हरियाणा का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा? ताजा रुझानों में कांग्रेस और बीजेपी में कांटे की टक्कर चल रही है। लेकिन कांग्रेस आश्वस्त है कि इस बार हरियाणा में पार्टी के हाथों में सत्ता आ सकती है ऐसे में इस बात को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं कि कांग्रेस की जीत की स्थिति में मुख्यमंत्री कौन बनेगा? पार्टी के कई दिग्गज नेता सीएम पद के लिए अपना दावा चुके हैं। तो चलिए जानते हैं किन नेताओं का नाम सामने आ रहा हैं।
भूपेंद्र सिंह हुड्डा
हरियाणा के पूर्व सीएम और निवर्तमान विधानसभा में विपक्ष के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा सीएम बनने की रेस में सबसे आगे बताए जा रहे हैं। अपनी दावेदारी सीएम पद के लिए यह कहकर दर्ज करा दी है कि वह अभी रिटायर्ड नहीं हुए हैं। उन्होंने कहा, न मैं टायर्ड हूं, न रिटायर्ड हूं। जब युवाओं को मौका देने की बात कही गई, तो उल्टे भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने सवाल पूछा लिया, क्या मैं युवा नहीं हूं? बता दें कि हुड्डा ने साल 2005 से लेकर 2014 तक हरियाणा की कमान संभाली थी।
कुमारी शैलजा
सिरसा से कांग्रेस सांसद और दलित नेता कुमारी शैलजा के नाम पर भी खूब चर्चा हो रही है। वह इस लिस्ट में भूपेंद्र हुड्डा के बाद आ रही हैं। मतगणना से पहले भी हुड्डा और शैलजा ये दोनों नेता मीडिया से मुखातिब हुए और मुख्यमंत्री पद के लिए अपनी सीधी दावेदारी पेश करने से बचते हुए गेंद आलाकमान के पाले में डालते दिखे थे। हालांकि लोकसभा चुनाव में दलित समुदाय के एक बड़े हिस्से का कांग्रेस को समर्थन, राहुल गांधी द्वारा सामाजिक न्याय एवं संविधान के प्रति बार-बार प्रतिबद्धता जताना, दलित महिला को मुख्यमंत्री बनाने के राष्ट्रव्यापी संदेश, कुछ ऐसे कारक हैं, जो कुमारी शैलजा की दावेदारी को पुख्ता बनाते हैं।
कुमारी शैलजा ने अपनी दावेदारी ठोकते हुए कहा था, कांग्रेस मेरे अनुभव और पार्टी के प्रति मेरी निर्विवाद निष्ठा को खारिज नहीं कर सकती हैं। मैं कांग्रेस की वफादार सिपाही हूं और हमेशा रहूंगी। हर कोई जानता है कि कांग्रेस में सीएम को लेकर फैसला पार्टी आलाकमान करती है।
रणदीप सिंह सुरजेवाला
हुड्डा और शैलजा के साथ ही कांग्रेस महासचिव रणदीप सुरजेवाला भी मुख्यमंत्री पद की रेस में शामिल हैं। सुरजेवाला की दावेदारी भी मजबूत दिख रही है। उन्होंने कैथल के एक पोलिंग बूथ पर हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 के लिए अपना वोट डालने के बाद मुख्यमंत्री बनने की इच्छा जाहिर की थी। सुरजेवाला ने अपनी दावेदारी ठोकते हुए कहा- मुख्यमंत्री बनने की महत्वाकांक्षा रखने में कुछ गलत नहीं है। हम सीएम चेहरे के लिए राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के दिए गए फैसले को एक्सेप्ट करेंगे।
दीपेंद्र हुड्डा
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के बेटे दीपेंद्र हुड्डा का नाम भी बातचीत का विषय बना हुआ है। कयास है कि अगर भूपेंद्र सिंह हुड्डा को सीएम पद की रेस से बाहर होते हैं तो ऐसे में अपने बेटे का नाम सामने कर सकते हैं।
हालांकि, कांग्रेस आलाकमान की ओर से अभी कोई नाम आगे नहीं बढ़ाया गया है। कांग्रेस में मुख्यमंत्री पद को लेकर पेंच फंसने पर अतीत में कई बार ऐसा भी देखा गया कि कोई छुपा रुस्तम सामने आ गया। हाल-फिलहाल में यह पंजाब में देखा गया था, जब पार्टी ने तीन साल पहले दलित नेता चरणजीत सिंह चन्नी को मुख्यमंत्री बनाया था। राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि कांग्रेस आलाकमान के मनमाफिक फैसले के लिए यह भी जरूरी है कि कांग्रेस को प्रचंड बहुमत मिले, क्योंकि पार्टी को साधारण बहुमत मिलता है, तो फिर हुड्डा का पलड़ा भारी हो सकता है, क्योंकि उम्मीदवारों में उनके समर्थकों की संख्या अधिक मानी जाती है।
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