कई बार बिना बात के गुस्सा और चिड़चिड़ापन आने लगता है। अचानक कुछ अच्छा नहीं लगता और रोने का मन करने लगता है। एनर्जी लो फील होती है और कुछ भी करने का मन नहीं करता है। ये सारे लक्षण शरीर में विटामिन डी की कमी के संकेत हो सकते हैं। जी हां शरीर में जब विटामिन डी लो होता है तो स्थिति डिप्रेशन तक पहुंच सकती है। विटामिन डी की कमी से जोड़ों में दर्द, शरीर में दर्द, कमजोरी और मूड स्विंग भी होता है। अगर आपको भी ये समस्याएं हो रही हैं तो एक बार अपना विटामिन डी जरूर चेक करवा लें। उससे पहले जान लें शरीर में विटामिन डी कम होने पर क्या लक्षण दिखते हैं?
बारिश और सर्दी के मौसम में धूप कम निकलती है। इस मौसम में शरीर में विटामिन डी लो होने का खतरा सबसे ज्यादा रहता है। कई बार डाइट में लापरवाही, कोई बीमारी, दवा का साइड इफेक्ट या फिर धूप में कम जाने के कारण शरीर में विटामिन डी लो होने लगता है। जब विटामिन डी कम होता है तो शरीर में ये लक्षण दिखाई देते हैं।
विटामिन डी की कमी के लक्षण
- दिनभर शरीर में थकान बनी रहना
- मूड स्विंग्स और डिप्रेशन जैसे महसूस होना
- मांसपेशियों में दर्द और कमजोर महसूस होना
- हड्डियों में दर्द और कमजोरी आना
- झुकी हुई या मुड़ी हुई हड्डियां हो जाना
- हड्डी और जोड़ों का दर्द (विशेषकर आपकी पीठ में)
- शरीर में दर्द और ऐंठन की समस्या होना
शरीर में कितना होना चाहिए Vitamin D का लेवल
- 50 नैनोग्राम प्रति मिलीलीटर या इससे ज्यादा है तो ये बहुत अधिक है और इससे स्वास्थ्य समस्याएं भी हो सकती हैं।
- 20 नैनोग्राम प्रति मिलीलीटर या इससे ज्यादा है तो ये हेल्दी रहने के लिए पर्याप्त मात्रा है।
- 12 नैनोग्राम प्रति मिलीलीटर या उससे कम है तो शरीर में विटामिन डी की कमी है।
- अब अगर 20 नैनोग्राम प्रति मिलीलीटर से कम है इसे हल्की कमी माना जाएगा।
- जिन लोगों का 10 नैनोग्राम प्रति मिलीलीटर से कम होता है उन्हें मीडियम डिफिशिएंसी है।
- अगर 5 नैनोग्राम प्रति मिलीलीटर से कम आता है तो ये गंभीर स्थिति है।
कैसे पूरी करें विटामिन डी की कमी
जिन लोगों के शरीर में विटामिन डी बहुत कम है उन्हें डॉक्टर की सलाह से हेल्थ सप्लीमेंट्स लेने चाहिए। इसके अलावा रोजाना सुबह 9 बजे तक की धूप लें। इससे शरीर में नेचुरली विटामिन डी बनता है। खाने में डेयरी उत्पाद और प्लांट बेस्ड फूड को शामिल करें। इससे शरीर में विटामिन डी की कमी को पूरा किया जा सकता है।