कभी रेड अलर्ट तो, कभी येलो अलर्ट। सर्दी का सितम कम होने पर ठंड से थोड़ी राहत क्या मिली। मौसम विभाग ने फिर से एक अलर्ट जारी कर दिया और इस बार चेतावनी हवा के बेहद खराब होने की है वो भी सिर्फ दिल्ली एनसीआर में नहीं, पश्चिम में लेकर पूर्व तक यानी पूरे उत्तर भारत की हवा खराब है। अब ऐसे में आदमी करे भी तो क्या करे। हालांकि, ये जो मीठी-मीठी सर्दी पड़ रही है ये बसंत की आहट का ही एहसास करा रही है। कल बसंत पंचमी है। तभी तो ऑफिस से लेकर घर तक, चारों ओर पीले रंग की बहार है। शहर से थोड़ी दूर निकल जाइए तो दूर-दूर तक सरसों के पीले फूलों से ढके खेत नजर आते हैं।
जल्दी ही कोयल की कूक भी सुनाई देगी मौसम के साथ कुदरत अपना हर रंग दिखाएगी लेकिन दिक्कत ये है कि जहरीली हवा और स्मॉग की चादर दीवार बनकर हमें खुली हवा में सांस नहीं लेने देगी। बिल्कुल ठीक बात पिछले साल यानी 2022 में सिर्फ 3 दिन ऐसे थे जब दिल्ली NCR के लोगों को साफ हवा मिली, वैसे भी देश की 93 फीसदी आबादी जिस हवा में सांस ले रही है वो जहरीली है। प्रदूषण को लेकर जितना गंभीर होने की जरुरत है हम अब भी उतने सीरियस नहीं है और यही वजह है कि 53% परिवार वायरल और सांस की परेशानी से जूझ रहे हैं। देश में पॉल्यूशन का लेवल WHO के सेफ standards से कहीं ज्यादा है नतीजा एयर पॉल्यूशन सिर्फ जान ही नहीं ले रहा जो जिंदा हैं उनकी उम्र भी करीब डेढ़ साल कम कर रहा है। इतना ही नहीं हुसैन, जहरीली हवा में सांस का असर लोगों के दिमाग पर भी पड़ता है। लोगों की सहनशक्ति कम हो रही है। गुस्सा बढ़ रहा है।
बिल्कुलइसी महीने एन्वायरमेंट जर्नल में एक रिपोर्ट छपी है जिसके मुताबिक साफ हवा घरों के आसपास हरियाली लोगों को नेचुरली मजबूत करती है, इंसान खुश रहते हैं और इससे अपराध भी कम होते हैं। जब साफ हवा, अच्छे एन्वायरमेंट और खुश रहने के इतने फायदे हैं...तो क्यों नहीं इसे अपनाया जाए...
एयर पॉल्यूशन जानलेवा बीमारी का कारण
40% COPD
20% डायबिटीज
20% हार्ट डिजीज
30% रेस्पिरेटरी इंफेक्शन
19% लंग कैंसर
26% स्ट्रोक
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एयर पॉल्यूशन, सांसों पर संकट
ब्रोंकाइटिस
टीबी
अस्थमा
थकान
सिरदर्द
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पॉल्यूशन का प्रहार, स्ट्रेस हार्मोन बढ़ा
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