इन दिनों लोग कोलेस्ट्रॉल बढ़ने से दिल से जुड़ी बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं।दरअसल, 20 साल की उम्र के बाद कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ना शुरू हो जाता है। कोलेस्ट्रॉल का बढ़ना अनुवांशिक भी हो सकता है। कई बार पीढ़ी दर पीढ़ी ये बीमारी बढ़ती रहती है।शरीर अच्छी तरह काम करे इसके लिए शरीर में एक निश्चित कोलेस्ट्रॉल लेवल होना चाहिए। कोलेस्ट्रॉल का लेवल बढ़ने से शरीर में कई तरह की परेशानियां शुरू हो जाती हैं। जिसके कारण की बीमारियां जैसे कि स्ट्रोक्स, हार्ट अटैक, दिल संबंधी बीमारी आदि। जब हमारे शरीर में बुरा कोलेस्ट्रॉल की मात्रा अधिक हो जाती है। तो हमारे शरीर में पहले से ही कुछ संकेत दिखने लगते है। अगर आपको इनमें से कोई भी संकेत दिखें तो तुरंत ब्लड टेस्ट कराएं और डॉक्टर से संपर्क करें। जिससे कि आप जानलेवा बीमारी से बच जाएं।
ये हैं कोलेस्ट्रॉल के लक्षण
हाथ-पैर सुन्न होना: जब शरीर में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा अधिक हो जाती है। इसके कारण हाथ-पैरों के सुन्न होना, सिरहन आदि होना आदि समस्या है।
सिर दर्द: जब हमारे सिर पर कोलेस्ट्रॉल ज्यादा हो जाता है। जो नसों पर नियमित रुप से ब्लड नहीं पहुंच पाता है। जिसके कारण सिरदर्द संबंधी कई समस्याएं हो सकती है।
सांस का फूलना: बिना ज्यादा मेहनत किए आपकी सांस फूल जाती है। तो यह कोलेस्ट्रॉल बढ़ने का एक कारण हो सकता है।
बैचेनी या सीने में दर्द: कोलेस्ट्रॉल के बढ़ने से मुख्य रूप से दिल की बीमारियों और स्ट्रोक का खतरा बढ़ता है। इसलिए अगर आपको सीने में दर्द महसूस हो, बेचैनी हो या दिल बहुत जोर-जोर से धड़कने लगे, तो ये कोलेस्ट्रॉल के बढ़े होने के संकेत हो सकते हैं। इसे इग्नोर न करें।
वजन बढ़ना: अगर आपको लगता है कि बिना किसी खास वजह से आपका वजन बढ़ता जा रहा है। तो ये कोलेस्ट्रॉल का संकेत हो सकता है
वयस्कों में कोलेस्ट्रॉल का स्तर
खून में कोलेस्ट्रॉल का स्तर 3.6 मिलिमोल्स प्रति लिटर से 7.8 मिलिमोल्स प्रति लिटर के बीच में होता है। 6 मिलिमोल्स प्रति लिटर कोलेस्ट्रॉल को उच्च श्रेणी में रखा जाता है और ऐसा होने पर धमनियों से जुड़ी बीमारियों का ख़तरा बढता है। 7.8 मिलिमोल्स प्रति लीटर से ज़्यादा कोलेस्ट्रॉल हाई कोलेस्ट्रॉल का स्तर कहा जाता है।
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