जब आप तनाव में रहते हैं या फिर किसी एक बात को ही सोचते रहते हैं तो ऐसी स्थिति में लोगों को घबराहत महसूस होने लगती है। कई बार इस दौरान सांस लेने में तकलीफ होती है तो कई बार दिल की धड़कन तेज हो जाती है। इस अनियमित हार्ट बीट के कई कारण हो सकते हैं। जिसमें एंग्जायटी भी शामिल है। एंग्जायटी होने पर व्यक्ति के मन में डर, चिंता और नकारात्मक विचार आने लगते हैं। ऐसे लोगों को समझ नहीं आता कि किया करें वो हताश और निराश महसूस करते हैं। ऐसी स्थिति में पीडित को सीने में दर्द महसूस हो सकता है। हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो इस स्थिति को हार्ट पेल्पिटेशन कहते हैं जानिए इसके क्या कारण होते हैं?
एंग्जायटी और हार्ट पेल्पिटेशन का एक दूसरे से कनेक्शन है। शारदा हॉस्पिटल के इंटरनल मेडिसिन डिपार्टमेंट के प्रोफेसर डॉ भुमेश त्यागी के मुताबिक एंग्जायटी होने पर आपकी हार्ट बीट प्रभावित हो सकती है। इससे दिल की धड़कम कम और तेज हो सकती है।
लड़ाई में हार्ट बीट अनियमित होना- कई बार जब झगड़े की स्थिति पैदा होती है तो आपकी हार्ट बीट अनियमित हो सकती है। ऐसे समय में शरीर में स्ट्रेस हार्मोन एड्रेनालाइन तेजी से रिलीज होता है। जिससे हार्ट बीट में भी बदलाव आने लगता है।
तनाव बढ़ना- कुछ लोगों को बहुत सोचने और तनाव लेने की आदत होती है। ऐसे में अगर आपकी एंग्जायटी की समस्या पुरानी रही है तो टेंशन से मांसपेशियों में और ज्यादा तनाव पैदा हो सकता है। इससे हार्ट के आसपास की मांसपेशियों में भी तनाव बढ़ जाता है। जिससे दिल की धड़कन असामान्य होने लगती है।
हाइपरवेंटिलेशन- कई बार एंग्जायटी होने पर सांस की गति तेज होने लगती है। इस स्थित को हाइपरवेंटिलेशन कहा जाता है। इससे खून में कार्बन डाइऑक्साइड का लेवल कम हो सकता है और हार्ट बीट और उसकी गति में परिवर्तन हो सकता है। ज्यादातर ऐसे मामलों में हार्ट बीट तेज हो जाती है।