आयुर्वेद के अनुसार बुखार करीब 13 तरह के होते हैं। वातजा, पित्तजा, कफजा, वात-पित्तजा, वात- कफजा, त्रिदोषज, आगन्तुजा (बाह्य ज्वर), शोकाजा (चिंता प्रेरित), विशम्मा ज्वार (मलेरिया), क्रोधोदय (क्रोध प्रेरित) आदि होते हैं। किसी भी तरह के बुखार से छुटकारा पाने के लिए हम कई तरह की दवाओं का सेवन करते है। कई बार हमारा शरीर दवाओं का इतना ज्यादा आदी हो जाता है कि दवा का असर हटते ही आपको फिर से बुखार आ जाता है। खराब मौसम के कारण अधिकतर लोगों को बुखार की समस्या का सामना करना पड़ता है। ऐसे में आप दवाओं के बजाय ये आयुर्वेदिक काढ़ा का सेवन कर सकते हैं। इससे आपको बुखार की समस्या से जड़ से राहत मिलेगी।
काढ़ा विभिन्न तरह की आयुर्वेदिक हर्ब, मसालों आदि से मिलाकर बनाया जाता है। जिसका सेवन करने से आपका इम्यून सिस्टम मजबूत होता है। जिससे आप किसी भी तरह के संक्रमण से खुद को बता सकते है। जानिए इस बेहतरीन आयुर्वेदिक काढ़ा के बारे में।
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काढ़ा बनाने के लिए सामग्री
- 20-25 तुलसी की पत्तियां
- एक छोटा सा अदरका टुकड़ा
- 4-5 काली मिर्च
- डेढ़ कप पानी
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ऐसे बनाएं आयुर्वेदिक काढ़ा
एक पैन में पानी डालकर उबाले। इसके बाद इसमें तुलसी, काली मिर्च और अदरक को कद्दूकस करके डाल दें और धीमी आंच में पकने दें। जब पानी आधा रह जाए तो गैस बंद करके इसे एक कप में छान लें। इसके बाद आराम से धीमे-धीमे करके इसका सेवन कर लें। अगर आपको अधिक बुखार आ रहे हैं तो दिन में 2 बार भी इसका सेवन कर सकते हैं।
गुलाब जल भी है फायदेमंद
गुलाब जल में ऐसे गुण पाए जाते हैं जो आसानी से आपके बुखार को छूमंतर कर सकता है। अगर आपको तेज बुखार हैं तो माथे में ठंडे पानी की पट्टियां रखें। अगर आप चाहते हैं कि तुरंत लाभ मिले तो इसके लिए ठंडे पानी में एक चम्मच गुलाबजल डालकर अच्छी तरह से मिक्स कर लें। इसके बाद इस पानी से पट्टियां रखें। इसके अलावा एक आइस-बैग में गुलाब जल भी डाल सकते हैं और इसे स्पंजिंग के लिए उपयोग कर सकते हैं।
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