पाइल्स को बवासीर भी कहा जाता है, यह एक ऐसी बीमारी है जिसमें इन्सान को बहुत तकलीफ होती है, इसमें गुदा के अंदर और बाहर सूजन आ जाती है, और गुदा के अंदर या बाहर मस्से बन जाते हैं, ये मस्से कई बार अंदर होते हैं तो कई बार बाहर आ जाते हैं, पहले ये बीमारी उम्रदराज लोगों में देखी जाती थी मगर अब किसी भी उम्र में लोग इसके शिकार हो जा रहे हैं। अगर समय से बवासीर का इलाज नहीं किया गया तो तकलीफ और भी ज्यादा बढ़ जाती है, आज हम आपको कुछ ऐसे घरेलू उपाय बता रहे हैं जिससे आप पाइल्स या बवासीर Hemorrhoids की समस्या को काफी हद तक कंट्रोल कर सकते हैं।
बवासीर (पाइल्स) के लक्षण, कारण, घरेलू इलाज और परहेज
पाइल्स एक अनुवांशिक समस्या भी होती है, अगर फैमिली में किसी को ये समस्या है तो ये आशंका हो सकती है कि अगली पीढ़ी में भी ये समस्या हो, बहुत पुराना होने पर ये भगंदर का रूप ले लेता है जिसे फिस्टुला के नाम से भी जाना जाता है, इसमें बहुत दर्द और जलन होती है।
बवासीर के प्रकार
पाइल्स या बवासीर दो प्रकार की होती हैं-
खूनी बवासीर
खूनी बवासीर में कई बार दर्द नहीं होता, इसमें मलत्याग के समय खून आता है कई बार थोड़ा थोड़ा आता है कई बार काफी ज्यादा आता है, मल त्याग करने के बार कई बाद मस्से खुद ब खुद अंदर चले जाते हैं कई बार अंदर नहीं जाते, अगर ऐसी तकलीफ आपको है तो बिना देर किए डॉक्टर से इलाज कराएं।
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बादी बवासीर
दूसरी पाइल्स जो होती है उसे बादी बवासीर कहते हैं, इसमें पेट में कब्ज और गैस की समस्या होती है, इसमें मस्से से रक्तस्राव तो नहीं होता है, मगर इसमें खुजली और जलन होती है, शुरू में ये कम तकलीफ देते हैं मगर अस्वस्थ और जंक फूड लगातार खाने से इसमें खून जमा हो जाता है और सूजन बढ़ जाती है, कई बार रोगी को इसमें मलत्याग के दौरान दर्द होता है और बैठने में भी तकलीफ होती है। अगर वक्त पर इलाज करा लें और खान पान की आदतें सुधार लें तो ये समस्या भी अपने आप ठीक हो जाती है।
पाइल्स के लक्षण
- गुदा के आस-पास दर्द वाली गांठ का होना, कई बार इसमें खून भी आता है
- शौच के बाद भी पेट ठीक से ना साफ होना
- शौच के दौरान जलन के साथ खून का आना
- शौच के वक्त दर्द होना
- गुदा के आस-पास खुजली, लालिमा या सूजन होना
- अगर आपमें भी ये लक्षण हैं तो इसे नजरअंदाज ना करें डॉक्टर से मिलकर इनका इलाज कराएं।
पाइल्स होने की वजह
कुछ लोगों में यह रोग अनुवांशिक होता है मगर कुछ लोगों को खड़े होकर जॉब करने से भी ये समस्या हो जाती है, इसके अलावा जो भारी वजन उठाते हैं उन्हें भी ये तकलीफ हो सकती है। इसके अलावा जो लोग फाइबर युक्त भोजन नहीं करते हैं, धूम्रपान और शराब का सेवन करते हैं, या जिन्हें टेंशन होती है उन्हें भी ये समस्या हो सकती है। महिलाओं में प्रसव के बाद पाइल्स का खतरा बढ़ जाता है।
बवासीर या पाइल्स के घरेलू इलाज
जामुन
पाइल्स या बवासीर होने पर जामुन के कोमल कोपलों को पीस लें और इस रस में थोड़ी से चीनी मिला लें, दिन में तीन बार इसका सेवन करने से पाइल्स में बहने वाला खून बंद हो जाता है। 10 ग्राम जामुन के पत्तों को 250 मिली गाय के दूध में घोंट लें, इसे 7 दिन तक सुबह,दोपहर और शाम को पीने से भी खून रुक जाता है। 20 मिली रस में, थोड़ी-सी शक्कर मिला लें। इसे दिन में तीन बार पीने से बवासीर से बहने वाला खून बन्द हो जाता है।
एलोवेरा
एलोवेरा में सूजनरोधक गुण होते हैं, यह आंतरिक और बाहरी दोनों पाइल्स के इलाज में लाभदायक है। गुदा के बाहर मौजूद मस्सों में एलोवेरा जेल लगाएं, इससे खुजली दूर होती है, एलोवेरा का सेवन करें, इससे कब्ज नहीं होगा और मल त्याग करने में आसानी होगी।
सेब का सिरका
खूनी बवासीर में एक गिलास पानी में एक चम्मच सेब के सिरके को डालकर पिएं, वहीं अगर बादी बवासीर है तो सेब के सिरके को रुई में लगाकर सीधा गुदा में लगाएं, इससे खुजली में राहत मिलती है।
जैतून के तेल
जैतून के तेल में भी सूजन ठीक करने के गुण होते हैं, जैतून के तेल को बादी बवासीर के मस्सों पर लगाएं सूजन में राहत होगी और दर्द भी कम होगा।
बादाम का तेल
शुद्ध बादाम के तेल में रुई को डुबाकर बादी पाइल्स के मस्सों पर लगाएं इससे सूजन और जलन कम होती है।
नारियल
नारियल की जटाओं को जलाकर इस राख को ताजे मट्ठे में मिलाकर सुबह खाली पेट नियमित रूप से पिएं तो बवासीर में काफी फायदा होता है।
अंजीर
तीन अंजीर एक गिलास पानी में भिगों दें, सुबह खाली पेट भीगे हुए अंजीर खाएं और पानी भी पी जाएं, इससे काफी राहत मिलेगी।
Disclaimer:यह जानकारी आयुर्वेदिक नुस्खों के आधार पर लिखी गई है। इंडिया टीवी इनके सफल होने या इसकी सत्यता की पुष्टि नहीं करता है। इनके इस्तेमाल से पहले चिकित्सक का परामर्श जरूर लें।