कफ दोष पानी से जुड़ा होता है। कफ दोष के कारण 20 तरह की बीमारियां होती हैं। कफ दोष हमारे शरीर का भार, अंदरूनी ताकत का प्रतीक होता है। कफ दोष इनबैलेंस होने के कारण मोटापा, थाइराइड, सर्दी,खांसी और जुकाम होना, आंखों में मोतियाबिंद, कम सुनाई देना, आंखों का लाल होना, डार्क सर्कल होना आदि शामिल है। स्वामी रामदेव से जानिए कफ दोष को बैलेंस करने के लिए आयुर्वेदिक उपाय और डाइट प्लान।
शरीर में अगर बिगड़ जाए वात दोष तो अपनाएं ये आयुर्वेदिक औषधि और डाइट प्लान
कफ दोषों के लिए आयुर्वेदिक उपाय
- श्वासारि का सेवन करें। इससे सर्दी-जुकाम की समस्या से निजात मिलेगा।
- दूध में छोटी पिपली डालकर पीएं
- दूध के साथ हल्दी और शीलाजीत पीएं
- त्रिकुटा का चूर्ण का सेवन कारगर साबित हो सकता है
- गिलोय को भिगोकर पीने से लाभ मिलेगा। क्योंकि कई लोगों को उबालकर पीने से एसिडिटी, बवासीर तक की समस्या का सामना करना पड़ता है।
- फ्रेश एलोवेरा जूस का सेवन करे
- पित्त बढ़ा हुआ तो लौकी का जूस और कफ बढ़ हुआ है तो सूप पिएं। इसके अलावा लौकी की सब्जी का सेवन करे।
- मुलेठी को थोड़ा सा लेकर मुंह में डालकर चूस लें।
- गोखरू का पानी पी सकते हैं। इसे रात को भिगो दें और सुबह छानकर पानी पिएं।
बार-बार एसिडिटी होना है पित्त बढ़ने का लक्षण, जानिए इससे निजात पाने का आयुर्वेदिक उपाय और डाइट प्लान
कफ दोषों को बैलेंस करने के लिए डाइट प्लान
- क्या खाएं
- बाजरा, मक्का, गेंहूं
- पालक, पत्तागोभी, ब्रोकली, शिमला मिर्च, मटर, आलू
- छाछ और पनीर
- शहद
- सभी तरह की दाल
- सरसों और जैतून का तेल
क्या ना खाएं
- मैदा
- खीरा, टमाटर, शकरकंद
- केला, खजूर, अंजीर, आम, तरबूज
- नमक कम खाएं