Monday, November 25, 2024
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हरियाणा विधानसभा में चंद्रयान-3 की ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ पर प्रस्ताव पारित, लेकिन 'अपने-अपने पीएम' को क्रेडिट देने पर अड़े

हरियाणा विधानसभा ने चंद्रयान-3 की सफल ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ की सराहना करते हुए आज एक प्रस्ताव पारित किया। लेकिन इस प्रस्ताव के बाद ही सदन में दोनों तरफ से क्रेडिट देने को लेकर बयानबाजी देखने को मिली।

Edited By: Swayam Prakash @swayamniranjan_
Published on: August 25, 2023 19:19 IST
Haryana Assembly- India TV Hindi
Image Source : FILE PHOTO हरियाणा विधानसभा में सीएम मनोहर लाल खट्टर

हरियाणा विधानसभा ने चंद्रमा की सतह पर चंद्रयान-3 की सफल ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ की सराहना करते हुए शुक्रवार को एक प्रस्ताव पारित किया। यहां सत्र के शुरुआती दिन में मुख्यमंत्री मनोहरलाल ने सदन में प्रस्ताव पेश किया। अंतरिक्ष अभियान में बड़ी छलांग लगाते हुए भारत का चंद्र मिशन ‘चंद्रयान-3’ बुधवार शाम 6.04 बजे चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरा, जिससे देश चांद के इस क्षेत्र में उतरने वाला दुनिया का पहला तथा चंद्र सतह पर सफल ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ करने वाला दुनिया का चौथा देश बन गया है। 

प्रधानमंत्री को क्रेडिट देने पर बयानबाजी

हालांकि इस दौरान भी सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच इस सफलता का क्रेडिट देने को लेकर बयानबाजी देखने को मिली।
जहां एक ओर मुख्यमंत्री मनोहरलाल ने इस ऐतिहासिक उपलब्धि के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को बधाई दी। तो नेता विपक्ष भूपेन्द्र सिंह हुड्डा ने प्रस्ताव का समर्थन तो किया लेकिन साथ में ये भी कहा कि यह उपलब्धि सिर्फ पांच या सात साल की कड़ी मेहनत में हासिल नहीं हुई है। हुड्डा ने आगे कहा, ‘‘जब इसरो की शुरुआत हुई, तो इसमें देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू से लेकर हर प्रधानमंत्री का योगदान रहा।’’ हुड्डा ने प्रस्ताव में इस बात को जोड़ने की मांग की। 

14 दिन से भी ज्यादा चांद पर घूमेगा रोवर प्रज्ञान
गौरतलब है कि इसरो के सबसे अहम मिशन चंद्रयान-3 का लैंडर विक्रम बुधवार शाम 6.04 बजे चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरा और इसने इस मिशन की ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ के साथ एक टास्क पूरा किया। इसके बाद इसरो ने कल घोषणा की थी कि रोवर प्रज्ञान लैंडर से बाहर निकल गया है। जिसके बाद उसने संदेश भेजा, ‘‘भारत ने चांद पर चहलकदमी की।’’ कुल 1752 किलोग्राम वजनी लैंडर और रोवर चंद्रमा के वातावरण का अध्ययन करने के लिए एक मून-डे की रोशनी में ऑपरेट करने के लिए डिजाइन किए गए हैं। हालांकि इसरो को उम्मीद है कि ये मिशन केवल एक चंद्र दिवस या पृथ्वी के 14 दिन तक सीमित नहीं रहेगा बल्कि चांद पर फिर से सूरज की रोशनी निकलने पर यह दोबारा एक्टिव हो सकता है।

(इनपुट- PTI)

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