अंगीठी जलाने के नुकसान: अंगीठी जलाकर सोना घातक हो सकता है। दरइअसल, हाल ही में यूपी के अमरोहा में अंगठी जलाकर सोने की वजह से एक ही परिवार के 5 लोग की मौत हो गई। एक पहली खबर नहीं है बल्कि, हर साल सर्दियों में ऐसी खबरें आती रहती हैं। लेकिन, इस पूरे मामले से आम लोगों को समझना चाहिए कि अंगीठी जलाकर सोना कैसे आपकी जान ले सकता है। इस स्थिति को समझने के लिए हमने डॉक्टर अनिमेष आर्या, सीनियर कंसल्टेंट, प्लूमोनोलॉजी, श्री बालाजी एक्शन मेडिकल इंस्टिट्यूट से बात की, जिन्होंने बताया कि ये कैसे किसी की जान ले सकता है और क्यों हर किसी को अंगीठी जलाकर सोने से बचना चाहिए।
डॉक्टर अनिमेष आर्या बताते हैं कि सर्दियों के मौसम में बंद कमरे के अंदर अंगीठी में लकड़ी या कोयला जलाना आपके लिए खतरनाक साबित हो सकता है। कोयला या लकड़ी के जलने के बाद कार्बन मोनोऑक्साइड जैसी कई जहरीली गैसें निकलती हैं, जो आपके लिए खतरनाक साबित हो सकती हैं और इससे आपकी मृत्यु भी हो सकती है।
बंद कमरे में अंगीठी जलाकर क्यों नहीं सोना चाहिए
दरअसल बंद कमरे के अंदर अंगीठी में लकड़ी या कोयला जलाने से कमरे में कार्बन मोनोऑक्साइड का लेवल बढ़ जाता है और कमरे में धीरे-धीरे ऑक्सीजन का लेवल घटता चला जाता है। कार्बन मोनोऑक्साइड में उपस्थित कार्बन सीधे आपके ब्रेन को प्रभावित करती है और ब्रेन में असर होने के कारण कमरे में सोया इंसान बेहोश भी हो सकता है। इसके साथ ही जब आप सांस लेते हैं तब खतरनाक कार्बन मोनोऑक्साइड गैस, सांस के जरिए आपके फेफड़ों में पहुंचकर खून में मिलने लगती है और लगातार ऐसा होने से आपके खून में हीमोग्लोबिन का लेवल घटने लगता है और अंत में आपकी मृत्यु भी हो सकती है।
Powerfood: इस फूड को कहा जाता है पहलवानों का नाश्ता, ताकत बढ़ाने का है देसी टॉनिक
अंगीठी से इन बीमारियों का खतरा ज्यादा
इसके अलावा बंद कमरे के अंदर अंगीठी जलाने से आंखों में संक्रमण, सांस की बीमारी, कार्डियक एवं रेस्पिरेटरी फेलियर का खतरा, कई तरह की स्किन समस्याएं, घबराहट और सर दर्द जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए सर्दियों में कमरे के अंदर अंगीठी जलाते समय यह ध्यान रखें कि कमरा पूरी तरह से बंद न होने पाए, उसमें खिड़कियों तथा दरवाजों के माध्यम से हवा आती जाती रहे, जिससे कमरे के अंदर ऑक्सीजन का लेवल मेंटेन रहे।
दुनिया का सबसे मीठा फल है अंजीर, लेकिन डायबिटीज में ब्लड शुगर को करता है कंट्रोल
अगर एक कमरे में एक से ज्यादा लोग सोते हैं तो अंगीठी को ज्यादा देर तक ना जलाएं क्योंकि ज्यादा लोग होने से और अंगीठी जलने से ऑक्सीजन के लेवल में तेजी से कमी आ जाती है। अस्थमा, साइनस, ब्रोंकाइटिस और स्किन एलर्जी से पीड़ित मरीजों को अंगीठी के पास बिल्कुल भी नहीं रहना चाहिए साथ ही छोटे बच्चों और बुजुर्गों को भी दूरी बनाकर रखनी चाहिए।