महेंद्रगढ़: टिकट नहीं मिलने पर बीजेपी से बगावत कर महेंद्रगढ़ सीट से निर्दलीय नामांकन करने वाले रामबिलास शर्मा को मना लिया गया है। पूर्व शिक्षा मंत्री व प्रदेश अध्यक्ष रामबिलास शर्मा ने गुरुवार को कहा कि वह चुनाव नहीं लड़ेंगे और उन्हें पार्टी का फैसला मंजूर है और वह पार्टी के साथ खड़े रहेंगे। उन्होंने कहा कि वह जल्द ही अपना पर्चा वापस लेंगे।
पूर्व केंद्रीय मंत्री पहुंचे थे मनाने
इससे पहले पूर्व केंद्रीय मंत्री कैलाश चंद चौधरी और जिला प्रभारी शंकर धुप्पड़ उन्हें मनाने के लिए उनके आवास पर पहुंचे थे। पार्टी प्रत्याशी कंवर सिंह यादव भी गुरुवार सुबह उनके सतनाली आवास पर उन्हें मनाने के लिए पहुंचे थे। मीटिंग के दौरान पूर्व मंत्री रामबिलास शर्मा और कार्यकर्ता भावुक हो गए। उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा कि जिस व्यक्ति ने हरियाणा में पार्टी को खड़ा किया, वो उसी की नहीं हुई तो आम कार्यकर्ता की कैसे होगी? अब वो कहां जाएंगे?
रामबिलास और कार्यकर्ता हुए भावुक
कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि उनका 55 साल का संघर्ष रहा है। इस दौरान मैंने डंडा नहीं बदला, झंडा नहीं बदला और एजेंडा नहीं बदला। आपको मेरे इमान की कसम, मेरे जयराम भगवान की कसम, आप भावुक होकर मुझे कमजोर न करें, नहीं तो मैं टूट जाऊंगा। जिंदगी 10 साल या 15 साल की है, मुझे अंत में उस झंडे के साथ ही रहने दीजिए। मीटिंग में सभी कार्यकर्ता भावुक हो गए और उन्होंने पूर्व केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी एवं चुनाव प्रभारी को खरी-खोटी सुनाई।
बीजेपी से कर दी थी बगावत
बता दें कि बीजेपी ने पूर्व शिक्षा मंत्री और अपने सीनियर नेता रामबिलास शर्मा को महेंद्रगढ़ से टिकट नहीं दिया था। पार्टी ने कंवर सिंह यादव को अपना प्रत्याशी बनाया है। इससे नाराज होकर शर्मा ने निर्दलीय नामांकन दाखिल कर दिया था। इस दौरान केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह समेत बीजेपी के कई सीनियर नेता भी मौजूद थे। हरियाणा में नई सरकार के गठन के लिए 5 अक्टूबर को प्रदेश की सभी 90 सीटों पर वोट डाले जाएंगे। वहीं, 8 अक्टूबर को चुनावी नतीजे घोषित किए जाएंगे।
इनपुट-IANS