आज के समय में खराब लाइफस्टाइल और खानपान हमारे शरीर के 'त्रिदोषों' पर असर डालता हैं। हमारा शरीर तीन एनर्जी वात, पित्त और कफ से मिलकर बना है। अगर यह इनबैलेंस हो गए तो आप तमाम बीमारियों के शिकार हो जाते हैं। कई लोग ऐसे होते हैं जो अक्सर बीमार पड़ जाते हैं। एक बीमारी ठीक नहीं हुई कि दूसरी शुरू हो जाती है। आपको बता दें कि ये सब वात,पित्त और कफ का बैलेंस बिगड़ने से होता है।
आयुर्वेद के मुताबिक सिर्फ वात के बिगड़ने से ही 80 तरह की बीमारियां हो सकती हैं। वात दोष हवा से जुड़ा होता है। वात शरीर में ब्लड का फ्लो ठीक रखने में मदद करता है। इसके साथ ही यह किसी पोषक तत्व की कमी न हो वह वात काम करता है। इस दोष के कारण आपको घुटने में दर्द होना, हड्डियों में कैविटी, शरीर में तेज दर्द, पैर में ऐंठन होना, स्किन का रफ होना, शरीर कमजोर होना शामिल है।
वात रोगों के लिए आयुर्वेदिक उपाय
- हरसिंगार, पारिजात , निरगुंडी और एलोवेरा का जूस पीने से मिलेगा लाभ।
- हल्दी मेथी और सौंठ का पाउडर बनाकर पिएं।
- लहसुन वात नाशक होता है। रोजाना खाल पेट 1-2 कली खाएं।
- लौकी का जूस पिएं
- पीडांतक, अश्वशीला और चंद्रप्रभा खाएं।
- नाशपती का सेवन करने से पेट की सभी समस्याओं से निजात।
- वात से ग्रसित लोग रात को दही और छाछ न खाएं। दोपहर में दही खा सकते हैं।
- गिलोय को भिगोकर पीने से लाभ मिलेगा। क्योंकि कई लोगों को उबालकर पीने से एसिडिटी, बवासीर तक की समस्या का सामना करना पड़ता है।
- फ्रेश एलोवेरा जूस का सेवन करे
- पित्त बढ़ा हुआ तो लौकी का जूस और कफ बढ़ हुआ है तो सूप पिएं। इसके अलावा लौकी की सब्जी का सेवन करे।
- मुलेठी को थोड़ा सा लेकर मुंह में डालकर चूस लें।
- गोखरू का पानी पी सकते हैं। इसे रात को भिगो दें और सुबह छानकर पानी पिएं।
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वात संतुलन करने के लिए डाइट प्लान
क्या खाएं
- घी, तेल और फैट
- गेंहू, तिल, अदरक, लहसुन
- दूध, मक्खन, पनीर, छाछ
- खीरा, गाजर, चुकंदर, पालक
- मूंग दाल, राजमा
क्या ना खाएं
- बाजरा, जौ, मक्का
- पत्तागोभी, फूलगोभी, ब्रोकली
- कोल्ड कॉफ़ी, ब्लैक टी ,ठंडा जूस
- नाशपाती, कच्चे केले