कोरोना काल में हम सभी ऑनलाइन सुविधाओं के आदि हो गए थे। यहां तक कि डॉक्टर भी हमारा इलाज फोन पर बात करके और फिर वीडियो कॉल के जरिए कर रहे थे। दरअसल, इस तरह की सुविधा को टेलीमेडिसिन (Telemedicine) सुविधा कहते हैं। हालांकि, दूर से इलाज का ये तरीका पहले भी था लेकिन कोरोना में ज्यादा इस्तेमाल हुआ और अब भी कई मामलों में हम ये सुविधा ले लेते हैं। लेकिन, अब नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC) के कुछ नए नियम के अनुसार हमें हर बीमारी के लिए ये सुविधा नहीं मिल पाएगी। इसके अलावा इन नियमों में यह भी बताया गया है कि किस बीमारी के इलाज और दवा के लिए टेलीमेडिसिन सुविधा का इस्तेमाल किया जा सकता है।
फोन और वीडियो कॉल पर नहीं मिलेगी इन बीमारियों की दवा: National Medical Commission
नेशनल मेडिकल कमीशन (National Medical Commission) संविधान के अनुच्छेद-10 के तहत इस नियम को लागू किया है। इसके तहत अब किसी भी प्रकार के कैंसर की बीमारी के लिए टेलीमेडिसिन सुविधा के जरिए इलाज नहीं किया जाएगा और न ही कोई भी दवा रोगी को बताई जाएगी। जैसे कि एंटी कैंसर दवाएं (Anti cancer drugs ) मॉर्फिन (morphine) और कोडीन (codeine)। ध्यान दें कि यहां साफ शब्दों में बता गया है कि कैंसर चाहे किसी भी अंग से जुड़ा हुआ हो इसका इलाज, इस सुविधा के जरिए करना एक जुर्म हो सकता है।
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फोन के जरिए सिर्फ मिलेंगी ये दवाएं
नेशनल मेडिकल कमीशन ने जहां कैंसर की दवा को लेकर नियम सख्त किया वहीं, कुछ स्वास्थ्य स्थितियों के लिए नियम को आसान बनाया है। जैसे कि नेशनल मेडिकल कमीशन का कहना है कि आप फ्लू या हल्की बीमारियों में फोन पर एंटीबायोटिक (antibiotics) दवाएं ले सकते हैं। दूसरा, फोन पर आपको एंटीसेप्टिव दवाएं (antiseptics) भी डॉक्टर द्वारा बताई जा सकती हैं, जो कि किसी चोट में इस्तेमाल होते हैं। तीसरा, आप एसिडिटी के लिए एंटाएसिड (antacids) ले सकते हैं और चौथा आप कफ सिरप जैसी दवाओं (cough suppressants) के लिए भी सुझाव ले सकते हैं।
वीडियो कॉल के जरिए मिलेंगी ये दवाएं
वीडियो कॉल पर स्किन से जुड़ी तमाम समस्याओं के लिए इलाज और दवाओं का नियम तय किया गया है। नेशनल मेडिकल कमीशन का कहना है कि एंटीफंगर दवाएं और एंटीबायोटिक आई ड्राप जैसी दवाएं, मरीज को सामने से वीडियो कॉल पर देखने के बाद ही दी जाएंगी।
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डॉक्टरों के लिए E-Prescription देना होगा जरूरी
नए नियमों के अनुसार डॉक्टर और मरीज, दोनों को E-Prescription देना और लेना जरूरी है। साथ ही आपके प्रिस्क्रिप्शन पर ये तमाम चीजें लिखी होनी चाहिए। जैसे कि
-डॉक्टर का नाम (Doctor name)
-डॉक्टर की दक्षता (Qualification)
-रजिस्ट्रेशन नंबर (registration number)
-पता और फोन नंबर (address contact details)
-दवाओं का नाम बड़े अक्षरों में साफ-साफ लिखा होना चाहिए (Name of the drug in capital letters)
-कब, कितने दिनों तक और कितना डोज लेना है (Dose frequency and Duration), ये सब लिखा होना चाहिए।
इसके अलावा डॉक्टर की ये जिम्मेदारी है कि वो मरीज की रिपोर्ट, फोटो और तमाम डायग्नोस्टिक डेटा अपने पास रखें। साथ ही मरीज को डॉक्टर की इस सुविधा के लिए सही चार्ज देना है। इसके अलावा इन नियमों में यह भी बताया गया है कि अगर कोई भी डॉक्ट इसे सही से पालन नहीं करता है और मरीज के इलाज में कोई लापरवाही देखी गई तो, डॉक्टर को इसके लिए सजा भी हो सकती है।