Pongal 2024: आज से पोंगल का त्योहार शुरू है जो कि 4 दिनों तक चलता है। ये त्योहार मूलरूप से साउथ इंडिया में मनाया जाता है। ये त्योहार 4 दिनों तक चलता रहता है और हर दिन खास है। हर दिन को अलग-अलग तरीके से घर की सजावट होती है और अलग-अलग चीजें बनती हैं। तो, जानते हैं फसलों और जानवरों से जुड़े इस खास पर्व के बारे में विस्तार से। साथ ही जानेंगे 4 दिनों में इसके अलग-अलग नाम (4 days of pongal) कौन से हैं।
1. भोगी पोंगल पर जलाते हैं बोनफायर और फूलों की रंगोली
पोंगल के पहले दिन को भोगी पोंगल कहा जाता है, जो आज 15 जनवरी को मनाया जा रहा है। इस दिन घरों को साफ करने और वेस्ट चीजों को त्यागने की प्रथा है। इस दिन का उत्सव पंजाब में लोहड़ी त्योहार की तरह होता है जिसमें बोनफायर जलाकर अलाव के चारों ओर घूमा जाता है। साथ ही घर के आगे फूलों की रंगोली पोकलम बनता है। तो, इस दिन मुख्य रूप से बोनफायर जलाया जाता है।
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2. थाई पोंगल पर सूर्य की पूजा होती है
पोंगल के दूसरे दिन को थाई पोंगल कहा जाता है। इस दिन सूर्य की पूजा होती है और इस सकराई पोंगल (Sakkarai Pongal) खाई जाती है। ये असल में गुड़ के चावल हैं जो कि गुड़, मूंग, इलायची पाउडर, घी, काजू, किशमिश और दूध से बनाए जाते हैं।
3. मट्टू पोंगल
मट्टू पोंगल में खासतौर पर बैल की पूजा होती है। इस दिन पशुओं की पूजा होती है। इस दिन मवेशियों को नहलाया जाता है, सजाया जाता है और अच्छी तरह से खाना खिलाया जाता है और किसान खेती की गतिविधियों में उनकी मदद के लिए उन्हें प्रणाम करते हैं। इस दिन सांडों की लड़ाई का आयोजन किया जाता है, जिसे जल्लीकट्टू के नाम से जाना जाता है।
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4. कानूम पोंगल
कानुम पोंगल पर आखिपी दिन लोग एक-दूसरे से मिलते हैं। एक-दूसरे के यहां मिठाईयां लेकर जाता है। इस दिन हल्दी के पत्ते पर विशेष पकवान बनाया जाता है। इस दिन कन्याओं की पूजा होती है। इस प्रकार से पोंगल के 4 दिन के त्योहार को माना जाता है।