Highlights
- भारत में हर 4 में से एक टीबी मरीज
- तीसरी लहर के बाद बढ़ टीबी के 25% मामले बढ़े
- पीएम का अभियान 'टीबी मुक्त भारत'
Yoga Tips: कोई भी जंग अकेले नहीं लड़ी जाती है। जीत तभी मुमकिन है, जब सब एकजुट होकर मुकाबला करें। ठीक वैसे ही जिस तरह पूरी दुनिया ने एक साथ मिलकर कोरोना को हराया। कोरोना तो हार गया, लोग महामारी के दिनों को भयानक सपने की तरह भूलने भी लगे लेकिन कोरोना के साइड इफेक्ट्स लंग्स को कमजोर कर गए। कमजोर लंग्स यानी कमजोर इम्यूनिटी, जिसके कारण देश में ट्यूबरक्लोसिस का हमला तेज हो गया। कोरोना से रिकवर होने के बाद लोग अब टीबी के शिकार हो रहे हैं। यही वजह है कि कोरोना के बाद टीबी के 25 परसेंट मामले बढ़े हैं। जबकि प्रधानमंत्री 2025 तक भारत को हर हाल में 'टीबी मुक्त' बनाना चाहते हैं। बकायदा देश में इसके लिए अभियान चलाया गया है ताकि लाखों जान बचाई जा सके।
रजत शर्मा बने निक्षय मित्र
जब हालात इतने गंभीर हों तो मिलकर लड़ने के फलसफे पर ही चलना होगा। तभी तो देश की कई संस्थाएं, कई लोग पीएम के इस अभियान से जुड़ रहे है। जिसमें एक नाम हमारे चैनल इंडिया टीवी के 'एडिटर इन चीफ' रजत शर्मा का भी है। आपको बता दें कि पीएम ने टीबी पेशेंट को मदद करने वाले लोगों को ''निक्षय मित्र'' का नाम भी दिया है।
भारत में हर 4 में से एक टीबी मरीज
ये काफी अच्छी पहल है, इस वक्त मदद की जरूरत भी है, क्योंकि 2020 में टीबी से 15 लाख लोगों की जान गई थी। चिंता की बात इसलिए भी है क्योंकि भारत में हर चार में से एक शख्स टीबी पेशेंट है। मतलब पूरी दुनिया के 27 परसेंट टीबी मरीज भारत में हैं। ऐसे में ट्यूबरक्लोसिस को लेकर जीरो टॉलरेंस दिखाने की जरूरत है। क्योंकि इसका एक मरीज 5 से 15 लोगों को संक्रमित कर सकता है।
सिर्फ लंग्स ही नहीं और अंग भी खतरे में
यहां एक और बात साफ कर दें, टीबी सिर्फ लंग्स को ही अफेक्ट नहीं करता। ये शरीर के किसी भी हिस्से को जकड़ सकता है। जिसका कई बार पता लगाना भी मुश्किल हो जाता है। बिल्कुल टीबी दो तरह का होता है- एक पल्मोनरी टीबी, जो फेफड़े में होता है। दूसरा एक्स्ट्रा पल्मोनरी टीबी, जो बोन्स, यूट्रस, इंटेस्टाइन या फिर शरीर के दूसरे हिस्से में फैलता है। जो फेफड़े वाला टीबी है, वो मरीज के खांसने-छींकने, मुंह-नाक से निकलने वाले ड्रॉपलेट्स के जरिए फैलता है।
कोविड साइड इफेक्ट, टीबी का बढ़ा रिस्क
- रिकवरी के बाद, टीबी के शिकार
- तीसरी लहर के बाद बढ़ टीबी के 25% मामले बढ़े
- पीएम का अभियान 'टीबी मुक्त भारत'
साइलेंट किलर है टीबी (साल 2020)
मौत - 15 लाख लोग
बीमार - 1 करोड़ लोग
साइलेंट किलर है टीबी (हर रोज)
मौत - 4100 लोग
बीमार- 28 हजार
2 तरह की होती है टीबी
- पल्मोनरी टीबी यानी फेफड़ों में होने वाली टीबी (यह संक्रामक है)
- एक्स्ट्रा पल्मोनरी टीबी यानी हड्डी, यूट्रस, बॉडी पार्ट में होने वाली टीबी (यह गैर संक्रामक है)
कैसे फैलता है टीबी?
- खांसना
- छींकना
- ड्रॉपलेट्स
टीबी के 6 लक्षण - हेडर
- सूखी खांसी
- बलगम में खून
- सीने में दर्द
- सुस्ती-बेचैनी
- भूख कम लगना
- हल्का बुखार
लंग्स बनाएं मजबूत
- कच्ची हल्दी को दूध में पकाएं
- हल्दी दूध में शिलाजीत मिलाएं
- रोजाना हल्दी दूध पीना फायदेमंद
टीबी में कारगर
- लहसुन
- तुलसी
- नींबू
- संतरा
- पपीता
- तरबूज
- पालक
- अदरक
- कच्ची हल्दी
टीबी से निजात, घरेलू इलाज
एक पका केला
1 कप नारियल पानी
आधा कप दही
1 चम्मच शहद
(सभी को मिलाएं दिन में दो बार खाएं)
शहद - 200 ग्राम
मिश्री - 200 ग्राम
गाय का घी - 100 ग्राम
(सभी को मिलाएं, 6-6 ग्राम बार-बार लें और गाय का दूध पीएं)
मुलेठी चबाएं
लौकी जूस पीएं
अखरोट-लहसुन घी में भूनकर लें
टीबी में मोरिंगा रामबाण
- रोज पत्तियों को उबालकर पीएं
- सहजना की सब्जी खाएं
टीबी जानलेवा, संजीवनी आंवला
- आंवले का पाउडर और 1 चम्मच शहद को मिलाकर पेस्ट बनाएं और सुबह खाली पेट खाएं
पुदीना गुणकारी, टीबी पर भारी
- 1 चम्मच पुदीने का रस
- 2 चम्मच शहद
- 2 चम्मच सिरका
- आधा कप गाजर जूस
(सभी को मिलाएं और दिन में तीन बार पीएं)
ट्यूबरक्लोसिस में कैसे रखें अपना ख्याल
- खाने में खिचड़ी लें
- रोज दूध-पनीर खाएं
- ताजे फल-सब्जियां लें
- साबुत अनाज खाएं
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