हमारे शरीर में एक नर्वस सिस्टम होता है जिसमें 100 मिलियन से ज्यादा न्यूरॉन होते है। इन न्यूरॉन में केमिकल एक्टिविटी के कारण करंट पैदा होता है। जो दिमाग को मैसेज भेजता है। लेकिन जब यह केमिकल एक्टिविटी कम हो जाती हैं एपिलेप्सी (मिर्गी) की समस्या हो जाती है।
एपिलेप्सी एक न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर है। मिर्गी का दौरा 20 सेकंड से 3 मिनट तक रहता है। आपको बता दें कि देश में करीब 10 लाख लोग इस बीमारी के शिकार है। वहीं दुनियाभर में 5 करोड़ से अधिक लोग इस बीमारी से ग्रस्त है। स्वामी रामदेव से जानिन कैसे पीपल और बरगद की जटाओं का सेवन करके इस समस्या को काफी हद तक कंट्रोल किया जा सकता है।
मिर्गी के लक्षण
- बेहोश होना
- झटके लगना
- बॉड़ी लड़खड़ाना
- मुंह से झाग आना
पीपल-बरगद की जटाओं का काढ़ा
स्वामी रामदेव के अनुसार बरगद, पीपल की जटाओं में ऐसे औषधिय गुण पाए जाते हैं जो न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर की समस्या से निजात दिलाता है। इसका सेवन कुछ दिनों तक करने से आपको मिर्गी की समस्या से भी लाभ मिलेगा। बरगद-पीपल की जटाओं का काढ़ा बनाने के लिए 1 लीटर पानी में मेधा क्वाथ, बरगद, पीपल की कुछ जटाओं को डालकर अच्छे से पका लें। जब 250 एमएल पानी बच जाए तो छानकर दिनभर इसका सेवन करें।
मिर्गी से निजात पाने के अन्य औषधियां
- एलोवेरा और गिलोय जूस पीएं
- अश्वशिला की एक गोली तीन बार लें
- चंद्रप्रभावटी दिन में एक-एक गोली लें
- मेधा क्वाथ का काढ़ा
- पेठे का जूस रोज पीने से फायदा
- सारस्वतारिष्ट का नियमित सेवन