Air Pollution Precautions: सर्दियों शुरू होने से पहले ही दिल्ली-एनसीआर की हवा में जहर घुल गया है। दिल्ली और इससे सटे इलाकों में लोग जहरीली हवा में सांस लेने पर मजबूर हो गए हैं। प्रदूषित हवा में कार्बन मोनोऑक्साइड जैसे खतरनाक केमिकल कम्पाउंड भी मौजूद हैं। इसके चलते लोगों को सांस से जुड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। सीने में इंफेक्शन और निमोनिया के मामले भी तेजी से बढ़ रहे हैं। और तो और लोगों को न्यूरोलॉजीकल डिसॉर्डर का भी सामना करना पड़ रहा है। आइए दिल्ली के जानलेवा वायु प्रदूषण के बारे में आपको विस्तार से जानकारी देते हैं।
सीने में इंफेक्शन के मामले
राजधानी दिल्ली में हर साल सर्दी के मौसम में वायु प्रदूषण की समस्या लोगों को घेर लेती है। इस पर हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि ठंडा तापमान प्रदूषकों को फैलने नहीं देते हैं। यही कारण है कि दिल्ली हर साल सर्दियों एयर क्वालिटी सबसे खराब स्तर पर पहुंच जाती है। इससे वायरल इन्फेक्शन के मामले बढ़ने लगते हैं। गले और सीने से जुड़ी समस्याएं सामने आने लगती हैं। कुछ मामलों में सांस फूलना या सीने में दर्द की समस्या भी देखी जा रही है। हवा में घुला ये जहर अस्थमा के मरीजों के लिए जानलेवा साबित हो रहा है। इससे बुजुर्गों या उम्रदराज लोगों को बहुत संभलकर रहना चाहिए।
बच्चों में निमोनिया की शिकायत
डॉक्टर्स का दावा है कि हवा में घुले प्रदूषण के छोटे-छोटे कण सांस लेते वक्त हमारे रेस्पिरेटरी सिस्टम में दाखिल हो जाते हैं। यह कण आकार में जितने छोटे होते हैं, इनके गहराई में उतरने की संभावना भी उतनी ही होती है। यह सीने में इंफेक्शन के साथ-साथ निमोनिया की परेशानी भी पैदा कर रहा है। इससे बच्चों, बुजुर्गों और अस्थमा के मरीजों को मुख्य रूप से संभलकर रहने की सलाह दी जा रही है। यदि आप आंख, नाक या गले में जलन महसूस कर रहे हैं तो ये वायु प्रदूषण का ही कारण हो सकता है।
कैसे होगा बचाव?
नई दिल्ली स्थित एम्स के निदेशक डॉक्टर रणदीप गुलेरिया का कहना है कि दिल्ली के वायु प्रदूषण से बचने के लिए कुछ खास नुस्खे आजमाएं जा सकते हैं। सहसे पहले जरूरत न होने पर घर से बाहर निकलने से बचें। यदि आप बाहर निकल रहे हैं तो पूल कार या सार्वजनिक वाहनों का उपयोग करें। बॉडी को हाइड्रेट रखें। मास्क लगाएं। बीड़ी या सिगरेट पीने से बचें। यदि आपको सांस लेने में तकलीफ हो रही है तो फौरन डॉक्टर्स से संपर्क करें।