डायबिटीज के मरीज पिछले कुछ सालों में तेजी से बढ़ने लगे हैं। लाइफस्टाइल में बदलाव और खाने में की गई लापरवाही सेहत पर बुरा असर डालने लगी है। यही कारण है कि भारत मधुमेह की राजधानी बनता जा रहा है। हाल ही में मद्रास डायबिटीज रिसर्च फाउंडेशन और आईसीएमआर के क्लीनिकल ट्रायल में खुलासा हुआ है कि चिप्स, कुकीज, केक, फ्राइड फूड्स और मेयोनीज जैसी चीजों के सेवन से डायबिटीज का खतरा तेजी से बढ़ रहा है।
रिसर्च में कहा गया है कि अल्ट्रा प्रोसेस्ड फूड की वजह से भारत पूरी दुनिया में डायबिटीज की राजधानी बनता जा रहा है। रिसर्च में 38 लोगों को शामिल किया गया जिनका एक क्लीनिकल ट्रायल किया गया। जिसमें पाया गया कि चिप्स, कुकीज, केक, फ्राइड फूड्स और मेयोनीज जैसी चीजें एडवॉन्स्ड ग्लाइकेशन एंड प्रोडक्ट्स (एजीई) से भरपूर होती हैं। ये सीधे तौर पर पेनक्रियाज को प्रभावित करते हैं।
भारत बन रहा है डायबिटीज की राजधानी
शोध में 38 मोटापा से ग्रस्त लोगों का शामिल किया गया था। जिसमें से डायबिटीज से पीड़ित लोगों को एक अलग ग्रुप में रखा गया। इसमें एक ग्रुप को 12 सप्ताह तक कम AGI वाला खाना दिया गया वहीं दूसरे ग्रुप को ज्यादा AGI वाला खाना दिया गया था। इसमें लोगों में ग्लूकोज और लिपिड मेटाबोलिज्म के साथ-साथ ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस और इन्फ्लेमेशन पर कम और हाई एजीई भोजन के असर की जांच की गई।
इन चीजों से बढ़ता है डायबिटीज का खतरा
रिसर्च में शामिल डॉक्टर्स ने बताया कि भारत में पिछले कुछ सालों में खाने-पीने में काफी बदलाव आए हैं। जिसमें कार्बोहाइड्रेट, फैट, नमन, चीनी और पशु उत्पादों का सेवन काफी तेजी से बढ़ा है। वहीं दूसरी ओर व्यायाम में कमी और खराब लाइफस्टाइल के भी डायबिटीज का कारण बनती जा रही है।
खाने में कैसे कम रखें AGI लेवल
आप चाहें तो खाने का एजीई लेवल आसानी से कम रख सकते हैं। इसके लिए जरूरी है कि खाने को उबालने के बाद फ्राई, भूनना या ग्रिल करने से बचें। ज्यादा घी या तेल खाने से बचें। फल, सब्जियां, हरी पत्तेदार सब्जियां और साबुत अनाज ज्यादा खाएं। सूखे मेवे, भुने अखरोट, सूरजमुखी के बीज, फ्राई चिकन, बेकन जैसी चीजें कम खाएं।