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कोरोना वायरस: 26 प्रतिशत लोगों में दिखें फ्लू, नाक बहने सहित ये लक्षण: सर्वे

आईएएनएस सी वोटर कोविड-19 ट्रेकर से पता चला है कि 26 प्रतिशत से ज्यादा लोग फ्लू जैसे लक्षणों के साथ पाए गए हैं, जिसमें हाई फीवर, कोल्ड, सूखी खांसी शामिल है।

Written by: IANS
Published on: July 23, 2020 23:46 IST
 कोरोना वायरस से संक्रमित 26 प्रतिशत लोगों में दिखें फ्लू, नाक बहने सहित ये लक्षण: सर्वे- India TV Hindi
Image Source : FILE PHOTO  कोरोना वायरस से संक्रमित 26 प्रतिशत लोगों में दिखें फ्लू, नाक बहने सहित ये लक्षण: सर्वे

भारत में बीते 24 घंटे में गुरुवार को कोरोनावायरस के सर्वाधिक 45,720 नए मामले दर्ज किए गए और इसके साथ ही संक्रमितों का आंकड़ा बारह लाख के पार पहुंच गया है। आईएएनएस-सी-वोटर द्वारा किए गए सर्वेक्षण का कहना है कि 91 फीसदी से अधिक भारतीय कोविड-19 के किसी भी सक्रिय मामले के संपर्क में नहीं आए हैं। 

आईएएनएस सी वोटर कोविड-19 ट्रेकर से पता चला है कि 26 प्रतिशत से ज्यादा लोग फ्लू जैसे लक्षणों के साथ पाए गए हैं, जिसमें हाई फीवर, कोल्ड, सूखी खांसी शामिल है। इसमें से सबसे सामान्य लक्षण नाक बंद होना, कोल्ड और नाक बहना शामिल है। ये लक्षण अधिकतर 5 प्रतिशत लोगों में पाए गए हैं। 1,723 लोगों में कराए गए सर्वेक्षण के आधार पर, 26.05 प्रतिशत लोगों में फ्लू के विभिन्न लक्षण देखे गए। जिनमें से अधिकतम 4.99 प्रतिशत लोगों में नाक बंद होना, कोल्ड और नाक बहने के लक्षण देखे गए। इन लोगों में सबसे कम बदन दर्द के केवल 2.67 प्रतिशत लक्षण देखे गए।

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दूसरा सबसे सामान्य लक्षण बुखार का मिला, जो 4.62 प्रतिशत लोगों में देखा गया। इसके बाद सूखी खांसी-4.26 प्रतिशत, थकान- 3.82 प्रतिशत, सांस लेने में कठिनाई-2.99 प्रतिशत और गले में दर्द-2.68 प्रतिशत का स्थान है।

आईएएनएस-सी-वोटर सर्वेक्षण के नतीजे के मुताबिक, जब लोगों से पूछा गया कि वे निम्नलिखित उक्ति में किससे अधिक सहमत हैं या असहमत हैं - मुझे डर है कि मेरे या मेरे परिवार का कोई सदस्य वास्तव में कोरोनावायरस की चपेट में आ सकता है - 59.9 प्रतिशत लोगों ने इससे सहमति जताई जबकि 34.9 ने असहमति व्यक्त की।

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लोगों की इस प्रतिक्रिया से पता चलता है कि संक्रमण के खतरे का डर उनमें कितना ज्यादा है। इस सर्वेक्षण को चार महीने की अवधि में पूरा किया। मार्च में राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन लगाए जाने के कुछ दिनों पहले अपने संक्रमित होने को लेकर कई लोगों ने चिंतित नजर आए थे और 31 मार्च के बाद से एक प्रवृत्ति सामने आई जिसके तहत लोगों को लगा कि उनके खुद के या परिवार के किसी सदस्य के वास्तव में महामारी से संक्रमित होने की आशंका है।

कोरोनावायरस की चपेट में आने की यह प्रवृत्ति लोगों में 31 मार्च से लेकर 30 मई तक और भी ज्यादा देखी गई। जून में देश में कोरोनावायरस के मामलों में प्रतिदिन के हिसाब से जब ज्यादा उछाल देखा गया तो लोगों में संक्रमण का खतरा और भी बढ़ गया। सर्वेक्षण से पता चलता है कि जुलाई में कई लोग इस बात से चिंतित नजर आए कि उनके परिवार के किसी न किसी सदस्य में इससे संक्रमित होने की आशंका है।

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