चांगेरी के नाम से बहुत कम लोग अवगत होंगे। ये घास की तरह ही एक खरपतवार है, लेकिन इसके फायदे जानकर आप भी चौक जाएंगे। इसे आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी का दर्जा दिया गया। स्वाद में खट्टी चांगेरी विटामिन -सी से भरपूर होती है। चांगेरी की पत्तियों का स्वाद खट्टा होता है। चांगेरी की पत्तियों में पोटैशियम, कैल्शियम और कैरोटीन भरपूर पाया जाता है। इसके अलावा इसकी पत्तियों में ऑक्सलेट और विटामिन सी भी भरपूर मात्रा में होता है। तो चलिए जानते हैं इसके अद्भुद फायदे-
पिंपल्स और काले धब्बे को कहें बाय-बाय-
चांगेरी के पत्ते वैसे तो कई चीजों में लाभकारी माने जाते हैं, लेकिन यह पिंपल्स और काले धब्बे को मिटाने में भी काफी अहम रोल निभाता है। इसके सेवन से हम पिंपल्स और काले धब्बे को बाय-बाय कह सकते हैं। चांगेरी के पत्तों को पीस लें और उसे चंदन के पेस्ट के साथ मिलाएं। इस पेस्ट को चेहरे पर फेसपैक की तरह लगाएं और 15 मिनट बाद धो लें। इससे पिंपल्स और काले धब्बे की समस्या तो दूर होगी ही।
पीलिया की समस्या से मिलेगी राहत-
पीलिया की समस्या से ग्रस्त रोगी अपनी दिनचर्या में चांगेरी के पत्तों को जोड़ सकते हैं। ऐसे में आप सुबह उठकर चांगेरी के पत्तों को चबाएं। आप चाहें तो इन पत्तों से बना जूस भी पी सकते हैं। ऐसा करने से समस्या जल्द दूर हो सकती है।
मुंह की बदबू से मिलेगा छुटकारा-
अगर आप मुंह की बदबू, मसूड़ों के रोगों या दांतों की कमजोरी से परेशान हैं, तो चांगेरी की पत्तियां आपको इन समस्याओं से भी राहत दिलाती हैं। मुंह की बदबू दूर करने के लिए आप चांगेरी की 7-8 पत्तियों को अच्छी तरह धोकर इसे चबाएं। इसकी पत्तियों का स्वाद खट्टा होता है। ये पत्तियां माउथ फ्रेशनर की तरह काम करती हैं।
सिरदर्द और माइग्रेन फायदेमंद चांगेरी-
सिर के दर्द और माइग्रेन से परेशान लोग चांगेरी की मदद ले सकते हैं। वे खाली पेट चांगेरी के पत्तों को चबाकर उसके ऊपर पानी पी सकते हैं। ऐसा करने से सिर के दर्द के साथ माइग्रेन से भी राहत मिल सकती है।
भूख बढ़ाने का करता है काम-
चांगेरी की खट्टी चटनी भूख बढ़ाती है। डायजेशन और पेट दर्द की समस्या में चांगेरी के दो चम्मच रस में एक चुटकी हींग मिलाकर पिएं। इससे डायजेशन सुधरेगा और पेट दर्द भी दूर होगा।
Disclaimer: यह जानकारी आयुर्वेदिक नुस्खों के आधार पर लिखी गई है। इंडिया टीवी इनके सफल होने या इसकी सत्यता की पुष्टि नहीं करता है। इनके इस्तेमाल से पहले चिकित्सक का परामर्श जरूर लें