अन्न का प्रभाव हमारी सेहत पर सबसे ज्यादा पड़ता है। नियमित रूप से हम दिन में दो बार खाना खाते हैं और उस खाने में क्या-क्या शामिल है इससे हमारा स्वास्थ्य जुड़ा है। बड़े बुजुर्ग हमेशा ऋतु फल, सब्जियां और अनाज खाने की सलाह देते थे। इसलिए गर्मी के दिनों में आपको अपनी रोटी यानि कि आटा भी बदल देना चाहिए। गर्मी में गेहूं की रोटी खाने से कहीं ज्यादा फायदेमंद है जौ की रोटी। बार्ले यानि जौ के आटे से बनी रोटियां खाने से तेजी से मोटापा कम होता है। गर्मी में जौ का आटा पेट को ठंडा रखता है। जो लोग पूरी गर्मी जौ के आटे से बनी रोटी खाते हैं उनका हार्ट ज्यादा हेल्दी रहती है। डायबिटीज के मरीज के लिए भी ये रोटी फायदेमंद होती है। जानिए गर्मी में जौ की रोटी क्यों है इतनी फायदेमंद?
न्यूट्रीशियन, वेट लॉस कोच और कीटो डाइटिशियन डॉक्टर स्वाति सिंह के अनुसार, जौ के आटे में कई तरह के पोषक तत्व पाए जाते हैं जो गर्मी में शरीर को ठंडक पहुंचे हैं। जौ के आटे में भरपूर प्रोटीन, फाइबर, बी विटामिन, आयरन, जिंक जैसे पोषक तत्व होते हैं। जौ एक लो कैलोरी फूड है, जो फाइबर का अच्छा सोर्स है।
जौ के आटे से बनी रोटी खाने के फायदे
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वजन घटाए (Weight loss)- जौ के आटे से बनी रोटी या जौ का दलिया खाने से तेजी से वजन कम होता है। जौ में कैलोरी कम होती है और फाइबर ज्यादा होता है जिससे पेट जल्दी भरता है और लंबे समय तक फुल रहता है। इससे भूख कम लगती है और मोटापा भी कम होता है।
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पेट को रखे ठंडा (Cool Stomach)- जौ की तासीर ठंडी होती है। इसलिए गर्मी के दिनों में आपको जौ के आटे से बनी रोटी खानी चाहिए। इससे पेट की गर्मी शांत होती है। जौ की रोटी खाने से गैस, अपच और ब्लोटिंग की समस्या कम होती है। जौ की रोटी खाने से पेट को ठंडक मिलती है।
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डाइजेशन होता है बेहतर (Improves Digestion)- जौ में फाइबर की मात्रा काफी ज्यादा होती है। इसे खाने से डाइजेशन बेहतर बनता है। जौ में इनसोल्यूबल फाइबर पाया जाता है जिससे पेट हेल्दी रहता है। जो के आटे से बनी रोटी खाने से कब्ज की समस्या नहीं होती है।
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कोलेस्ट्रॉल घटाए (Lower Cholesterol)- जौ में बीटा-ग्लूकन्स बाइल एसिड पाया जाता है शरीर में जमा बैड कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करता है। ऑयली खाने वालों के शरीर में बेड कोलेस्ट्रॉल जमा होने लगता है ऐसे लोगों को जौ के आटे की रोटी जरूर खानी चाहिए।
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डायबिटीज कंट्रोल करे (Diabetes Control)- डायबिटीज के मरीज को अन्न यानि रोटी का चुनाव बड़ा सोच-समझकर करना चाहिए। शुगर के मरीज को गेहूं की बजाय ज्वार या जौ के आटे से बनी रोटी खानी चाहिए। इससे इंसुलिन में सुधार आता है और टाइप 2 डायबिटीज का खतरा भी कम होता है।
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हार्ट को रखे हेल्दी (Reduce Heart Disease)- हार्ट के मरीज को भी जितना हो सके रिफाइंड फ्लोर यानि मैदा से बचना चाहिए। मोटा अनाज सेहत के लिए फायदेमंद होता है। बेहतर होगा कि आप गर्मी के दिनों में गेहूं की बजाय जौ के आटे से बनी रोटियां खाएं। इससे हार्ट हेल्थ भी बेहतर बनी रहेगी।