शरीर को चलाने के लिए ऑक्सीजन की जरूरत होती है और फेफड़ों का काम शरीर में ब्लड के जरिए ऑक्सीजन की सप्लाई करना है। ब्लड में कार्बन डाइऑक्साइड के लेवल को मेंटेन करना है। रेस्पिरेटरी फेल्योर या फेफड़े खराब होने पर दो सिचुएशन आते हैं। टाइप वन में ब्लड में ऑक्सीजन लेवल कम हो जाता है,जबकि कार्बन डाइऑक्साइड का लेवल कम रहता है। वहीं टाइप टू में ब्लड में ऑक्सीजन का लेवल कम हो जाता है और कार्बन डाइऑक्साइड का लेवल काफी बढ़ जाता है। जब शरीर में एनर्जी की कमी हो जाती हैं तो बॉडी के एंजाइम्स और हॉर्मोन्स इम्बैलेंस होने लगते हैं।
अगर आपके सांस लेने में किसी भी तरह की समस्या नहीं होती हैं यानी चलने में सांस नहीं फूलती हैं तो समझ लें कि आपके फेफड़े मजबूत है और आप कई बीमारियों के हमले झेल सकते हैं। लेकिन इसके बाद भी लोग बेपरवाह हैं। हवा में प्रदूषण के साथ -साथ स्मोकिंग की बुरी आदत, किसी ना किसी तरह की एलर्जी, कोरोना कम्प्लिकेशन, रेस्पिरेटरी डिजीज़ सब मिलकर सांसों संबंधी समस्या का सामना करना पड़ता है। ऐसे में आप चाहे तो इस आयुर्वेदिक काढ़ा का सेवन कर सकते हैं। स्वामी रामदेव से जानिए लंग्स को कैसे बनाए हेल्दी।
फेफड़ों को रखना चाहते है मजबूत, बस हल्दी में ये 3 चीजें मिलाकर ऐसे करें इस्तेमाल
फेफड़ों को मजबूत बनाने के लिए आयुर्वेदिक काढ़ा
सामग्री
- थोड़ी सी गिलोय की डंडी
- 4-5 तुलसी की पत्तियां
- आधा इंच अदरक
- थोड़ी सी कच्ची हल्दी
- आधी इंच दालचीनी
- थोड़ी सी मुलेठी
- थोड़ा सा अश्वगंधा
- 1-2 काली मिर्च
- थोड़ा सा शीलाजीत
- थोड़ा सा श्वासारि
ऐसे बनाएं आयुर्वेदिक काढ़ा
इस सभी चीजों को इमामदस्ता में डालकर अच्छी तरह से कूट लें। इसके बाद आधा लीटर पानी में डालकर धीमी आंच में पकने दें। जब पानी एक चौथाई बच जाए तो इसे छान लें। इस आयुर्वेदिक काढ़ा को हल्का गुनगुना या फिर ठंडा करके पी सकते हैं।