूमिका निभाता है, लेकिन शुगर के मरीजों को इसका सेवन डॉक्टर की सलाह पर ही करना चाहिए।
काली खांसी और पेट की समस्या से निजात
- गधी का दूध पेट की परेशानियों से निजात दिलाता है। सदियों से गधी के दूध का इस्तेमाल यूनानी चिकित्सा पद्धति में और भारतीय वैद्य प्रयोग करने की सलाह देते रहे हैं। यह सलाह पेट के खराब होने पर दी जाती है और इसका कारण है, गधी के दूध में पाये जाने वाले ‘एंटी-माइक्रोबियल’ गुण जो आपकी आंत में अच्छे बैक्टीरिया को बढ़ाता है।
- पेट की समस्या के अलावा गधी के दूध का प्रयोग काली खांसी की दवा बनाने के लिए भी किया जाता है। गधी के दूध में सिर्फ इतनी ही खूबी नहीं है। गधी का दूध काफी लंबे समय तक सुरक्षित भी रहता है जिसकी वजह से इसकी उपयोगिता और ज्यादा बढ़ जाती है।
रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत करे ब्लड फ्लो बढ़ाए
- गधी के दूध पर हुई रिसर्च में यह बात भी निकल कर आयी है कि इसके प्रोटीन में कुछ ऐसे गुण पाये जाते हैं, जो मानव शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं।
- गधी के दूध में मैक्रोफेज, नेचुरल किलर सेल्स एवं साइटोक्सटिक सेल्स पाये जाते हैं जो शरीर को कई तरह की बीमारियों से न सिर्फ बचाता है, बल्कि मानव शरीर के इम्यून सिस्टम को भी मजबूत करता है।
- यह सेल्स शरीर की सूजन कम करने में सहायक सिद्ध भी होते हैं, साथ ही शरीर से जब इस दूध को पीने की वजह से नाइट्रिक ऑक्साइड रिलीज होने लगता है तब शरीर में रक्त प्रवाह भी बेहतर होने लगता है। इस प्रक्रिया से मानव शरीर की रक्त धमनियों में से प्लाक को जमने से रोका जा सकता है। धमनियों की साफ सफाई होने से यह पूरे शरीर का इम्यून सिस्टम को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाता है।
क्लियोपेट्रा गधी के दूध से नहाती थी
- इतिहास में दर्ज है कि मिस्र (Egypt) की रानी क्लियोपेट्रा गधी के दूध से नहाती थी। आज के समय में शोधकर्ता भी मानते हैं कि गधी के दूध में ऐसे बहुत से गुण हैं जो त्वचा रोगों से हमें बचा सकते हैं। आज गधी का दूध का प्रयोग कॉस्मेटिक प्रोडक्ट्स में भी किया जाता है।
भारत में कहां कहां मिल रहा है यह दूध
कोरोना महामारी के दौरान इस दूध को लेकर यह अफवाह भी फैलाई गई कि इसके सेवन से कोरोना का इलाज हो सकता है। यह दूध कोरोना महामारी के दौरान 7000 ₹ लीटर तक बिका भी। हालांकि इस बात का फिलहाल कोई प्रमाण नहीं है कि इससे कोरोना का इलाज संभव है, लेकिन गधी के दूध में औषधीय गुणों के चलते राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान केन्द्र यानी ‘एनआरसीई’ हिसार ने गधी के दूध की डेयरी शुरू करने का फैसला किया है। एनआरसीई हिसार में हलारी नस्ल की गधी के दूध की डेयरी शुरू करेगी जिसके लिए एनआरसीई ने हलारी नस्ल की गधी पहले ही मंगवा ली हैं।
फिलहाल इनकी ब्रीडिंग की जा रही है और उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही आसानी से गधी का दूध लोगों को प्राप्त हो जाएगा।
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