Delhi AQI Pollution: 'सिगरेट पीना सेहत के लिए हानिकारक है', लेकिन अगर आप दिल्ली-NCR में रहते हैं और ये सोचकर बेफिक्र हैं कि आप नॉन स्मोकर हैं। सिगरेट नहीं पीते इसलिए आपके लंग्स पूरी तरह सेफ हैं तो जान लीजिए ये आपकी गलतफहमी है। क्योंकि दिल्ली की हवा इतनी जहरीली हो चुकी है कि इसमें सांस लेना ही एक दिन में 20 से ज्यादा सिगरेट पीने के बराबर है। बात डरावनी जरूर लग सकती है। लेकिन ये कड़वा सच है। दिल्ली-NCR में एकबार फिर प्रदूषण विस्फोटक हो चुका है। हर तरफ पराली का जहर हवा में घुल रहा है। देश की राजधानी दिल्ली का AQI लेवल एकबार फिर 300 से काफी ऊपर है। जो आपके लंग्स से लेकर हार्ट, आंख, लिवर, किडनी, पैन्क्रियाज को बीमार कर रहा है।
वैसे ये परेशानी सिर्फ दिल्ली-मुंबई की ही नहीं है। छोटे शहरों में एयर पॉल्यूशन बढ़ने की रफ्तार पहले ही काफी ज्यादा है। मतलब ये कि जल्दी ही छोटे शहर भी खराब हवा और बेहद खराब हवा के Zone में आने वाले है। वैसे आपको बता दें सांस लेने के लिए जो हवा अच्छी मानी जाती है उसका AQI लेवल 50 से कम होना चाहिए। जबकि 300 से ज्यादा का लेवल बहुत खराब माना जाता है। कुछ जगहों को छोड़ दें तो देश में करीब-करीब ज्यादातर जगहों की हवा खराब ही रजिस्टर हो रही है। खासकर सर्दी के मौसम में हवा और ज्यादा खराब हो जाती है। यही वजह है कि प्रदूषण से लोगों की एवरेज एज भी कम हो रही है।
हॉस्पिटल्स में बढ़ रहे हैं रेस्पिरेटरी समस्या के मरीज
जब हर मौसम में किसी ना किसी वजह से बीमार पड़ेंगे तो उम्र क्यों नहीं घटेगी। सर्दी अभी ठीक से आई भी नहीं है और दिल्ली के हॉस्पिटल्स में रेस्पिरेटरी प्रॉब्लम के मामले अचानक 20% बढ़ गए हैं। लोग एलर्जी की परेशानी, सांस लेने में दिक्कत, मूड स्विंग-एंग्जायटी की शिकायत लेकर आ रहे हैं।
दिल्ली ही नहीं इन शहरों का भी है बुरा हाल
दिल्ली ही नहीं नोएडा, गाजियाबाद, गुरुग्राम और फरीदाबाद जैसे शहरो में भी वायु प्रदूषण खतरनाक लेवल पर पहुंच चुका है। WHO की माने तो 300 से ऊपर AQI फेफड़ों के लिए घातक होता है। पिछले कुछ सालों में 63% भारतीय PM-2.5 पॉल्यूशन की गंभीर जद में आ चुके हैं। छोटे शहर जैसे भोपाल (75%) इंदौर (74%) रायपुर (58%) रांची (95%) का भी बुरा हाल है।
एयर क्वालिटी इंडेक्स के मानक
मीटर की तरह एनिमेटेड प्रदूषण के लेवल को अलग अलग रंगो जैसे ग्रीन, येलो और रेड पर मापा जाता है। एयर क्वालिटी इंडेक्स अगर 0-50 के बीच है तो ये बेहतर है। अगर 51-100 के बीच है तो संतोषजनक है। 101 से 200 के बीच नॉर्मल है। 201 से 300 के बीच खराब और 301 से 400 के बीच बहुत खराब माना जाता है। 401 से 500 के बीच गंभीर हो जाता है।
स्मॉग से घट रही है उम्र
प्रदूषण की वजह से दिल्ली NCR में रहने वाले लोगों की उन 10 साल कम हो रही है। वहीं जो लोग उत्तर भारत में रहते हैं उनकी 7 साल तक कम हो रही है। दक्षिण भारत में प्रदूषण की वजह से लोगों की औसत आयु 5 साल तक कम हो रही है। प्रदूषण से हर साल 20 लाख लोगों की मौत हो रही है। पूरी दुनिया में हर हर साल 70 लाख लोगों की मौत की वजह प्रदूषण होती है।