प्रदूषण की चादर दिल्ली एनसीआर में बिछने लगी और अब जाकर सरकार ने प्रदूषण से निपटने की तैयारी शुरू की है। ड्रोन से छिड़काव करने के लिए अभी ड्रोन खरीदने की बातें हो रही हैं। प्रदूषण जब हर रोज दिन दूनी रात चौगुनी रफ्तार से बढ़ रहा है तो प्रदूषण को कंट्रोल करने के लिए बैठकों का दौर चल रहा है। जबकि ये तो सबको पता है कि हर साल अक्टूबर आते ही पॉल्यूशन बड़ी परेशानी बन जाती है। एक खामोश डर हर किसी के जहन में रहता है कि सर्दी आते ही दिल्ली NCR गैस चेंबर में तब्दील हो जाएगा। हर तरफ स्मॉग होगा और सांसों पर इमरजेंसी लग जाएगी। ये मौसम उन लोगों के लिए और भी खतरनाक बन जाता है जो पहले से ही अस्थमा, निमोनिया, 'ब्रोंकियो-लाइटिस' जैसी लंग्स डिजीज की गिरफ्त में हैं।
ये स्थिति वाकई अलार्मिंग है। प्रदूषण की ये रेड लाइन खतरे की घंटी बजा रही है। लाख दावे के बाद भी पराली जलना रुक नहीं रहा। हाल तो ये है कि दिल्ली-NCR में 36% परिवार प्रदूषण वाली बीमारियों की गिरफ्त में हैं। इस बार तो बाहर ही नहीं घर के भीतर भी हवा उतनी ही जहरीली है। एक स्टडी के मुताबिक खाना पकाते समय किचन का AQI 1000 के करीब पहुंच जाता है। ओपन किचन होने से उसका प्रदूषण घर के बाकी हिस्सों में भी फैलता है। हालात इतने खराब हैं। तभी तो दिल्ली के राममनोहर लोहिया अस्पताल में प्रदूषण से बीमार लोगों के लिए अलग से ट्रीटमेंट का इंतजाम करना पड़ा है। इतना ही नहीं बकायदा कॉन्सिलिंग की जा रही है कि प्रदूषण के असर से बचने के लिए क्या करें।
दरअसल मौसम में बदलाव और हवा खराब होने से लंग्स की बीमारियां तो ट्रिगर होती ही हैं। वहीं शरीर में ऑक्सीजन की कमी का असर वाइटल ऑर्गन्स पर भी दिखने लगता है। जिससे सिरदर्द के साथ-मसल्स पेन-इर्रेग्युलर हार्टबीट और एंग्जायटी बढ़ जाती है। अब ऐसे में तो योग-प्राणायाम और कुछ आयुर्वेदिक उपचार का ही सहारा है। जिससे हमारे शरीर का फिल्टर जहरीली हवाओं को बेअसर कर पाए। स्वामी रामदेव से जानते हैं प्रदूषण से बचने के लिए क्या आयुर्वेदिक उपचार करें?
प्रदूषण का सेहत पर असर
- आंखें लाल होना
- सिरदर्द
- गर्दन-चेहरे में दर्द
- सांस की दिक्कत
- सूखी खांसी
- स्ट्रेस-एंग्जायटी
पॉल्यूशन से सेहत पर डबल खतरा
- खांसी
- ज़ुकाम
- टॉन्सिल्स
- साइनस
- अस्थमा
- ब्रोंकाइटिस
हल्दी है रामबाण
- दूध में कच्ची हल्दी पकाएं
- हल्दी-दूध में शिलाजीत मिलाएं
- हल्दी दूध लंग्स के लिए फायदेमंद
एलर्जी का रामबाण इलाज
- 100 ग्राम बादाम
- 20 ग्राम कालीमिर्च
- 50 ग्राम शक्कर
- मिलाकर पाउडर बनाएं
- 1 चम्मच दूध के साथ लें
गले में एलर्जी होने पर क्या करें?
- नमक पानी से गरारा
- सरसों तेल से नस्यम
- मुलेठी खाने से फायदा
स्किन एलर्जी पर पर लगाएं ये लेप
- एलोवेरा
- नीम
- मुल्तानी मिट्टी
- हल्दी
माइग्रेन के ट्रिगर की वजह
- भूख
- डिहाइड्रेशन
- नींद
- तेज़ आवाज़
- तेज़ खुशबू
- मौसम में बदलाव
- तेज रोशनी