करनाल में आज प्रदेश भर के हजारों लिपिक कर्मचारी सीएम आवास का घेराव करने निकले तो पुलिस ने उन्हें रास्ते मे रोक लिया। इसके बाद सभी कर्मचारी सड़क पर धरने पर बैठ गए। ये हजारों लिपिक कर्मचारी न्यूनतम वेतनमान 35,400 करने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। विभिन्न विभागों के लिपिकीय वर्ग के कर्मचारियों ने जोरदार प्रदर्शन किया। ये कर्मचारी सुबह सेक्टर-12 पार्क में इकट्ठे हुए। वहां पर करीब 3 घंटे तक सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। फिर दोपहर को सैकड़ों की संख्या में कर्मचारी सड़कों पर उतरे और प्रेम नगर स्थित सीएम आवास का घेराव करने के लिए रवाना हुए।
करनाल मेयर रेनू बाला ने लिया ज्ञापन
भीषण गर्मी होने के बाद भी सभी कर्मचारी पुलिस द्वारा रास्ता रोकने पर सड़क पर बैठे गए और न्यूनतम वेतनमान 35,400 करने की मांग करते रहे। अंबेडकर चौक पर 15 मिनट तक बैठने पर करनाल मेयर रेनू बाला गुप्ता मौके पर पहुंची और उनका ज्ञापन लिया। मेयर ने लिपिकों से कहा कि उनकी मांग सरकार तक जरूर पहुंचाई जाएगी।
लिपिक कर्मचारियों को सम्मानजनक वेतन नहीं
प्रदर्शन करने पहुंचे कर्मचारियों ने बताया कि लिपिक वर्ग किसी भी सरकार, विभाग में रीढ़ की हड्डी के रूप में कार्य करता है। बावजूद इसके सम्मानजनक वेतन नहीं दिया जा रहा। लिपिक वर्ग ने क्लेरिकल एसोसिएशन वेलफेयर सोसायटी का गठन करके लोकतांत्रिक व संवैधानिक तरीके से अपनी आवाज उठाई। लेकिन जिला प्रशासन से लेकर सरकार तक ने कोई ध्यान नहीं दिया।
जल्द मांगें नहीं मानी मानी तो ले सकते हैं बड़ा फैसला
CAWS के राज्य प्रधान विक्रांत तंवर ने इस दौरान कहा कि सरकार द्वारा सभी लिपिकों का न्यूनतम वेतनमान 19,900 (एफपीएल-2) की कैटेगरी में रखा गया है, जबकि ये लोग 35,400 एफपीएल-6 की सम्मानजनक मांग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने अगर अब भी उनकी इस मांग पर कोई सुनवाई नहीं की तो आगामी आंदोलन की तैयारी कर सरकार के खिलाफ सभी लिपिक बड़ा फैसला ले सकते हैं।
(रिपोर्ट- अमित भटनागर)
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