आज हम एक ऐसी रिपोर्ट का जिक्र करने जा रहे हैं जो उन तमाम प्रॉब्लम्ज को समझने में मदद करेगी, जिनका सीधा नाता दुनिया के 99% लोगों से है। मतलब ये कि आप या फिर आपके अपने कोई गर्दन, पीठ, कमर, कोहनी, कलाई और पंजे के दर्द से लंबे वक्त से जूझ रहे हैं। इलाज से भी कोई फर्क नहीं पड़ रहा, तो एक बार रिपोर्ट को भी पढ़ लीजिए। शायद आपकी समस्या हल हो जाए।
दरअसल बॉडी के अलग-अलग प्वाइंट में दर्द को अक्सर फिजिकल एक्टिविटी की कमी, बिगड़े हए बायोमार्कर्स, मसल्स, बोन्स,ज्वाइंट की परेशानी मान लेते हैं। लेकिन इस रिपोर्ट के मुताबिक आपके शरीर के अलग-अलग हिस्सों में होने वाले दर्द का रिश्ता आपके इमोशन, आपके स्वभाव और थॉट प्रोसेस से जुड़ा होता है। अब जैसे अगर कंधों में अक्सर दर्द महसूस होता है, तो ये मानकर चलिए कि आपको खुश रहने की जरूरत है। क्योंकि मोनोटोनस लाइफ आपके कंधे में दर्द की वजह हो सकती है।
गर्दन में दर्द की वजह आपका जिद्दी नेचर या फिर किसी बात को लेकर फ्लेक्सिबल ना होना भी है। रीढ़ के ऊपरी हिस्से में अकड़न और दर्द महसूस हो, तो समझ लीजिए आप निगेटिव इमोशंस की गिरफ्त में हैं। और पीठ के बीचों बीच दर्द हो तो पुराने ख्यालों से निकलिए। खुद को दोष देना बंद कीजिए, मतलब गिल्टी फील मत कीजिए। और अगर लाइफ में कभी कोई बड़ा फैसला लेने में डर लगे, तो हो सकता है इससे कूल्हों में दर्द महसूस हो। पैसे को लेकर चिंता आपको कमर में दर्द दे सकती है। कोहनी का दर्द ये बताता है कि नये एक्सपीरियंस को एक्सेप्ट करने के लिए आप तैयार नहीं है। इन बातों के जिक्र का मतलब ये है कि शरीर के साथ आपको अपने दिल और दिमाग को भी सुनने की जरूरत है। स्वामी रामदेव से जानते हैं कैसे इस तरह के दर्द का हल निकाला जाए?
फाइब्रोमायल्जिया सताए तो क्या करें
- साबुत अनाज खाएं
- फल-सब्ज़ी खाएं
- डाइट में प्रोटीन बढ़ाएं
- विटामिन डी की कमी दूर करें
- खूब पानी पीएं
फाइब्रोमायल्जिया का कारगर उपाय
- स्ट्रेचिंग
- वॉक
- स्विमिंग
- साइकिलिंग
- सीढ़ियां उतरना-चढ़ना
फाइब्रोमायल्जिया की क्या है वजह
- पुरानी बीमारी
- संक्रमण
- जेनेटिक
- फिज़िकल-मेंटल इंजरी
- स्ट्रेस
फायब्रोमायल्जिया में ध्यान रखें
- पर्याप्त नींद लें
- तनाव कम करें
- रेगुलर वर्कआउट
- संतुलित आहार लें
- लक्षणों पर नज़र रखें
सिरदर्द से कैसे बचें?
- शरीर में गैस नहीं बनने दें
- एसिडिटी कंट्रोल करें
- व्हीटग्रास एलोवेरा लें
- बॉडी में कफ को बैलेंस करें
- अणु तेल नाक में डालें
- अनुलोम-विलोम करें