जब हृदय की धमनियों में बैड कोलेस्ट्रॉल जमने लगता है तब लोगों को हार्ट ब्लॉकेज और दिल से जुड़ी बीमारियों की समस्या होने लगती है। नसों में बैड कोलेस्ट्रॉल बढ़ने से धमनियां सिकुड़ने लगती है और रक्त का प्रवाह कम होने लगता है। जिस वजह से दिल में ऑक्सीजन सही ढंग से नहीं पहुंच पाता है जिससे सीने में दर्द, सांस लेने में तकलीफ, और यहां तक कि दिल का दौरा भी पड़ सकता है। ऐसे में बैड कोलेस्ट्रॉल से छुटकारा पाने के लिए आप अर्जुन की छाल का इस्तेमाल कर सकते हैं। आयुर्वेद में अर्जुन की छाल का बहुत महत्व है। तो चलिए ऐसे में जानते हैं कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल करने के लिए अर्जुन की छाल का इस्तेमाल कैसे करें?
गुणों की खान है अर्जुन की छाल:
आयुर्वेद में अर्जुन की छाल का इस्तेमाल कई दवाओं में किया जाता है। इसके पेड़ में इलेजिक एसिड, बीटा-सिटोस्टिरोल, मोनो कार्बोक्सिलिक एसिड पाया जाता है जो कैंसर, बैड कोलेस्ट्रॉल, डायबिटीज़ जैसी बीमारी में लाभकारी है। अर्जुन की छाल में मौजूद हाइपोलिपिडेमिक शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल लेवल को कंट्रोल कर मरीजों के शरीर में गुड कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाता है।
अर्जुन की छाल और दालचीनी की चाय:
बैड कोलेस्ट्रॉल के मरीज औषधीय गुणों से भरपूर अर्जुन की छाल का सेवन चाय या काढ़े के रूप में कर सकते हैं। सबसे पहल एक भगोने में 3 कप पानी डालें और गैस ऑन कर उसे उबलने के लिए रख दें। अब इस पानी में 2 से 3 ग्राम अर्जुन की छाल और 1 से 2 ग्राम दालचीनी को कूटकर डाल दें। अब इस काढ़ा को थोड़ी देर और भी उबलने दें। जब कप का पानी एक कप रह जाए तब गैस बंद करें और इस काढ़े का सेवन करें। यदि आप इसे नियमित रूप से लेते हैं तो इससे आपकों बहुत लाभ देखने को मिलता है, ये कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करता है जिससे आपके बॉडी में कोलेस्ट्रॉल लेवल मेंटेन रहता है और ये कैंसर जैसी बीमारियों को भी होने से रोकता है।
अर्जुन की छाल इन समस्याओं में भी है कारगर:
अर्जुन की छाल हार्ट के मरीजों के लिए बेहद लाभकारी होता है। इसके सेवन से है बीपी भी कंट्रोल होता है। साथ ही यह कमजोर हड्डियों को मजबूत बनाता है और दस्त में भी लाभकारी है। मुँह के छालों और गठिया के मरीज भी इसका सेवन कर सकते हैं।