दिमाग को शांत करने और पॉजिटिव एटीट्यूड रखने वाले लोग तेजी से कम हो रहे हैं। एक स्टडी में देश के 35% लोगों ने ये माना कि वो निगेटिव इमोशंस की गिरफ्त में हैं। मतलब ये कि तरीका जो भी हो खुश रहना और खुश रखना सीखिए। काम के चक्कर में जो लोग दूसरों से कट जाते हैं वो लोग जल्दी डिप्रेशन की गिरफ्त में आ जाते हैं। हालांकि डिप्रेशन में पहुंचने का कोई फिक्स फॉर्मूला नहीं है। इसकी वजह कुछ भी हो सकती है। डिप्रेशन का पता लगाने के लिए तरह-तरह के साइंटिफिक तरीके भी ढूंढ़े जा रहे हैं। अब AI यानि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद ली जा रही है।
AI बताएगा कहीं आप डिप्रेशन के शिकार तो नहीं?
एक ऐसी ही कोशिश PGI लखनऊ ने AIIMS और IIT कानपुर की मदद से की है। इस एप में पहले कुछ सवाल पूछे जाते हैं और फिर वॉइस सैंपल और जवाबों के जरिए ये एसेस किया जाता है कि इंसान डिप्रेशन में है या नहीं? वैसे ये पता चलना और एक्सेप्ट कर लेना कि आप डिप्रेशन में हैं, आधी जीत है क्योंकि ज्यादातर मामलों में लोगों को पता ही नहीं होता है कि वो डिप्रेशन के शिकार हैं।
डिप्रेशन से कैसे निकालें?
अगर पता चल जाए तो डिप्रेशन का आसानी से इलाज किया जा सकता है। कई बार दवा की जरूरत होती है तो कई बार परिवार और दोस्तों की मदद से ही निकला जा सकता है। जिंदगी के प्रति नजरिया पॉजिटिव रखने से, नेचर के करीब जाने से, लोगों से बात करने से, वर्कआउट करने से और सुबह जल्दी उठने से डिप्रेशन को कम किया जा सकता है। योग भी और व्यायाम से हैप्पी हार्मोन्स डोपामाइन, सेरोटोनिन और एंडोर्फिन रिलीज होते हैं जानिए कैसे योग से तनाव और डिप्रेशन को कम किया जा सकता है?
WHO का अलर्ट
जीवन से नाखुश हैं 35% भारतीय
निगेटिव इमोशंस का सेहत पर खतरा
गिरफ्त में 20 करोड़ से ज्यादा लोग
हर 7 में से 1 को मेंटल डिसऑर्डर
क्यों होता है डिप्रेशन?
जीवन में कोई हादसा
आर्थिक तंगी
हार्मोनल चेंजेज
मौसम में बदलाव
डिप्रेशन के लक्षण
रेटिना में बदलाव
नींद नहीं आना
बात-बात पर गुस्सा
नज़र कमज़ोर होना
पाचन खराब होना
सिर और पेट में दर्द
पर्सनैलिटी में करें ये बदलाव
रोज वर्कआउट
प्रॉपर रुटीन
स्ट्रॉन्ग विल पावर
प्रेशर में भी काम
लक्ष्य तय होना
आलस से दूर
सेल्फ मोटिवेशन
भरपूर एनर्जी
खुलकर बात करना
बदलाव के लिए तैयार रहना
डिप्रेशन दूर करने के लिए योगासन
सुखासन
बालासन
भुजंगासन
सेतु बंधासन
अनुलोम विलोम
प्राणायाम करें