चंडीगढ़ः हरियाणा में तीन निर्दलीय विधायकों का बीजेपी सरकार से समर्थन वापसी के बाद प्रदेश में राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है। कांग्रेस जहां बीजेपी सरकार से नैतिकता के आधार पर सीएम नायब सैनी का इस्तीफा मांग रही है वहीं पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर ने दावा किया है कि उनके संपर्क में कुछ विधायक हैं। इस बीच हरियाणा विधानसभा के स्पीकर ज्ञान चंद गुप्ता ने कहा कि तीन निर्दलीय विधायकों का सरकार से समर्थन वापस लेने की सूचना विधानसभा के पास फिलहाल नहीं है। सरकार अल्पमत में है या बहुमत में इसका निर्णय सदन में होता है।
स्पीकर ने कही ये बात
उन्होंने कहा कि अल्पमत पर निर्णय राज्यपाल की तरफ से लिया जाता है। अभी तक विधानसभा को राज्यपाल की तरफ से भी कोई सूचना नहीं मिली है। विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता ने कहा कि 12 मार्च को मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी का फ्लोर टेस्ट हुआ था। जिसमें कांग्रेस विधायकों और आईएनएलडी विधायक को छोड़ कर सभी विधायकों ने बीजेपी को समर्थन दिया। तब विधानसभा में भाजपा के पास 40 विधायक, 30 कांग्रेस, 10 जेजेपी, 6 निर्दलीय, 1 हलोपा और 1 विधायक आईएनएलडी का शामिल था। तब नायब सिंह सैनी ने अपना बहुमत साबित किया था।
स्पीकर ने दिया इस नियम का हवाला
विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता ने विधानसभा की परंपरा के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि किसी भी सरकार में बहुमत सिद्ध किए जाने के छह महीने के भीतर दोबारा फ्लोर टेस्ट नहीं होता है। तीन निर्दलीय विधायकों के मामले में यदि राज्यपाल विधायकों का समर्थक लेने के बारे कोई निर्णय लेते हैं तो इसके बाद सरकार के दावेदार को विधानसभा सदन में अल्पमत या बहुमत होने की जानकारी देनी होती है। उन्होंने कहा कि विधानसभा में 88 विधायक हैं और भाजपा के पास पूर्ण बहुमत है। बता दें कि मंगलवार को तीन निर्दलीय विधायकों ने सरकार से समर्थन वापस ले लिया। इसकी वजह से सरकार अल्पमत में आ गई है।
रिपोर्ट- उमंग श्योराण